Friday, January 12, 2018

आबादी क्षेत्र में जाने वाली बाघिन हुई रेडियो कॉलर

  •   बाघिन को ट्रन्कुलाइज कर पार्क के कोर क्षेत्र में छोड़ा गया
  •   आबादी क्षेत्र में विचरण से उत्पन्न हो रही थी द्वन्द की स्थिति



अरुण सिंह,पन्ना। आबादी क्षेत्र में निरन्तर विचरण करने वाली म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व की बाघिन पी-213(33) को ट्रन्कुलाइज करके रेडियो कॉलर पहना दिया गया है। इस बाघिन को पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में रिक्त व सुरक्षित स्थान में विचरण के लिये छोड़ा गया है ताकि यह अपने इलाके का निर्धारण कर सके। लगभग ढाई वर्ष की यह युवा बाघिन पन्ना में ही जन्मी बाघिन पी-213 के तीसरे लिटर की तीसरी संतान है।

क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व विवेक जैन ने जानकारी देते हुये आज बताया कि विगत कुछ माहों से बाघिन पी-213(33) अमानगंज बफर परिक्षेत्र से लगे ग्राम विक्रमपुर के आबादी क्षेत्र में विचरण कर रही थी। इस बाघिन द्वारा मवेशियों का शिकार किये जाने की भी लगातार सूचनायें प्राप्त हो रही थीं। इस बाघिन व ग्रामीणों के बीच द्वन्द की स्थिति निर्मित होने की जहां संभावनायें निर्मित हो रही थीं, वहीं बाघिन की सुरक्षा को लेकर भी खतरा उत्पन्न हो गया था। आबादी क्षेत्र में बाघिन की मौजूदगी के चलते ग्रामवासी भी दहशत में थे। इस बात को दृष्टिगत रखते हुये ढाई वर्ष की इस बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाकर कोर क्षेत्र में छोडऩे का निर्णय लिया गया। क्षेत्र संचालक श्री जैन ने बताया कि बाघिन का लोकेशन पन्ना बफर परिक्षेत्र के बीट बांधी दक्षिण कक्ष क्र. पी-408 में राजा तालाब के पास ट्रन्कुलाइज कर रेडियो कॉलर पहनाया गया है। रेडियो कॉलरिंग की समस्त कार्यवाही को क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व विवेक जैन के नेतृत्व में डॉ. संजीव कुमार गुप्ता वन्य प्राणी चिकित्सक के तकनीकी मार्गदर्शन में सम्पन्न किया गया।

रेस्क्यू वाहन से लाकर कोर क्षेत्र में किया रिलीज

बफर क्षेत्र से लगे आबादी वाले इलाकों में विचरण की आदी हो चुकी इस बाघिन को बेहोश करने के बाद रेस्क्यू वाहन द्वारा ले जाकर पन्ना टाईगर रिजर्व के हिनौता वन परिक्षेत्र अन्तर्गत सुरक्षित स्थान पर रिलीज कर दिया गया है। रेडियो कॉलर हो जाने से अब इस बाघिन की चौबीसों घण्टे निगरानी हो सकेगी, फलस्वरूप इसके आबादी क्षेत्र में जाने की संभावनाओं पर काफी हद तक रोक लग सकेगी। बाघिन को बफर क्षेत्र से रेस्क्यू वाहन द्वारा कोर क्षेत्र में ले जाने की कार्यवाही में सहायक संचालक व परिक्षेत्र अधिकारी हिनौता की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मौजूदा समय बाघिन हिनौता परिक्षेत्र में स्वस्थ है तथा स्वच्छंद रूप से विचरण कर रही है।

अमानगंज रोड में अक्सर दिखती थी बाघिन

बाघिन पी-213(33) पन्ना-अमानगंज रोड में अक्सर विचरण करते हुये दिखाई देती थी। बाघिन के सड़क मार्ग पर निकलने से कभी-कभी मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग जाती थीं। यह स्थिति पार्क प्रबन्धन के लिये चिन्ता का विषय बन चुकी थी, क्योंकि बाघिन के रोड में निकलने से यहां से गुजरने वाले यात्रियों को भी खतरा बना रहता था। कोर क्षेत्र के बाहर आबादी वाले इलाके में बाघिन को सहजता से मवेशियों का शिकार करने को मिल जाता था, यही वजह थी कि यह बाघिन निरन्तर आबादी वाले क्षेत्र के आस-पास ही बनी रहती थी जिससे बाघिन व ग्रामीणों के बीच द्वन्द की संभावनायें निर्मित हो रही थीं। ऐसी स्थिति में बाघिन को पार्क के कोर क्षेत्र में ले जाना जरूरी हो गया था।

पार्क के कोर क्षेत्र में 30 से अधिक बाघ

पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मौजूदा समय नर-मादा व शावकों को मिलाकर 30 से अधिक बाघ स्वच्छन्द रूप से विचरण कर रहे हैं। क्षेत्र संचालक श्री जैन ने बताया कि कोर क्षेत्र में रेडियो कॉलर वाले बाघों की संख्या 11 है, इनमें नर व मादा बाघ दोनों हैं, जिनकी चौबीसों घण्टे मॉनीटरिंग होती है। पन्ना टाईगर रिजर्व के कई नर बाघ पार्क के बफर क्षेत्र में भी विचरण कर रहे हैं। इन बाघों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर आपने बताया कि बफर क्षेत्र के बाघों की प्रमाणिक संख्या बता पाना संभव नहीं है। क्योंकि कई बाघों की मौजूदगी टेरीटोरियल में भी पाई गई है। आपने बताया कि जनवरी माह में ही बाघों की गणना का कार्य शुरू होगा जो 25 दिन तक चलेगा। इसके लिये पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में 562 कैमरा ट्रेप लगाये जा रहे हैं। कोर क्षेत्र के बाद बफर तथा टेरीटोरियल के बाघ संभावित इलाकों में भी कैमरा ट्रेप लगाकर बाघों की गणना की जायेगी।
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