Saturday, November 11, 2023

पन्ना और पवई में भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला

  • सुरक्षित विधानसभा सीट गुनौर में भाजपा की बागी बिगाड़ रही समीकरण 
  • जिले में 7 लाख 64 हजार से अधिक मतदाता करेंगे मताधिकार का उपयोग



।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। बहुमूल्य हीरा की खदानों और बाघों की धरती के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र का पन्ना जिला विकास की विपुल संभावनाओं के बावजूद पिछड़ा है। वन और खनिज सम्पदा से समृद्ध इस जिले के ग्रामीण अंचलों में आज भी बुनियादी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण और पलायन की समस्या से पन्ना जिले की एक बड़ी आबादी जूझ रही है। जिन्हें आत्म निर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस पहल व प्रयास नहीं हुये। 

पन्ना जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं, इनमें पन्ना व पवई से भाजपा के विधायक हैं, जबकि गुनौर सीट से कांग्रेस विधायक हैं। जिले के कुल 7 लाख 64 हजार 846 मतदाता 901 मतदान केन्द्रों पर मतदान कर सकेंगे। इनमें 4 लाख 4 हजार 334 पुरूष मतदाता, 3 लाख 60 हजार 508 महिला मतदाता और 4 अन्य मतदाता शामिल हैं। पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 लाख 48 हजार 542 पुरूष, 1 लाख 33 हजार 493 महिला और 1 अन्य मतदाता हैं। इसी तरह गुनौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतगत 1 लाख 22 हजार 794 पुरूष मतदाता, 1 लाख 9 हजार 338 महिला मतदाता और 1 अन्य मतदाता तथा पन्ना विधानसभा अंतर्गत 1 लाख 32 हजार 998 पुरूष, 1 लाख 17 हजार 677 महिला और 2 अन्य मतदाता हैं। पन्ना जिले में सभी तीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 27 हजार 203 मतदाता 18-19 आयु वर्ग के हैं। इनमें पवई विधानसभा में 9 हजार 586, गुनौर में 9 हजार 74 और पन्ना विधानसभा में 8 हजार 543 मतदाता शामिल हैं।

पन्ना विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 60 -

उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी मध्यप्रदेश की पन्ना विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। दो बार से भाजपा यहां पर लगातार जीत दर्ज करती आई है, ऐसे में भाजपा की नजर जीत की हैट्रिक पर है तो वहीं कांग्रेस भाजपा के इस विजय अभियान को हर हाल में रोकना चाहती है। पन्ना विधानसभा सीट से वर्तमान में भाजपा के बृजेन्द्र प्रताप सिंह विधायक हैं। भाजपा सरकार में खनिज व श्रम मंत्री रहे बृजेन्द्र प्रताप सिंह पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है और उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने इस बार भरत मिलन पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया है। पन्ना विधानसभा सीट के जातिगत समीकरणों की बात की जाए तो पन्ना विधानसभा सीट एक तरह से ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। इसके अलावा लोधी और यादव समाज के मतदाता भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस बार पन्ना विधान सभा सीट में कांग्रेस व भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला है, जबकि समाजवादी पार्टी का प्रत्यासी महेन्द्र पाल वर्मा दोनों ही दलों के समीकरण को प्रभावित करने की भूमिका निभा रहा है। 

भाजपा प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप सिंह के पक्ष में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पन्ना में रोड शो कर चुके हैं जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजयगढ़ में आम सभा की है। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में अभी तक कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार में नहीं आया जबकि सपा प्रत्याशी के पक्ष में अखिलेश सिंह यादव अजयगढ़ में आम सभा कर चुके हैं। 

पवई विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 58 - 

मध्यप्रदेश की पवई विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। पिछले विधानसभा चुनाव में आमने सामने रहे दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों पर एक बार फिर पार्टियों ने भरोसा जताया है और चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में मौजूदा विधायक अपनी सीट बरकरार रखना चाहते हैं तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अपनी पिछली हार का बदला लेना चाहते हैं। पवई विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा के प्रहलाद लोधी विधायक हैं और एक बार फिर भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं कांग्रेस ने पिछला चुनाव प्रहलाद लोधी से हारने वाले मुकेश नायक पर फिर भरोसा जताया है। इस विधान सभा सीट पर वर्तमान भाजपा विधायक के प्रति असंतोष का माहौल है जिसका फायदा कांग्रेस प्रत्यासी को मिल सकता है। जातिगत समीकरण की बात करें तो पवई विधानसभा सीट पर ओबीसी, सामान्य, एससी एवं एसटी वर्ग के मतदाता हैं जो चुनाव में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला तय करते हैं।  

गुनौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 59 - 

पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा सीट पर हुए बीते तीन चुनाव में दो बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस को जीत मिली है। गुनौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा विधायक शिवदयाल बागरी का टिकट काटकर जीवन लाल सिद्धार्थ को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने पिछली बार चुनाव हारने वाले राजेश वर्मा पर एक बार फिर भरोसा जताया है। एससी वर्ग के लिए आरक्षित गुनौर सीट पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस वर्ग का झुकाव जिधर होता है जीत उसी दल के प्रत्यासी की होती है। इस बार चूँकि चुनाव में भाजपा बगावत से भी जूझ रही है जिसका फायदा कांग्रेस को मिलता नजर आ रहा है। यहाँ से भाजपा नेत्री अमिता बागरी टिकट न मिलने पर बगावत करके सपा की टिकट से चुनाव मैदान में है। भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा के पक्ष में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आम सभा कर चुके हैं जबकि सपा प्रत्याशी के पक्ष में अखिलेश यादव ने आम सभा की है। 

पन्ना जिले के प्रमुख मुद्दे -

  •   गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण और पलायन दशकों से प्रमुख मुद्दा है।
  •   स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, उच्च शिक्षण संस्थाओं की कमी भी बड़ा मुद्दा।
  •   हीरा, मन्दिर व ऐतिहासिक महत्व के अनेकों स्थलों के बावजूद पर्यटन स्थल के रूप में नहीं हो सका विकास।
  •   रेत व पत्थर खदानों में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन तथा पर्यावरण को नुकसान बड़ा मुद्दा।
  •  वन व राजस्व सीमा का दशकों से चल रहा विवाद।
  •   केन-बेतवा लिंक परियोजना से पन्ना टाईगर रिजर्व को हो रहा नुकसान।

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