Friday, May 3, 2024

खौफ़ खत्म : आबादी क्षेत्र के आसपास रहने वाली बाघिन का हुआ रेस्क्यू

  • पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ा गया 
  • रेडियो कॉलर पहनकर की जा रही है मॉनिटरिंग

आबादी क्षेत्र के आसपास रहने वाली बाघिन का बेहोशी के बाद परीक्षण करती रेस्क्यू टीम। 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की एक अवयस्क बाघिन (16-17 माह) विगत कई दिनों से आबादी क्षेत्र के आसपास डोभा और बराछ गांव के निकट विचरण कर रही थी। यह बाघिन गांव में घुसकर मवेशियों का शिकार भी करने लगी, जिससे पूरे इलाके में भय और दहशत का माहौल था। जिसे देखते हुए पार्क प्रबंधन ने बाघिन का रेस्क्यू करके उसे पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में विचरण हेतु छोड़ दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि इस अवयस्क बाघिन की गांव के आसपास खेतों में मौजूद होने की खबरें तकरीबन एक माह से आ रही थीं। यह वहां मवेशियों का शिकार भी करने लगी थी। आबादी क्षेत्र के निकट रहने वाली यह बाघिन जब गांव में घुसकर मवेशियों के शिकार की घटनाओं को अंजाम देने लगी तो दहशत बढ़ गई। बाघिन व ग्रामीणों के बीच संभावित सघर्ष व किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पार्क प्रबधन ने तुरंत इस बाघिन को आबादी क्षेत्र से हटाने का निर्णय लिया। उच्च अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के उपरांत गत 2 मई को ट्रेंकुलाइज करके इस बाघिन को सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है, जहां उसकी सतत निगरानी की जा रही है। बाघिन के आबादी क्षेत्र से हटने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व श्रीमती अंजना तिर्की ने बताया कि बाघिन को डोभा व बराछ गांव के आसपास विचरण करते हुए देखा गया था। पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी व मैदानी कर्मचारी बाघिन पर नजर रख रहे थे, यह प्रयास भी कियाजा रहा था कि वह आबादी क्षेत्र से वन क्षेत्र में आ जाए। लेकिन विगत एक एवं दो मई की रात्रि में बाघिन गांव में घुसकर मवेशियों को मार दिया। बाघिन के इस व्यवहार से गांव में भय और दहशत के साथ-साथ तनाव का भी माहौल था। लोग बाघिन के अप्रत्याशित हमले की आशंका से भी खौफजदा थे।


इस तरह के माहौल व  ग्रामीणों में पनपते आक्रोश को देखते हुए पार्क प्रबंधन ने आनन फानन मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति प्राप्त कर बाघिन का रेस्क्यू तुरंत करने का नर्णय लिया। क्षेत्र संचालक श्रीमती तिर्की ने बताया कि बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षित 6 हाथियों की मदद ली गई। यह बाघिन उत्तर वन मंडल पन्ना के बीट मथुरापुर के कक्ष क्रमांक पी-424 के प्लांटेशन में जब बैठी हई थी, उसी समय 2 मई को इसे ट्रेंकुलाइज करके पिंजड़े में कैद किया गया।

बेहोशी के दौरान इस बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया गया तथा बायोलॉजिकल सैंपल लेने के साथ हेल्थ पैरामीटर लिया गया। जांच में बाघिन पूरी तरह से स्वस्थ पाई गई। ऐसी स्थिति में इस अवयस्क बाघिन को पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र बडगडी में स्वच्छंद विचरण हेतु छोड़ा गया है। यह वन क्षेत्र हर दृष्टि से बाघिन के लिए अनुकूल और सुरक्षित है। यहां पानी भोजन व छिपने के लिए अच्छा जंगल सभी कुछ है। वनकर्मियों द्वारा बाघिन के व्यवहार व विचरण पर हर समय नजर रखी जा रही है। 

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