Wednesday, April 11, 2018

शातिर शिकारी को चीतल के बच्चे ने दे दी मात

  •   नदी में पानी पीने आये चीतलों के झुण्ड पर तेंदुआ ने किया था हमला
  •   माँ से पीछे छूट चुके बच्चे ने चकमा देकर बचाई अपनी जान



जंगल में चौकन्ना होकर खड़ा चीतलों का झुण्ड 

अरुण सिंह,पन्ना। जंगल की निराली दुनिया में नित नये और अचंभित कर देने वाले नजारे देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक हैरतअंगेज नजारा म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व में 10 अप्रैल मंगलवार की सुबह डेढ़ दर्जन से भी अधिक पर्यटकों ने साँसें रोके हुये दिल थामकर देखा। जंगल के सबसे शातिर और चालाक शिकारी तेंदुआ ने केन नदी से पानी पीकर लौट रहे चीतलों के झुण्ड पर अचानक हमला बोल दिया। इस हमले में चीतल तो कुलांचे भरते हुये भाग निकले लेकिन तकरीबन डेढ़ माह का एक छोटा बच्चा माँ से पीछे रह गया। जैसे ही तेंदुये की नजर इस बच्चे पर पड़ी, तो वह उसे दबोचने के लिये दौड़ा, लेकिन इस बच्चे ने फुर्ती दिखाते हुये तेंदुये को ऐसा चकमा दिया कि शातिर शिकारी भी थककर हार मान बैठा।
उल्लेखनीय है कि बाघों से आबाद हो चुके पन्ना टाईगर रिजर्व में प्रतिदिन भ्रमण के लिये बड़ी संख्या में देशी व विदेशी पर्यटक आते हैं। मौजूदा समय यहां पर तीन दर्जन से भी अधिक बाघ जहां स्वच्छन्द रूप से विचरण करते हैं वहीं जंगल का राजकुमार कहे जाने वाले तेंदुओं की भी अच्छी खासी तादाद है। रोज की तरह मंगलवार की सुबह जिप्सियों में सवार पर्यटक मड़ला प्रवेश द्वार से टाईगर रिजर्व के भ्रमण हेतु निकले। चार जिप्सियां आगे-पीछे एक ही मार्ग पर चल रही थीं। मड़ला प्रवेश द्वार से लगभग 9 किमी दूर मड़ला वन परिक्षेत्र के मगर डबरी में केन नदी से पानी पीकर लौट रहे चीतलों के झुण्ड को जब पर्यटकों ने देखा तो जिप्सियों की रफ्तार थम गई। इस अद्भुत दृश्य को पर्यटक अपने कैमरों पर कैद करने लगे। उस समय किसी को भी यह आभास नहीं था कि कोई शातिर शिकारी पीछे पहाड़ी में छिपकर घात लगाये बैठा है।

तेंदुआ ने किया अचानक हमला


शातिर शिकारी तेंदुआ जिसका हमला नाकाम हुआ।

पन्ना टाईगर रिजर्व के टूरिस्ट गाईड पुनीत कुमार शर्मा ने बताया कि सुबह लगभग 7.20 बजे चीतलों के इस झुण्ड को जिप्सियों में सवार पर्यटक जब अपलक निहार रहे थे। उसी समय पीछे की पहाड़ी पर घात लगाये बैठा तेंदुआ आहिस्ता-आहिस्ता उतरा और जिप्सियों के ठीक बगल से निकलकर चीतलों के झुण्ड पर धावा बोल दिया। अचानक घटित इस वाकये को इतने निकट से देख कई पर्यटकों की तो चीख निकल गई। बेहद चौंकन्ने और सजग होकर चल रहे चीतलों के झुण्ड को जैसे ही खतरे का आभास हुआ वे कुलाचें भरते हुये अदृश्य हो गये, लेकिन एक छोटा बच्चा पीछे छूट गया।

नन्हे चीतल ने दिखाई गजब की फुर्ती


तकरीबन डेढ़ माह के नन्हे चीतल को अकेला देख शातिर शिकारी तेंदुआ उसकी ओर लपका, तब ऐसा लगा कि कुछ ही क्षणों में चीतल का यह बच्चा तेंदुये के जबड़े में होगा। लेकिन यह क्या इस नन्हे से चीतल ने संकट की इस घड़ी में गजब की फुर्ती दिखाई और इधर से उधर कुलाचें भरते हुये तेंदुये को ऐसा चकमा दिया कि तेंदुये ने भी हार मान ली और चीतल का बच्चा कुलाचें भरते हुये अपने कुनबे के बीच सुरक्षित जा पहुँचा। इस पूरे घटनाक्रम को देख रोमांच से भरे पर्यटक अत्यधिक प्रसन्न नजर आये। उन्होंने इस भ्रमण को अविस्मिरणीय बताते हुये कहा कि वनराज के दर्शन भले नहीं हुये लेकिन जंगल के राजकुमार व चीतलों ने रोमांचित कर आज के भ्रमण को सार्थक और यादगार बना दिया है।
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