Monday, November 6, 2017

अब खुले में शौच जाने से कतराने लगे ग्रामीण

  •   जो काम सरकार व प्रशासन सालों से नहीं कर सकी बाघ ने एक ही दिन में कर दिया
  •   पन्ना जिले के तारा व विक्रमपुर गाँव में बाघ की दहशत




अरुण सिंह,पन्ना। सरकार और प्रशासन के अथक प्रयासों और करोड़ों रू. खर्च करने के बाद भी जो काम सालों से नहीं हो पाया उसे पन्ना टाईगर रिजर्व के बाघ ने एक ही दिन में कर दिखाया है। पन्ना जिले के तारा व विक्रमपुर गाँव में बीते रोज बाघ की मौजूदगी के चिह्न मिलने पर ग्रामीणों ने बाघ के डर से खुले में शौच जाना बन्द कर दिया है। आलम यह है कि खेतों पककर तैयार खड़ी धान की फसल को काटने से भी ग्रामीण कतरा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों के कुनवे का विस्तार होने से यहां के बाघ अब कोर क्षेत्र से निकलकर आस-पास के जंगलों में भी विचरण करने लगे हैं। पन्ना-अमानगंज सड़क मार्ग पर तो आये दिन यात्रियों को बाघ देखने को मिल रहा है। टाईगर रिजर्व के बाघ कोर क्षेत्र की सीमा में बनी पत्थर की खखरी को लांघकर सड़क पार करते हुये सामान्य वन क्षेत्र में भी विचरण के लिये निकल जाते हैं। यहां मवेशियों का शिकार करके दावत उड़ाते हैं और फिर वापस कोर क्षेत्र के जंगल में लौट आते हैं। यह सिलसिला विगत कई वर्षों से चल रहा है। कई बार तो सड़क मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतार लग जाती है क्योंकि बाघ परिवार मुख्य सड़क मार्ग पर चहल कदमी करते नजर आ जाते हैं। क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व विवेक जैन ने बताया कि तारा गाँव के पास पगमार्क मिले थे। इस इलाके से अक्सर ही बाघों का आवागमन होता है क्योंकि यह बफर क्षेत्र से लगा हुआ है। गाँव की ओर बाघों का प्रवेश रोकने के लिये फेंसिंग लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। फेंसिंग लगने के बाद इस तरह की समस्याओं से काफी हद तक निजात मिलेगी।
विक्रमपुर गाँव के विशाल सिंह भदौरिया ने बताया कि गाँव के निकट धान के खेत में बाघ के पगमार्क मिले हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। गाँव के आस-पास बाघ की मौजूदगी की आशंका के चलते खुले में शौच के लिये जाने वाले लोग अब घरों में बने शौचालय का उपयोग करने लगे हैं। दिन ढलने के बाद गाँव में सन्नाटा पसर जाता है, कोई भी घर से बाहर नहीं निकलता। बाघ की दहशत ग्रामीणों में इस कदर है कि खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसल को काटने के लिये गाँव में मजदूर भी नहीं मिल रहे। मालुम हो कि इसके पूर्व भी विक्रमपुर गाँव में बाघ ने दस्तक दी थी और कई दिनों तक अरहर के खेत में डेरा डाले रहा। पन्ना टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने प्रशिक्षित हांथियों की मदद से बमुश्किल उस बाघ को गाँव से खदेड़ कर पार्क की सीमा के भीतर ले जाने में सफल हुये थे। अब फिर बाघ ने गाँव में दस्तक दे दी है जिससे भय और दहशत का माहौल है।
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