Thursday, June 6, 2024

सीड बाल से होगा पर्यावरण सुरक्षित

  •  जीवन जीने के लिए स्वच्छ वातावरण जरुरी - रविकांत
  • 25 गाँव में 500 लोगों ने 3400 सीड बाल तैयार किये


पन्ना। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था विकास संवाद के सहयोग से संचालित दस्तक परियोजना के अंतर्गत गठित दस्तक बाल समूह, युवा समूह एवं महिला समूह के साथियों द्वारा अपने-अपने गाँव में पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए, सीड बाल बनाने की प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों से चलाई जा रही है। 25 गाँव में 500 लोगों के द्वारा 3400 सीड बाल तैयार किये हैं, जिसमें 14 से 15 विलुप्त हो रहे वृक्षों के बीजों को डाला गया। 

विकास संवाद के जिला समन्वयक रविकांत पाठक बताते हैं कि परियोजना क्षेत्र में यह सीड बाल बनाने की प्रक्रिया ने एक अभियान का रूप ले लिया है। यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक गाँव में लगभग 150 सीड बाल बनाई गई, जिनमें 20 बीज इमली, 25 बीज मुनगा, 14 बीज तेंदू, 20 बीज सागौन, 12 बीज कैथा, 18 बीज बैल, 30 बीज बैर, 40 बीज सिरसा, 30 बीज जंगल जलेबी, 5 आम गुठली, 25 बीज चरवा, 10 बीज नीबू, 20 बीज पपीता, 18 बीज अमरूद, 10 बीज रामफल एवं 22 बीज सीताफल के शामिल किये गए। कुल मिला कर 300 के ऊपर बीजों को बोया गया। श्री पाठक बताते हैं कि इस प्रक्रिया से जीवन का गहरा जुड़ाव है, इसलिए जीवन जीने के लिए स्वच्छ वातावरण जरुरी है।

सीड बाल बनाने की प्रक्रिया



बीजों को इकठ्ठा किया गया, तालाब या पेड़ के नीचे की मिटटी को लाया गया, इसके बाद मिटटी में हल्का पानी डाला गया और बीजों को डाला गया सभी ने मिलाया और गेंद का आकार दिया गया इसके बाद बाल को सुरक्षित रखने के लिए चुना या मिर्ची पाउडर का छिडकाव किया गया। 

5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर 25 गाँव में बाल समूह के नेतृत्व में सीड बाल को डालने के लिए सुरक्षित जगह का चिन्हांकन किया गया एवं खेल खेल के माध्यम से जमीन में 3400 बाल के साथ 8000 बीजों को बोया गया एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी का बंटवारा किया गया।  इस आयोजन में संस्था से छत्रसाल पटेल, रामविशाल, बबली, वैशाली, समीर एवं दस्तक समूहों से अरविन्द गौंड, दुर्गेश गौंड, बीरनगौंड ओतार सिंह मरावी, पार्वती सिंह और हल्की बाई शामिल रहे। 

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