पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की नवागत कलेक्टर ऊषा परमार ने शनिवार को ग्राम पंचायत मनौर के जरुआपुर गांव पहुंचकर उद्यानिकी फसलों की खेती का अवलोकन किया। उन्होंने परंपरागत खेती के स्थान पर उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले कृषकों से संवाद किया।
कलेक्टर ने फसल उत्पादन के संबंध में जानकारी प्राप्त की और स्थानीय कृषकों सुब्रत मलिक, दुर्गा प्रसाद कुशवाहा, मनीराम कुशवाहा, खेमराज कुशवाहा एवं जतिन बढ़ई द्वारा जैविक फसलों के उत्पादन पर सराहना की तथा किसानों के खेत में बैंगन, खीरा, लौकी, परवल और मुनगा एवं पपीता आदि फसलों का जायजा लिया। जिला कलेक्टर ने फसल उत्पादन प्रक्रिया व विधि की जानकारी प्राप्त कर स्थानीय और बाहर के बाजार में इनके विक्रय की जानकारी भी ली। साथ ही कृषि लागत, शुद्ध मुनाफा और फसल उत्पादन में नवीनतम तकनीक के बारे में पूछा।
स्थानीय प्रगतिशील किसानों ने जिला कलेक्टर को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर आधुनिक पद्धति से उद्यानिकी फसलों के उत्पादन की कार्ययोजना के बारे में अवगत कराया। साथ ही कम पानी के बावजूद मल्चिंग और स्प्रिंकलर पद्धति से सीमित क्षेत्र में अधिक उत्पादन व आर्थिक लाभ के बारे में जानकारी दी। उद्यानिकी कृषक सुब्रत ने खेत में निर्मित तालाब के माध्यम से मत्स्य उत्पादन और भविष्य में अन्य नवीन उद्यानिकी फसलों की खेती प्रारंभ करने के बारे में बताया।
इसके अलावा फसल उत्पादन में जैविक खाद के अधिकतम उपयोग तथा इसे तैयार करने सहित ऐलो एवं ब्लू ट्रेप जैसे उपायों की जानकारी भी दी। कलेक्टर श्रीमती परमार ने स्थानीय कृषकों से संवाद कर क्षेत्र के अन्य किसानों को भी जैविक पद्धति से उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही। इसके अलावा उपजाऊ भूमि तथा दलहनी फसलों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी, ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी संजीत बागरी एवं शासकीय उद्यान रोपणी जनकपुर के उद्यान अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
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