Monday, December 17, 2018

पन्ना टाइगर रिज़र्व के विस्थापित ग्रामों में विषधरों का डेरा

  • यहाँ के जंगल में जहरीले नागों का है अदभुत संसार 
  • ढह चुके घरों को बना लिया है अपना बसेरा 


पेड़ के ऊपर शाखा में आराम फरमाता विषधर 

अरुण सिंह,पन्ना। बाघों से आबाद हो  चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाईगर रिजर्व में  अत्यधिक जहरीले कोबरा नागों का भी अदभुत संसार है।यहाँ इन खतरनाक जहरीले नागों की  संख्या भी तेजी से बढ़ रही है । रिजर्व वन क्षेत्र से अन्यत्र विस्थापित हो चुके ग्रामों को इन विषधरों ने अपना बसेरा बना लिया है । टाईगर रिजर्व के हिनौता व मड़ला वन परिक्षेत्र अंतर्गत विस्थापित आधा दर्जन से भी अधिक ग्रामों के ध्वस्त हो  चुके घरों में कोबरा नागों ने डेरा जमा लियाहै । इन ग्रामों व आस-पास के जंगल यहाँ  तक कि वृक्षों की शाखाओं में ये खतरनाक विषधर विचरण करते हुए  यदा-कदा नजर आ जाते हैं।
पन्ना टाईगर रिजर्व के मैदानी कर्मचारियों व पर्यटक गाइडों ने बताया कि कोबरा प्रजाति का चश्माधारी नाग यहाँ  प्रचुरता से पाया जाता है । रिजर्व वन क्षेत्र के जिन ग्रामों को हटाया जाकर अन्यत्र बसाया गया है , उस मानवविहीन  हो चुके इलाके में विषधरों ने कब्जा जमा लिया है । पन्ना टाईगर रिजर्व के सेवानिवृत्त सहायक संचालक एम.पी. ताम्रकार ने बताया कि कोबरा नाग अत्यधिक फुर्तीला और क्रोधी स्वभाव का होता है, उसके डसने से मनुष्य ही  नहीं  हाँथी तक की मौत हो  जाती है। पन्ना टाईगर रिजर्व के हीरा नामक नर हाँथी की मौत कोबरा सर्प के डसने से ही  हुई थी। आपने बताया कि सर्पों में सिर्फ किंग कोबरा ही  एक ऐसा सर्प है जो वगैर छेड़े ही  अचानक हमला कर देता है। क्रोधी स्वभाव वाला यह खरनाक सर्प पन्ना टाईगर रिजर्व के जंगल में काफी संख्या में पाया जाता है। ठंंड के मौसम में यह सर्प बहुत ही  कम बाहर निकलता है, लेकिन बारिश और गर्मी के मौसम में अक्सर दिखाई दे जाते हैं । कोबरा सर्पों की प्रचुर संख्या को दृष्टिगत रखते हुए  रिजर्व वन क्षेत्र के भीतर पैदल ट्रेकिंग करने वाले वन कर्मचारियों को हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है।
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