Monday, August 26, 2024

राम पथ गमन स्थल के साथ श्री कृष्ण पाथेय भी विकसित किए जाएंगे - मुख्यमंत्री

  • भगवान श्री कृष्ण ने हमें धर्म के मार्ग पर चलने का दिया है संदेश 
  • श्री जुगल किशोर मंदिर में श्री कृष्ण पर्व कार्यक्रम में हुए शामिल 


पन्ना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्री कृष्ण ने हमें धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। श्री कृष्ण ने 11 साल की उम्र में शिक्षा का महत्व बतलाया और कर्म के आधार पर शिक्षा का पाठ भी पढ़ाया है। हमारा सनातन धर्म अद्भुत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जन्माष्टमी पर्व की पूर्व संध्या पर पन्ना के श्री जुगल किशोर मंदिर परिसर में संस्कृति विभाग के श्री कृष्ण पर्व के कार्यक्रम में शामिल हुए और भगवान श्री जुगल किशोर के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने प्रदेश की जनता के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना भी की। साथ ही मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण के जीवन प्रसंग से जुड़े प्रसंगों का बाल कलाकारों द्वारा प्रदर्शित झांकी का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आमजन जन्माष्टमी उत्सव आनंद और उल्लास के साथ मनाएं और कृष्ण भगवान के जीवन का स्मरण करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में धार्मिक स्थलों का विकास कर नया स्वरूप दिया जा रहा है। साथ ही बेहतर शिक्षा के लिए नवीन शिक्षा नीति लागू की गई है। देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में इस नीति को लागू किया गया है। नई शिक्षा नीति में धार्मिक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। इससे निश्चित ही सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। पाठ्यक्रम में राम, कृष्ण के पाठ को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पन्ना के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव मदद की जाएगी। छतरपुर में गत दिवस हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कानून का पालन करना सबके लिए बराबर है। किसी भी हालत में कानून तोड़ने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।


मुख्यमंत्री ने पन्ना की धरती को रत्नगर्भा बताया। साथ ही कहा कि बुन्देलखण्ड वीरता का परिचायक है। उन्होंने धार्मिक नगरी पन्ना के मंदिरों के ऐतिहासिक महत्व का वर्णन करते हुए भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख किया। मध्यप्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकायों में गीता भवन की स्थापना की बात भी कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सहित पन्ना जिले में भगवान राम के आगमन से जुड़े स्थलों को विकसित करने के साथ ही श्री कृष्ण से जुड़े स्थलों को भी तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। सभी उपस्थितजनों को जन्माष्टमी और हरछठ पर्व की शुभकामनाएं दीं। 

मुख्यमंत्री ने भगवान श्री बल्देव जी के दर्शन भी किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अतिथियों द्वारा जुगल किशोर का चित्र और श्री बल्दाऊ जी का हल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। साथ ही बुन्देलखण्ड की पगड़ी भी पहनाई गई। लाड़ली बहनों ने रक्षा सूत्र की टोकरी भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। श्री कृष्ण पर्व के दो दिवसीय कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर कलाकारों द्वारा आकर्षक नृत्य एवं लोक गायन की प्रस्तुति दी गई। कलाकारों का सम्मान भी किया गया।

सांसद एवं विधायक ने विकास कार्यों के संबंध में रखी मांग

श्री कृष्ण पर्व में उपस्थित सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। सांसद श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को गुड गवर्नेंस का पर्याय बताया और जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर पन्ना आगमन पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री जुगल किशोर के आशीर्वाद से पन्ना विकास की राह पर अग्रसर है। यहां एशिया का सबसे बढ़िया डायमण्ड पाया जाता है। एनएमडीसी हीरा खदान से पन्ना की विशेष पहचान है। पर्यटन के क्षेत्र में भी पन्ना टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद है। उन्होंने पन्ना को मेडिकल एवं एग्रीकल्चर कॉलेज सहित आयुर्वेद अस्पताल की सौगात मिलने पर खुशी जताई। साथ ही 2100 करोड़ रूपए की लागत से मड़ला से पन्ना तक 21 किलोमीटर लंबाई के बनने वाले एलीवेटेड रोड के बारे में जानकारी दी। सकरिया हवाई पट्टी के विस्तार सहित रेल कनेक्टीविटी की उपलब्धता से पन्ना के चहुंमुखी विकास की उम्मीद जताई। सांसद ने मुख्यमंत्री से श्री जुगल किशोर लोक के बजट में वृद्धि की मांग की।

पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि पन्ना जिला छोटा होने के बावजूद धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से बड़ा जिला है। मंदिरों व झीलों की नगरी के रूप में पहचान स्थापित कर चुके पन्ना का जुगल किशोर मंदिर वृंदावन मंदिर का छोटा स्वरूप है। उन्होंने संस्कृति विभाग के कैलेण्डर में यहां के चार बड़े पर्वों को स्थान देने की मांग रखी। साथ ही धार्मिक क्षेत्र में विस्तार से रोजगार की संभावना के बारे में भी अवगत कराया। इंजीनियरिंग कॉलेज सहित रिंग रोड, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा चंदेलकालीन तालाबों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में सार्थक प्रयास की बात कही।

कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार सहित विधायकगण प्रहलाद सिंह लोधी, डॉ. राजेश वर्मा, ललिता यादव एवं अरविन्द पटेरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष मीना राजे, उपाध्यक्ष संतोष सिंह यादव, नपाध्यक्ष मीना पाण्डेय, उपाध्यक्ष आशा गुप्ता तथा अन्य जनप्रतिनिधि, सतानंद गौतम, रविराज सिंह यादव, विष्णु पाण्डेय, बृजेन्द्र मिश्रा, जयप्रकाश चतुर्वेदी, रामऔतार पाठक, उमेश शुक्ला, आशुतोष महदेले, चन्द्रभान गौतम, शारदा पाठक, मुकेश सिंह चौधरी एवं संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा, कलेक्टर सुरेश कुमार, जिला पंचायत सीईओ संघ प्रिय, प्रभारी पुलिस अधीक्षक आरती सिंह, अपर कलेक्टर नीलाम्बर मिश्र एवं अन्य अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक व नगरवासी भी उपस्थित रहे।

 पन्ना सहित प्रदेश के 16 स्थानों पर हो रहा है श्री कृष्ण पर्व का आयोजन  




मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पवित्र अवसर पर भोपाल सहित मध्यप्रदेश के 16 स्थानों पर श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जा रहा है। पन्ना के श्री जुगल किशोर मंदिर प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय समारोह की अंतिम सभा सोमवार को सजी, जिसमें सागर के नदीम राईन और साथी कलाकारों ने बधाई लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। अगली कड़ी में भोपाल की लता मुंशी और साथी कलाकारों ने नृत्य नाटिका श्रीकृष्ण की प्रस्तुति दी तो मथुरा के हेमंत बृजवासी और साथी कलाकारों ने भक्ति संगीत के रस की धारा में श्रोताओं को भिगो दिया।

नदीम के 16 सदस्यीय दल ने बधाई लोकनृत्य पेश किया। बुन्देलखण्ड अंचल में जन्म विवाह और तीज-त्यौहारों पर बधाई नृत्य किया जाता है। मनौती पूरी हो जाने पर देवी-देवताओं के द्वार पर बधाई नृत्य होता है। इस नृत्य में स्त्रियाँ और पुरुष दोनों ही उमंग से भरकर नृत्य करते हैं। बूढ़ी स्त्रियाँ कुटुम्ब में नाती-पोतों के जन्म पर अपने वंश की वृद्धि के हर्ष से भरकर घर के आंगन में बधाई नाचने लगते हैं। नेग न्यौछावर बांटती हैं। मंच पर जब बधाई नृत्य समूह के रूप में प्रस्तुत होता है, तो इसमें गीत भी गाये जाते हैं। बधाई के नर्तक, चेहरे के उल्लास, पद संचालन, देह की लचक और रंगारंग वेशभूषा से दर्शकों का मन मोह लेते हैं। इस नृत्य में ढपला, टिमकी, रमतूला और बांसुरी आदि वाद्य प्रयुक्त होते हैं।

अगली कड़ी में हेमंत बृजवासी ने अपनी मधुर आवाज में भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राधे-राधे कीर्तन से अपनी प्रस्तुति का आगाज किया। अरज सुनो मोरी...गीत गाकर उन्होंने श्रोताओं को अपने साथ जोड़ लिया तो किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए...गीत गाकर फिजाओं में भक्ति रस के रंग घोल दिए। काली कमली वाला मेरा यार है...और मस्ती में रंग मस्ताने हो गए, श्याम तेरे नाम के दीवाने...और कजरारे तेरे मोटे मोटे नैन...जैसे गीतों के साथ श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। 

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