- एक महीने के अंदर तेदुये के असमय मौत की दूसरी घटना
- घटना के चार दिन बाद तक वन अमले को नहीं लगी भनक
अरुण सिंह,पन्ना। बीते एक महीने के अतंराल में दक्षिण वन मण्डल के अंतर्गत दो तेंदुओं की मौत हो चुकी है। पहला मामला रैपुरा परिक्षेत्र के अंतर्गत मादा तेदुआ की भूख की बजह से मौत हुई थी। जबकि दूसरा तेंदुआ आज पवई से सटे महादेव धार के जंगल में मृत पाया गया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार इसकी उम्र 7-8 वर्ष बताई जा रही है। मृत तेंदुआ का शरीर देखकर ऐसा माना जा रहा है कि 3-4 दिन पूर्व ही उसकी मौत हो गई थी। नगर के नजदीक पवई बीट में पिछले 4 दिनों से तेंदुआ मृत पड़ा रहा और उससे दुर्गन्ध भी उठने लगी इसके बावजूद वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। जैसे ही मृत तेंदुआ की सूचना वन विभाग को मिली वैसे ही विभाग हरकत में आया तथा सीसीएफ छतरपुर,डीएफओ पन्ना,एसडीओ वन व परिक्षेत्र अधिकारी पवई सहित दर्जनो वन अधिकारी आज सुबह से ही घटना स्थल पर पहुँच गये तथा स्थल का पंचनामा तैयार किया गया।
उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त वन्यजीवों की सुरक्षा में दक्षिण वन मण्डल पन्ना के अमले की एक बार फि र बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। महज एक माह के अंदर यहां दो तेंदुओं की अस्वाभाविक मौत होने से वन्यप्राणियों की सुरक्षा और मैदानी अमले सहित वन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा है। विकासखण्ड मुख्यालय पवई के समीप तेंदुआ का शिकार होने की सूचना के तकरीबन 24 घंटे बाद दक्षिण वन मण्डल पन्ना की डीएफओ तथा मुख्य वन संरक्षक वृत्त छतरपुर के.एस. अलावा के मौके पर पहुंचने से वन्यप्राणियों की सुरक्षा और शिकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की संवदेनशीलता का पता चलता है। तेंदुआ का शिकार पवई से महज 2 किमी दूर पतने नदी किनारे वन परिक्षेत्र पवई अन्तर्गत बीट सुरकहाई हार में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा फं दा लगाकर किया गया। सतना से बुलाये गये प्रशिक्षित डॉग से बुधवार को घटना स्थल की सर्चिंग कराई गई। इस दौरान डॉग समीप स्थित जिस किसान की झोपड़ी में गया उसे तथा 3 अन्य व्यक्तियों को वनकर्मियों ने संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछतांछ शुरू कर दी है। हिरासत में लिये गये संदेहियों में टीकाराम अहिरवार पुत्र हरछठिया अहिरवार, पन्नूलाल सेन पुत्र रामगोपाल सेन, बाबूलाल आदिवासी पुत्र परसू आदिवासी और मनसुख पिता बाबूलाल आदिवासी शामिल हंै।
इनका कहना है...
0 एक माह पूर्व रैपुरा वन परिक्षेत्र में तेंदुये की मौत हुई थी।जिसका मुख्य कारण यह रहा है कि उसको एक डेढ़ महीने से शिकार नहीं मिला था तथा भूख के कारण वह गॉव के इर्द-गिर्द भ्रमण करता रहा। हमारे रैस्क्यू में वह कॅुये में कूद गया था इस कारण उसकी मौत हुई। दूसरा मामला पवई परिक्षेत्र में जो प्रकाश में आया है ऐसा समझ में आ रहा है कि खेती किसानी करने वाले लोगो ने जानवरो से सुरक्षा हेतु क्लिच वायर का उपयोग किया गया है जिसके निशान व घाव जानवर के गले में पाये गये।के.एस. अलावा, सीसीएफ छतरपुर
0 कल 19 तारीख को हमें सूचना मिली थी कि एक मृत तेंदुआ पवई हार में देखा गया है चूंकि मृत तेंदुआ ख्ेातो एवं जंगल के बीचो बीच पाया गया ऐसी आशंका है कि खेती करने वाले लोगो द्वारा जानवरो से सुरक्षा हेतु तार के फ न्दे लगाये हंै जानवर के गले के घाव देखकर ऐसा प्रतीत हेाता है। फिलहाल संदिग्धतता के आधार पर कुछ लोगो को गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछतांछ जारी है।
आर.एन. द्विवेदी, उपवन मण्डल अधिकारी पवई
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