Friday, April 4, 2025

पानी की तलाश में भटके चीतल का आवारा कुत्तों ने किया शिकार

आवारा कुत्तों के हमले में असमय काल कवलित हुए चीतल का हुआ दाह संस्कार। 

पन्ना। गर्मी के इस मौसम में पानी न मिलने पर जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों की ओर रुख करने लगे हैं। पानी की तलाश में भटकते हुए जानवरों का आबादी क्षेत्र में आना उनके लिये जानलेवा साबित हो रहा है। पन्ना टाइगर रिज़र्व के पन्ना बफ़र क्षेत्र में गत सायं एक मादा चीतल पानी के तलाश में झिन्ना स्थित गौशाला के निकट पहुँच गई। वहां मौजूद आवारा कुत्तों ने इस मादा चीतल पर हमला बोल दिया, फ़लस्वरूप चीतल की मौत हो गई।  

वन परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर अमर सिंह बताया कि गुरुवार को शाम के समय मादा चीतल झिन्ना स्थित गौशाला के पास पहुँच गया था। यहाँ पर आवारा कुत्तों ने चीतल को घेरकर हमला कर दिया। कुत्तों के हमले में जख्मी हो चुके चीतल की मौत हो गई। मृत चीतल का पोस्ट मॉर्टम आज वन परिक्षेत्राधिकारी पन्ना बफर कार्यालय खजरी कुडार में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। पोस्ट मॉर्टम के उपरांत मृत चीतल के शव को  कार्यालय परिसर के निकट ही जला दिया गया है। इस मौके पर एनटीसीए के प्रतिनिधि, सरपंच व वन अधिकारी मौजूद रहे। 


उल्लेखनीय है कि गर्मी के मौसम में इस तरह की घटनायें अब आये दिन सुनने को मिल रही हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये वन विभाग को जंगल में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहिए ताकि प्यास से व्याकुल वन्य प्रांणी मजबूरन आबादी क्षेत्र में आकर असमय काल कवलित न हों। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये जो भी प्रयास हुए हैं, वे नाकाफी हैं। ज्यादातर वन क्षेत्रों में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। नदी नाले जहां वन्य प्रांणी पानी पीते रहे हैं, वे सूख चुके हैं। ऐसी स्थिति में पानी की तलाश में वन्य प्रांणी जंगल से आबादी क्षेत्र के आस-पास स्थित जल श्रोतों की तरफ आने लगे हैं। जिसके कारण वन्य प्रांणी जहां कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं, वहीं शिकारियों का भी निशाना बन रहे हैं। 

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