Saturday, September 7, 2024

बाघों को पसंद आ रहा है पन्ना बफर का जंगल

  • खजरीकुडार के जंगल में दिखा बाघों का जोड़ा 
  • पन्ना बफर में आधा दर्जन से भी अधिक बाघ 

वनराज का जोड़ा किल का मजा लेते हुए।  (फ़ाइल फोटो) 

।। अरुण सिंह ।।

पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय के निकट खजरीकुडार के जंगल में सड़क मार्ग के किनारे विचरण करते दो बाघ (नर - मादा)  राहगीरों को दिखे हैं। राहगीरों ने इनका वीडियो भी बनाया है जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में राहगीरों की आवाज भी सुनाई दे रही है जिसमें वे कहते हैं कि "भारी बडो नाहर (बाघ) आये है, एक नहीं दो हैं। हमने अपने जीवन में इतनो बड़ो शेर नहीं देखो।" खजरीकुडार निवासी कमल सिंह यादव ने बताया कि शुक्रवार 6 सितम्बर की दोपहर लगभग डेढ़ बजे पन्ना में दूध देकर वह व अंकुल यादव जब वापस गाँव लौट रहे थे, उसी समय रोड के पास ही पानी से भरे डबरे में दो बाघ आराम से बैठे थे। कई अन्य लोगों के वहां से गुजरने पर बाघ उठकर जंगल की तरफ निकल गए। 

गौरतलब है कि आज से तक़रीबन डेढ़ दशक पूर्व पन्ना के जंगल बाघ विहीन हो गए थे। लेकिन वर्ष 2009 में यहाँ शुरू हुई बाघ पुनर्स्थापना योजना को मिली चमत्कारिक सफलता के बाद से यहाँ बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ा। अब आलम यह है कि सड़क मार्ग पर चलते हुए भी बाघों के दर्शन होने लगे हैं। पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़ी है जिससे यहाँ के बाघ अब अपने लिए टैरिटरी ( इलाका ) की खोज में बाहर निकलने लगे हैं। यही वजह है कि पन्ना टाइगर रिज़र्व के बाघ अब कोर क्षेत्र से बाहर बफर के जंगल में स्वच्छंद विचरण करते अक्सर नजर आ जाते हैं।

पन्ना बफर का जंगल मौजूदा समय बाघों का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यहां के जंगल में वह सब कुछ है जो बाघों के लिए जरुरी है। छिपने के लिए बेहतरीन जंगल व लेंटाना की घनी झाड़ियों के साथ यहाँ प्राकृतिक नालों में अविरल बहने वाली जलधार शाकाहारी वन्य जीवों के अलावा शिकारी वन्य प्राणियों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। मौजूदा समय इस बफर क्षेत्र के जंगल में आधा दर्जन से भी अधिक बाघों की मौजूदगी बताई जा रही है। 

पन्ना बफर में झिन्ना से लेकर खजरीकुडार, दहलान चौकी, हर्रा चौकी,विश्रामगंज घाटी व रानीपुर का इलाका बाघों की चहल-कदमी से गुलजार है। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि  इस इलाके में एक जोड़े की मौजूदगी बीते कई महीनों से है, जिनके हाल ही में जन्मे शावक भी हैं। अभी शावकों की मौजूदगी के प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले, इसलिए यह बता पाना संभव नहीं है कि शावकों की संख्या कितनी है। कैमरा ट्रैप से प्रमाण जुटाने के प्रयास पार्क प्रबंधन द्वारा किया जा रहा हैं।    

पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में क्षमता से अधिक बाघ

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती तादाद के लिहाज से 576 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र काफी छोटा पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में यहां के युवा व बुजुर्ग बाघ अपने लिए नये आशियाना की तलाश में कोर क्षेत्र से बाहर निकलकर बफर के जंगल में पहुंच रहे हैं। कोर क्षेत्र के चारों तरफ 1021.97 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बफर के जंगल में मौजूदा समय बड़ी संख्या में बाघ स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। बफर क्षेत्र में अपने लिए ठिकाना तलाश रहे इन बाघों की निगरानी व उनकी सुरक्षा इस समय प्रबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बफर क्षेत्र के जंगलों में बाघों की मौजूदगी को देखते हुए जहाँ निगरानी बढ़ा दी गई है वहीं जंगल में बाघों के विचरण से अवैध कटाई पर भी स्वाभाविक तौर पर अंकुश लगा है। जो निश्चित है शुभ संकेत है, इससे आने वाले समय में यह पूरा इलाका भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। 

खजरीकुडार के जंगल का वह वीडियो जो वायरल हो रहा -


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