Thursday, January 26, 2023

पन्ना में 74वां गणतंत्र दिवस पर खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया ध्वजारोहण

पन्ना। देश का 74वां गणतंत्र दिवस समारोह पन्ना जिले में भी हर्षोल्लास एवं गरिमामय ढंग से मनाया गया। जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन स्थानीय पुलिस परेड ग्राउण्ड में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने सुबह 9 बजे ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। इस दौरान राष्ट्रगान की धुन बजाई गई और हर्ष फायर किया गया।




ध्वजारोहण के पश्चात मंत्री श्री सिंह ने खुली जिप्सी में कलेक्टर संजय कुमार मिश्र और पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा के साथ परेड का निरीक्षण किया। रक्षित निरीक्षक देविका सिंह बघेल भी साथ थीं। मुख्य अतिथि ने प्रदेश की जनता के नाम संबोधित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के संदेश का वाचन कर आकाश में गुब्बारे छोड़े। समारोह में परेड की विभिन्न टुकड़ियों द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट का प्रदर्शन किया गया। अतिथियों ने टोली नायकों से परिचय प्राप्त किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व प्रजातंत्र रक्षकों का सम्मान भी किया गया।

प्रतिकूल मौसम के बावजूद दिखा अपार उत्साह

गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सर्दी व प्रतिकूल मौसम के बावजूद विभिन्न स्कूल के बच्चों ने देशभावना से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। अपार उत्साह के साथ बच्चों द्वारा सामूहिक पीटी प्रदर्शन भी किया गया। गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शासकीय विभागों की अलग-अलग थीम पर केन्द्रित झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं। समारोह में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन विभाग, आईटीआई, जल जीवन मिशन, यातायात पुलिस, उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग और जिला पंचायत की झांकियों का प्रदर्शन किया गया।

उत्कृष्ट परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकी के लिए वितरित किए गए पुरस्कार 

कार्यक्रम उपरांत उत्कृष्ट परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकी के लिए पुरस्कार वितरित किए गए। सशस्त्र परेड में जिला पुलिस बल की टुकड़ी को प्रथम और होमगार्ड को द्वितीय स्थान मिला, जबकि बगैर शस्त्र परेड में सीनियर डिवीजन एनसीसी छत्रसाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय को प्रथम और एनएसएस की टुकड़ी को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम में जूनियर विंग में महर्षि विद्या मंदिर एवं जवाहर नवोदय विद्यालय को संयुक्त रूप से प्रथम और लिस्यू आनंद स्कूल को द्वितीय स्थान तथा सीनियर विंग में नेशनल पब्लिक स्कूल को प्रथम, सरस्वती उ.मा. विद्यालय को द्वितीय और महारानी दुर्गा राज्य लक्ष्मी स्कूल को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। झांकी प्रदर्शन में महिला व बाल विकास विभाग की झांकी को प्रथम, कृषि विभाग की झांकी को द्वितीय और शिक्षा विभाग व जिला पंचायत की झांकी को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान मिला।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विनय श्रीवास्तव एवं प्रमोद अवस्थी द्वारा किया गया। इस अवसर पर सांसद  व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित रहे। इसके अलावा जिपं अध्यक्ष श्रीमती मीना राजे, उपाध्यक्ष संतोष सिंह यादव, नपाध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय, उपाध्यक्ष श्रीमती आशा गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक, गणमान्य नागरिक और पत्रकारगण उपस्थित थे।
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Monday, January 16, 2023

जल मित्र कैडर करेगा पानी की निगरानी

  • स्वयंसेवी संस्था समर्थन की जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में गतिशीलता लाने अभिनव पहल 
  • जलमित्र कैडर के दो दिनी प्रशिक्षण में जल संरक्षण की महत्ता व उपयोगिता पर डाला गया प्रकाश 


पन्ना। पानी प्रकृति प्रदत्त पदार्थ है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पानी मानव जीवन का भी अनिवार्य हिस्सा है, इसलिए इसका बुद्धिमत्ता पूर्ण उपयोग और संरक्षण जरूरी है। धरती पर मात्र तीन प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है, जिसमें से 2.4  प्रतिशत ग्लेशियरो और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है, और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झाीलों और तलाबों में है, जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है । एक अनुमान के अनुसार पुथ्वीपर कुल 32 करोड़ 60 लाख खरब गैलन पानी है।

स्वयंसेवी संस्था समर्थन पन्ना जिले के 40  गांव में डब्लू.एच.एच के सहयोग से जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में गतिशीलता लाने के लिये सिस्टम को मजबूत बनाने के लिये ग्रामपंचायत,जिला एवं राज्य स्तर पर सकारात्मक हस्ताक्षेप कर रही है। इस संस्था ने संकल्प गार्डन पन्ना में जल मित्र का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया। जलमित्र कैडर के दो दिनी प्रशिक्षण में जिले के कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह, श्रीमती रामश्री तिवारी जिला समन्वयक जल जीवन मिशन,शालिनी नामदेव ब्लाक समन्वय जल जीवन मिशन, आशीष विश्वास राज्य तकनीकी विशेषज्ञ जल एवं स्वच्छता, पत्रकार एवं पर्यावरण के जानकार अरूण सिंह एवं टीम समर्थन उपस्थिति रही।

कार्यपालन यंत्री महेन्द्र सिंह ने कहा की जलमित्र कैडर मॉंडल है जिले में पानी को लेकर इनकी भूमिका बहुत बड़ी है। हम मानते हैं कि ये सब सुदामा और कृष्ण की मित्रता जैसे मिशाल पेश करें एवं जिले को जल की कमी न होने दें। पानी के संरक्षण एवं मिशन के उद्देश्यो की पूर्ति में धरातर पर काम कर पूरा करें। जिले में यह पहल बहुत ही सराहनीय है। रामश्री तिवारी ने कहा की हमारे मिशन में जल मित्र पिलर का काम करेगे। शालिनी ने जलमित्रो को पानी परीक्षण कर आपे गांव व घरों में सहज तरीके से पानी की जांच करना सिखाया। कम से कम दो बार वर्षात के पहले एवं बाद में पानी की जांच करना आवश्यक है। जल जीवन मिशन के उद्देश्य में नियमित पानी,साफ पानी एवं पर्याप्त पानी की बात कही गई है जो जल मित्र के निगरानी से ही पूरा होगा।


अशीष विश्वास ने कहा कि जल एवं स्वच्दता हमारे जीवन में आवश्यक है।  हमें स्वस्थ्य रहना है तो साफ पानी के साथ साफ गांव एवं घर भी हो तभी पूरा समाज बेहतर बन सकेगा। जलकर से ही योजना की निरंतरता बनी रहेगी। अरूण सिंह ने जलमित्र कैडर को संबोधित करते हुए जिले के प्राचीन तलाबों एवं कुओ का जिक्र किया। आपने बताया कि पन्ना के प्राचीन राजाशाही ज़माने के तालाब आज भी पन्ना शहर के जीवन का आधार बने हुए हैं। इन्ही तालाबों के पानी से शहरवासियों की प्यास बुझती है।  हम सब को मिलकर इनके संरक्षण का कार्य करना चाहिये।

जल संकल्प का तरीका सभी कार्यक्रमो में किया जाये और इसे आम सामुदाय स्वीकर करे तो पानी संरक्षण सामुदाय का मुददा बन सकेगा। ज्ञानेन्द्र तिवारी ने जल जीवन मिशन की निरंतरता एवं प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि हर घर नल एवं जल पहुचने के बाद जल स्रोत जिन्दा रहे, पानी सतत् बना रहे इसके लिये ग्राम पंचायत को पानी संरक्षण एवं संबर्धन के कार्य नियमित करना होगा, जो जीपीडीपी से ही सभंव है। ग्राम कार्ययोजना का क्रियान्वयन पंचायत करे तो जल जीवन मिशन के उद्देश्य को पूरा होने में समय नही लगेगा और 2024 में भारत का सपना पूरा होगा। प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान जो जहाँ व जिस स्तर पर है, वहीं से देना होगा।

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Thursday, January 12, 2023

चुनावी साल में कांग्रेस ने हल्ला बोल प्रदर्शन कर दिखाई अपनी ताकत

  • कांग्रेस नेता श्रीकांत दीक्षित के नेतृत्व में 21 सूत्रीय मांगों का सौंपा गया ज्ञापन 
  • प्रदर्शन में समूचे जिले से पहुंचे हजारों कार्यकर्ता, कांग्रेसियों में दिखा उत्साह

एसडीएम पन्ना को ज्ञापन सौंपते कांग्रेस के नेता।   

पन्ना। मंदिरों के शहर पन्ना में आज राजनैतिक सरगर्मी उफान पर रही। वजह थी कांग्रेस की हल्ला बोल रैली, जिसमें समूचे जिले से हजारों की तादाद में कांग्रेस के कार्यकर्ता न सिर्फ शामिल हुए बल्कि लम्बे अरसे बाद उत्साह से लबरेज व आक्रामक अंदाज में भी दिखे। चुनावी साल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के तेवरों में आये इस बदलाव और एकजुटता को देख लोग इसके राजनैतिक मायने निकालने लगे हैं। कांग्रेस नेता श्रीकांत दीक्षित के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए छत्रसाल पार्क से पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहाँ जिले की ज्वलंत समस्याओं के सम्बन्ध में 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।  

ज्ञापन में शामिल समस्यायें और मुद्दे  

1. बिजली की समस्या : वर्तमान समय किसानों के लिए खेतों में पानी लगाने का है और ऐसे समय में सैकड़ों ग्रामों में ट्रांसफार्मर खराब पड़े हुए हैं। जिसके चलते लोगों को बिजली की उपलब्धता न होने के कारण उनके खेत सूख रहे हैं। कई ग्रामों में पहुंचने पर ज्ञात हुआ है कि बिजली के बिल की राशि जमा होने के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं। जैसे अजयगढ़ जनपद के बिलाही, कीरतपुर, परगवापुरबा व रमजूपुर तथा पन्ना जनपद के लक्ष्मीपुर पंचायत में किसानों व ग्राम वासियों की इस ज्वलंत समस्या के लिए बिजली विभाग को निर्देश दिये जाएं कि वह इस पर उन गांवों को चिन्हांकित करते हुए शीघ्र जले / बिगड़े ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही करते हुए किसानों को राहत प्रदान करे।

2.  बंगाली समाज की समस्याओं का निराकरण : पन्ना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रक्सेहा, जमुनहाई, उड़की, अहिरगुवा कैम्प, कुंजवन, जरूआपुर आदि ग्रामों में बंगाली समाज को पांच दशक पूर्व विस्थापित किया गया था। लेकिन इस समाज के लोगों के जहां जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं, वहीं इनके जमीन व आवासीय के पट्टे संबंधित कठिनाईयों को दूर नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण बंगाली समाज के लोग शासन-प्रशासन के चक्कर लगाकर परेशान हो रहा है। इस संबंध में प्रशासनिक स्तर से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाये, जो इस समाज की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कार्यवाही करे।



3.  रूंझ डेम के प्रभावितों को मुआवजा मिले : जल संसाधन विभाग पन्ना के द्वारा वन परिक्षेत्र विश्रामगंज के अंतर्गत करोड़ों रूपये की लागत से रूझ डेम परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें ऐसी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि काफी गरीब लोगों जिनकी जमीन इस डेम के डूब क्षेत्र में आ रही है, उन लोगों को मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही अभी तक नहीं की गयी है। जिनकी जांच करवाई जाकर उसमें प्रभावित होने वाले किसानों को मुआवजे की राशि प्रदान किए जाने की कार्यवाही की जाये।

4.  पुलिस में फर्जी आपराधिक प्रकरण में रोक लगे : प्रायः यह देखने में आ रहा है कि पन्ना विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं व ग्रामीणों के ऊपर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के इशारे पर पुलिस में फर्जी आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए उनके ऊपर दबाव बनाये जाने का काम किया जा रहा है। इस प्रकार की सत्ताधारी दल के लोगों की कार्यवाही से आम जन मानस में आक्रोष व्याप्त है। इस ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की जाती है कि फर्जी आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की कार्यवाही में रोक लगाई जाये।

5.  स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग उपलब्ध है, लेकिन वहां न तो डॉक्टर है और न ही नर्स है। ऐसी स्थिति में बीमार लोगों को जिला मुख्यालय या बाहर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। उदाहरण बतौर पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे हुए पन्ना विधानसभा के अंतिम छोर के ग्राम ललार जहां की आबादी लगभग पन्द्रह सौ से दो हजार है, लेकिन वहां पर एक भी नर्स नहीं है। यदि गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उसे केन नदी पार करते हुए इलाज के लिए छतरपुर या पन्ना जाना पड़ता है। एक तरफ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं पर करोड़ों रूपये खर्च करने की बात करती है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाएं यहां के लोगों को नहीं मिल रहीं हैं। जो कि अत्यंत चिंताजनक है।

6.   उथली हीरा खदानें चालू हों पन्ना अत्यंत ही पिछड़ा व गरीब जिला है यहां पर कोई भी औद्योगिक धंधे नहीं हैं, ऐसी स्थिति में उथली हीरा खदान जो पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, उसको चालू कराये जाने की कार्यवाही की जाये, ताकि यहां के लोग काम के तलाश में बाहर न जायें और खदान लगाकर अपने भरण-पोषण कर सकें।

7.   जंगली जानवरों से बचाई जाएं फसलें पन्ना टाइगर रिजर्व या सामान्य वन मंडल अपने वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए विभागीय स्तर पर बाउण्ड्रीबाल / खखरी / फेंसिंग करवाये, जिससे किसानों की फसलों को बचाया जा सके। क्योंकि यहां की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है और उनकी मेहनत से लगाई गयी फसल को जंगली जानवर बर्बाद कर देते हैं, जिसके चलते उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह जनहित में अत्यंत ही जरूरी मुद्दा है, जिस पर गम्भीरता से कार्यवाही की हम मांग करते हैं।

8.   वन्य जीवों से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति पन्ना टाइगर रिजर्व एवं उत्तर व दक्षिण वन मण्डल से निकलकर वन्य जीव पालतू जानवर जैसे गाय, भैंस, बकरी इत्यादि को मार देते हैं। सर्वे और निरीक्षण के बावजूद वन विभाग से क्षतिपूर्ति, मुआवजा नहीं दिया जाता। जबकि शासन से देने का प्रावधान है। कई प्रकरण लंबित पड़े हैं। अतः मांग की जाती है कि फसलों एवं पालतु जानवरों का हुए नुकसान का मुआवजा प्रत्येक घटना के एक सप्ताह के अंदर दिया जाये।

9.   राजस्व - वन भूमि विवाद का निराकरण पन्ना जिले में खासकर पन्ना सीमा से सटे गांवों में राजस्व की जमीन पर हरी लाइन डाल दी गयी है। जबकि यह जमीन भूमि स्वामी या शासकीय राजस्व की है। ग्रामीण कई वर्षों एवं पुस्तैनी तरीके से खेती एवं अन्य कार्य करते आ रहे हैं। वन विभाग द्वारा जबरजस्ती ट्रेक्टर एवं अन्य कृषि उपकरण जब्त कर खेती से रोका जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए अलग से वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त कर एक सीमा विवाद निस्तारण के लिए टीम का गठन कर ६ माह के अंदर वन-राजस्व सीमा विवाद का निराकरण कराया जाये।

10.   इंजीनियरिंग कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय संचालित हों बीते पांच वर्ष पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं कृषि महाविद्यालय की घोषणा / स्वीकृति की गयी थी। कहा जा रहा था कि राशि का आवंटन हो चुका है। इसके बावजूद अब तक कृषि महाविद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन नहीं किया जा रहा है। शासन-प्रशासन की ओर से एग्रीकल्चर कॉलेज खोला जाना और इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है, किन्तु जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट में विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत जिन कृषि महाविद्यालयों के नाम दर्ज हैं, उसमें पन्ना का नाम ही नहीं है। जिसको लेकर तत्काल कार्यवाही करते हुए एग्रीकल्चर कॉलेज की ओपनिंग पन्ना में कराई जाये। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पन्ना में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणा ५ वर्ष पूर्व और उसके पहले भी की गयी थी, किन्तु अभी तक इंजीनियरिंग कॉलेज न तो स्वीकृत हुआ है और न ही कोई कार्यवाही हुई है, जो कि इस क्षेत्र के साथ धोखा एवं वादा खिलाफी है।



11.   जुगल किशोर मंदिर कॉरीडोर का निर्माण पन्ना की पहचान यहां के प्राचीन मंदिरों से है। बुन्देलखण्ड ही नहीं पूरे देश के करोड़ों लोगों की आस्था यहां के मंदिरों से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। खासकर किशोर जी मंदिर में श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस कारण से किशोर जी मंदिर कॉरीडोर का निर्माण कराया जाये, जिससे व्यवस्थित दुकानों का निर्माण, सुविधाजनक आवागमन, पार्किंग, धर्मशाला एवं यात्रियों की अन्य सुविधाएं हो सकें और लोगों की आस्था प्रभावित न हो। कॉरीडोर निर्माण हो जाने से श्रद्धालुओं को सुविधा होगी और पन्ना के लोगों को रोजगार मिलेगा।

12.   पेयजल समस्या का स्थाई समाधान पन्ना शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। प्राचीन तालाबों में पानी का भराव कम हुआ है। पेयजल आपूर्ति के एकमात्र साधन यहां के तालाबों में पानी का प्रवाह कम हुआ है। जिससे प्रति वर्ष गर्मियों में शहर वासियों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है। स्थाई समाधान के वगैर पन्ना में पानी की समस्या का निराकरण नहीं हो सकता। इस कारण से कुंजवन में कुड़िया डेम का निर्माण शीघ्र कराया जाये, जिससे पन्ना के लोगों को पीने का पानी मिल सके। रूझ डेम से पाइप लाइन के द्वारा पीने का पानी लाये जाने की योजना बनाई जाये, जिससे शहर को शुद्ध पीने का पानी मिल सके।

13.   डायमंड पार्क का निर्माण पन्ना में सर्वोत्तम क्वालिटी का हीरा मिलता है। पन्ना में हीरा व्यापार से बड़ा रोजगार सृजित हो सकता है। कई दशकों से डायमंड पार्क के झूठे वादे और आश्वासन किये जाते हैं, लेकिन आज तक डायमंड पार्क का निर्माण नहीं हो सका है। इसलिए शहर के अंदर एक डायमंड पार्क का निर्माण कराया जाये, जहां हीरे का व्यापार सुरक्षित तरीके से हो सके और लोगों को रोजगार मिल सके।

14.   लोकपाल सागर से किसानों को मिले सिंचाई का पानी लोकपाल सागर सिंचाई विभाग का तालाब है। वर्षों से यहां से कई गांवों को नहर के माध्यम से सिंचाई का पानी मिलता रहा है। बीते कुछ वर्षों से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जा रहा, जिससे किसानों की फसलें सूख जाती हैं। इस कारण से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए हमारी मांग है कि लोकपाल सागर से स्थाई रूप से किसानों को सिंचाई का पानी प्रदान किया जाये।

15.   132 केवी लाइन के खम्मे अनाधिकृत रूप से लगाये जाने के संबंध में पन्ना जिला अंतर्गत अजयगढ़ से पन्ना तक 132 केवी लाइन का कार्य बिना किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के खम्भे लगाते हुए लाइन निकाली जा रही है। जबकि शासन की गाइन लाइन की कंडिका ६ अनुसार कम्पनी को गांवों / शहरों के उन भूमि मालिकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र करना आवश्यक है, जिनकी भूमि पर लाइन के टावरों को खड़ा किया जा रहा है। साथ ही लाइन निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई एवं राष्ट्रीय / राज्य राजमार्ग, नदी, रेल्वे ट्रेक आदि के साथ क्रासिंग के मामले में आवेदक कम्पनी को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी प्राप्त करना चाहिए। इसके अतिरिक्त वन भूमि, दूरसंचार के पास से गुजरती लाइन में सक्षम प्राधिकारी की अनुमति लेनी अनिवार्य है। नगर पालिका क्षेत्र से लगा हुआ ग्राम राजापुर सुनहरा से 132 केवी लाइन के टावर गाड़ने हेतु गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है, उसी के पास रेल्वे स्टेशन प्रस्तावित है एवं ग्राम की बसाहट है। भूमि स्वामियों की बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं बिना किसी सक्षम न्यायालय / अधिकारी की अनुमति बिना ही जोर जबरजस्ती एवं ताकत के बल पर निर्माण कार्य किया जा रहा है जो जनहित एवं प्रस्तावित रेल्वे लाइन एवं ग्राम की बसाहट होने के कारण तत्काल बंद कराया जाये एवं अन्यत्र से लाइन निकाली जाये। साथ ही जिले के विभिन्न ग्रामीण व कस्बाई इलाकों में विद्युत विभाग द्वारा की जाने वाली अघोषित बिजली कटौती बंद की जाये।

16.  वन व्यवस्थापन के अंतर्गत दिये गये पट्टों को कम्प्यूटर में कराया जाये दर्ज वन व्यवस्थापन अंतर्गत ग्रामीणों को जो पट्टे दिये गये हैं, उनमें वे अपना कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों को दिये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज नहीं किये जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बिलाही में ग्रामीणों को वन व्यवस्था के तहत दिये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज न किये जाने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि वन व्यवस्थापन अंतर्गत ग्रामीणों को प्रदान किये गये पट्टे कम्प्यूटर में दर्ज कराये जाएं।

17.   मतदाता सूची में बीएलओ द्वारा नाम न जोड़ने के संबंध में जनपद पंचायत पन्ना के ललार ग्राम में 25  दिसम्बर को आयोजित की गयी गांधी चौपाल के दौरान ग्राम वासियों यह बात प्रमुखता से उठाई गयी कि पात्र मतदाताओं के यहां पर तैनात बीएलओ द्वारा नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़े जा रहे हैं। इस संबंध में मांग की जाती है कि इसकी जांच कराई जाये, पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने के निर्देश प्रसारित किये जायें।

18.   नहरों के निर्माण की मांग जल संसाधन विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की लागत से बांध के निर्माण तो किये गये, परंतु इन बांधों के तहत नहर निर्माण न किये जाने से किसानों को इन बांधों का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि निर्मित हुये बांधों अंतर्गत जल्द से जल्द नहर निर्माण कराया जाये।

19.   किसानों को सुलभ हो खाद-बीज जिले में किसान खाद-बीज की समस्या को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं। जिले के विभिन्न क्षेत्रों खाद-बीज की कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं। किसानों को आसानी से खाद-बीज उपलब्ध हो सके, इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जाये।

20.   जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों की जांच हो: पन्ना जिले में जल जीवन मिशन अंतर्गत करोड़ों रूपये खर्च करके नल-जल योजना के तहत पानी पहुंचाये जाने के लिए पाईप लाइन डाली गयी, बोर कराये गये, लेकिन अधिकांश नल-जल योजनाएं ठप्प पड़ी हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पानी पहुंचाये जाने के लिए टंकी में जो पाइन लाइन डाली गयी हैं वह भी बंद पड़ी हुई हैं। इस पूरे मामले में कहीं न कहीं ठेकेदारों के ऊपर विभागीय संरक्षण है। इसको गम्भीरता से लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाये, बंद नल-जल योजनाओं को शुरू किया जाये तथा दोषियों पर कार्यवाही की जाये। 

21.   रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगे पन्ना की केन नदी में रेत का अवैध उत्खनन अनवरत रूप से होने से केन नदी का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। केन नदी में दिन-रात होने वाले रेत के अवैध उत्खनन को सख्ती के साथ रोका जाये।

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Monday, January 9, 2023

मशरूम हो सकता है महिलाओं के लिए रोजगार का बड़ा जरिया

  • पन्ना जनपद के 5 गाँव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पृथ्वी ट्रस्ट की पहल 
  • मशरूम की खेती से गरीब परिवारों को रोजगार के साथ मिल रहा पोषण सुरक्षा


पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की स्वयंसेवी संस्था पृथ्वी ट्रस्ट के द्वारा पन्ना जनपद के 5 गाँव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह अभिनव पहल गरीब परिवारों के लिए रोजगार का एक जरिया तो बन ही रहा है, परिवार के बच्चे भी सुपोषित हो रहे हैं। मशरूम खेती की प्रक्रिया आदिवासी एवं सिलिकोसिस पीड़ित परिवारों के साथ की जा रही है। 

पृथ्वी ट्रस्ट संस्था की निदेशक समीना यूसुफ ने बताया कि हमने पन्ना में कुछ दिन पहले देखा कि महिलायें सुबह सुबह लकड़ी अपने सिर पर रखके 10-10 किलो मीटर कडाके की ठण्ड में लकड़ी बेचने पन्ना आती हैं और उन्हें 100-150 रूपए के आसपास पैसे मिलते हैं। जिससे वे परिवार का भरण पोषण करती है लेकिन इतने पैसे से परिवार को पोषण युक्त भोजन नहीं मिल पाता न ही ये रोजगार का बड़ा जरिया है। यह काम जोखिम भरा भी होता है क्योंकि महिलाओं को लकड़ियाँ जंगल से लानी पड़ती हैं तथा जंगली जानवरों का हमेशा ख़तरा बना रहता है। 

हमने पिछले साल 5 गाँव में मशरूम की खेती की प्रक्रिया को 60 महिलाओं के साथ किया था, 3 माह महिलाओं के घर सप्ताह में 3 दिन सब्जी के रूप में मशरूम बनाया गया था। इसके साथ ही परिवार को एक -एक हजार का लाभ भी हुआ था। इसलिए मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया को हम दूसरे 5 गाँव में कर रहे हैं ताकि इन गाँव में भी महिलायें अपना खुद का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें। 

इस प्रक्रिया में संस्था के द्वारा एक बार ही सहयोग किया है जिसमे मशरूम का बीज, जरुरी सामग्री, प्रशिक्षण आदि शामिल है। समीना यूसुफ कहती हैं कि हमे प्रशिक्षण का सहयोग इन्विरोनिक्स ट्रस्ट दिल्ली से मिला था जिससे हम गाँव में महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। मशरूम की खेती के लिए हमने आदिवासी एवं सिलिकोसिस पीड़ितों के परिवारों का चिन्हांकन किया है क्योंकि इन परिवारों में कमाने वाली केवल महिलायें ही हैं, जो अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। इन्ही परिवारों में कुपोषण की समस्या भी तुलनात्मक रूप से अधिक है। समीना यूसुफ बताती हैं कि हमारा उदेश्य है कि परिवार में पोषण युक्त भोजन मिल सके और महिला को घर बैठे रोजगार का जरिया उपलब्ध हो सके। 

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Wednesday, January 4, 2023

पन्ना टाइगर रिजर्व में अब करंट लगने से होने लगी बाघों की मौत !

  • भारी सुरक्षा के बीच शिकार, फिर टेरिटोरियल व रिज़र्व क्षेत्र में क्या है फर्क 
  • एक माह के भीतर दो बाघों की अकाल मौत से मिल रही 2009 की आहट   

पन्ना टाइगर रिज़र्व का युवा नर बाघ जिसकी करंट लगने से अकाल मौत हुई है। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में जिस तरह से बाघों की अकाल मौतें हो रही हैं, उससे वर्ष 2009 की आहट साफ सुनाई देने लगी है। बीती 3-4 जनवरी की रात पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ क्षेत्र अंतर्गत बीट बसुधा के कक्ष क्रमांक521 में एक नर बाघ एवं एक मादा हायना की करंट लगने से मौत हुई है। मृत नर बाघ की उम्र लगभग दो वर्ष बताई गई है। पन्ना जिले में एक माह के भीतर युवा नर बाघ की अकाल मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व उत्तर वन मंडल अंतर्गत पन्ना रेंज के तिलगवां बीट में एक युवा नर बाघ का शव तेंदू के पेड़ से लटकते मिला था। शिकारियों के फंदे में फंसकर युवा बाघ की हुई दर्दनाक मौत से वन महकमे ने शायद कोई सबक नहीं लिया और फिर एक बाघ शिकारियों की भेंट चढ़ गया।  

क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व कार्यालय से मिली अधिकृत जानकारी के अनुसार बाघ व हायना की मौत करंट लगने से हुई है। जारी प्रेस नोट के मुताबिक संभवतः करंट के तार जंगली सुअर को मारने हेतु लगाए गए थे, जिसकी चपेट में बाघ एवं हायना आ गए और उनकी मृत्यु हो गई। मृत बाघ एवं हायना के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं। नियमानुसार वन अपराध प्रकरण दर्ज कर तार फैलाने वाले व्यक्तियों की सर्चिंग की जा रही है। सर्चिंग कार्य में पन्ना टाइगर रिजर्व के डॉग स्क्वायड से आवश्यक सहयोग लिया जा रहा है। 

मृत बाघ की सूचना प्राप्त होते ही क्षेत्र संचालक ब्रजेन्द्र झा, उपसंचालक रिपुदमन सिंह भदौरिया, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता एवं डाग स्क्वाड मौका स्थल पर पहुंचकर आवश्यक जांच कार्यवाही संपन्न की गई। मृत बाघ एवं हायना का पोस्टमार्टम डॉ. संजीव कुमार गुप्ता वन्य प्राणी चिकित्सक पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा 4 जनवरी बुधवार को प्रातः किया गया तथा सैंपल एकत्रित किए गए। मौके पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रूप में इंद्रभान सिंह बुंदेला उपस्थित रहे। मृत बाघ एवं हायना का पोस्टमार्टम उपरांत क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व, वन्य प्राणी चिकित्सक, इंद्रभान सिंह बुंदेला प्रतिनिधि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं अन्य अधिकारियों व स्टाफ की उपस्थिति में दाह संस्कार किया गया।

अब शिकारी देने लगे खुली चुनौती 

टेरिटोरियल के जंगलों में शिकार की घटनाएं जहाँ आम हो चुकी हैं वहीं अब वन्य जीवों के लिए सुरक्षित कहे जाने वाले रिज़र्व वन क्षेत्र में भी शातिर शिकारी सक्रिय हो गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग के लोग घरों से बाहर निकलना ही नहीं चाहते, जंगल व वन्य प्राणियों की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे है। एक के बाद एक जिस तरह से पन्ना टाइगर रिज़र्व के युवा बाघों की अकाल मौतें हो रही हैं उसे देखकर तो यही जाहिर होता है कि शिकारी वन महकमे को खुली चुनौती देने लगे हैं। शिकारियों में वन विभाग का खौफ अब बिलकुल नहीं है। वे जहाँ चाहते हैं वहां फंदा लगाकर शिकार करते हैं और जहाँ बिजली की लाइन है वहां करंट से शिकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वन विभाग की भूमिका महज कागजी खानापूर्ति और बजट को निपटाने तक रह गई है। 

जब यही होना था तो फिर बसाया क्यों ?

वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिज़र्व जब बाघ विहीन हो गया था तो यहाँ के जंगल को फिर से आबाद करने के लिए अथक मेहनत की गई। तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति व उप संचालक विक्रम सिंह परिहार जैसे अधिकारियों ने महीनों जंगल में गुजारे, घर का रास्ता ही भूल गए। मैदानी अमले ने भी इन समर्पित अधिकारियों का ईमानदारी से साथ दिया, इसी टीम वर्क की भावना और श्रम का नतीजा था बाघ पुनर्स्थापना योजना की शानदार कामयाबी। लेकिन मेहनत से मिली इस कामयाबी को हम आखिर कायम क्यों नहीं रख पा रहे हैं ? जाहिर है जब यही सब होना था तो फिर बाघों को यहाँ बसाया ही क्यों गया ? पन्नावासियों को अपनी धरोहर और पहचान को बचाने तथा गहरी नींद में सोये वन महकमे को झकझोर कर जगाने के लिए क्या फिर से आगे आना होगा ? अन्यथा पन्ना टाइगर रिज़र्व यदि पुनः 2009 की दशा को प्राप्त हो जाय तो कोई आश्चर्य नहीं है। शासन स्तर पर भी पन्ना के बाघों की हुई अकाल मौतों की गहन समीक्षा और कार्यवाई आवश्यक है नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पन्ना टाइगर रिज़र्व फिर बाघ विहीन हो जायेगा।  

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Tuesday, January 3, 2023

शीतलहर से ठिठुरा मन्दिरों का शहर पन्ना, अब सुबह 9.30 के पहले नहीं खुलेंगे स्कूल

  • भीषण ठंड के चलते सुबह जल्दी उठने वालों की भी दिनचर्या बदली 
  • रोज कमाने खाने वाले गरीब मजदूरों की हालत सबसे ज्यादा ख़राब 


।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्यप्रदेश का पन्ना शहर इन दिनों शीतलहर की चपेट में है। बर्फीली हवाओं के चलने से ठंड के तेवर आक्रामक हो रहे हैं, जिससे आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। भीषण ठंड के चलते सुबह जल्दी उठने वाले लोग भी नौ बजे के पहले रजाई नहीं छोड़ रहे। सबसे बुरी दशा रोज कमाने वाले गरीब मजदूरों की है, जिन्हें इस हाड़ कंपा देने वाली शीत लहर में ठिठुरना पड़ रहा है। शीतलहर को देखते हुए कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्र ने 4 जनवरी से जिले के सभी शासकीय व अशासकीय स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन करने का आदेश जारी किया है। आदेश के तहत अब 4 जनवरी 23 से स्कूल सुबह 9.30 के पहले संचालित नहीं होंगे।  

उल्लेखनीय है कि विगत एक सप्ताह से ठंड का दौर शुरू हुआ है जो नये साल के आगाज के साथ ही निरन्तर बढ़ता जा रहा है। बीते तीन दिनों से तो ठंड भीषण शीतलहर में तब्दील हो चुकी है, फलस्वरूप दिन में भी ठिठुरन बनी रहती है। शीतलहर के कारण ठंढ बढ़ने से जिले के संचालित स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बच्चे ठंढ की चपेट में आकर बीमार भी पड़ रहे थे, जिसे देखते हुए कलेक्टर पन्ना ने स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन किया है। 


   

इस भीषण ठंड से बचाव के लिए शहर के सार्वजनिक महत्व वाले स्थानों पर अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। नतीजतन बस स्टैण्ड व जिला अस्पताल जैसी जगहों पर लोग ठिठुरते रहते हैं। बस स्टैंड में मुसाफिरों व अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजनों को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगरवासियों ने सार्वजानिक महत्व के स्थलों में अलाव की व्यवस्था कराये जाने की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है। इस शीतलहर का घरेलू कामकाजी महिलाओं की दिनचर्या में भी जहां खासा असर पड़ा है, वहीं सरकारी कामकाज भी ठंड से प्रभावित हो रहा है। सरकारी दफ्तरों का आलम यह है कि ज्यादातर कर्मचारी किसी न किसी बहाने अपनी सीट छोड़कर धूप में नजर आते हैं। 

बर्फीली हवाओं के तीखे तेवरों का असर मार्निंग वॉक के सौखीनों पर भी पड़ा है। सुबह 5 बजे से ताजी हवा खाने व चहल कदमी करने के लिए सैर पर निकलने वाले लोग अब कम ही नजर आते हैं। शहर की इन्द्रपुरी कालोनी के निकट से गुजरे बाईपास, अजयगढ़ रोड, चौपड़ा मन्दिर मार्ग, पहाड़कोठी व अमानगंज घाटी मार्ग पर प्रतिदिन सुबह सैकडों लोग सैर पर जाते रहे हैं। लेकिन विगत 4-5 दिनों से इक्के - दुक्के दुस्साहसी लोग ही गर्म कपड़ों से ढके मुदे नजर आते हैं। ज्यादातर लोगों की दिनचर्या इस भीषण शीतलहर में सुबह 9 बजे के बाद ही शुरू होती है तथा शाम के समय भी ज्यादातर लोग जल्दी ही घर की तरफ रूख कर रहे हैं।


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