Sunday, December 16, 2018

शातिर शिकारियों के निशाने पर हैं पन्ना के बाघ

  •  विस्फोटक व  करंट फैलाकर किया जा रहा वन्य प्राणियों का शिकार  
  •  वन अमले ने विस्फोटकों का जखीरा,हथियार,मृत वन्य प्राणी व कार किया बरामद   
  •  शातिर शिकारी मौके से भागने में हुए कामयाब 
  •  दक्षिण वनमंडल पन्ना के पवई वन परिक्षेत्र की घटना 



अरुण सिंह,पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके  मध्य प्रदेश के  पन्ना टाइगर रिज़र्व में एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यहाँ के जंगलों में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे तीन दर्जन से भी अधिक बाघ तथा बड़ी संख्या में मौजूद जंगल का राजकुमार कहा जाने वाला तेंदुआ और भालू सहित शाकाहारी वन्य जीव शातिर शिकारियों के निशाने पर हैं। बड़े पैमाने पर  अवैध उत्खनन के लिए बदनाम दक्षिण वनमंडल पन्ना का पवई वन परिक्षेत्र शिकार की घटनाओं के लिए सुर्खियों में है। यहाँ वन संपदा का अवैध रूप से बड़े पैमाने पर दोहन करने वाले खनन माफियाओं के अलावा शातिर शिकारियों के भी सक्रिय होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बीती 14 दिसंबर की रात्रि में जंगल में ही शिकारियों के एक ठिकाने से वन अमले ने भरी मात्रा में विस्फोटक,शिकार में उपयोग होने वाला जीआई तार.हथियार,खूंटियां,मृत कई वन्यजीव,सागौन की लकड़ी सहित एक इंडिगो कार बरामद किया है। लेकिन वहां मौजूद शिकारी अँधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गये हैं। वन परिक्षेत्राधिकारी पवई शिशुपाल अहिरवार ने जानकारी देते हुए बताया कि फरार हुए शिकारियों.में से एक व्यक्ति की पहचान रजऊ राजा उर्फ़ योगेन्द्र सिंह पिता कृष्णपाल सिंह निवासी ग्राम महोड़ के रूप में हुई है। आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

शिकारियों के वाहन से बरामद विस्फोटक,हथियार व विद्युत तार  

घटनाक्रम के संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी पवई ने जानकारी देते हुए बताया कि  14 एवं 15 दिसम्बर की दरम्यानी रात रूटीन सर्चिंग के दौरान मुडेरा बेरियल की चैकिंग उपरांत वन अमला जैसे ही मझगवां की ओर जा रहा था, तभी कोठी से मझगवा की ओर जा रही सफेद रंग की इण्डिगों कार का पीछा करने पर अचानक कार खड़ी हो गई तथा तीन व्यक्ति कार से उतरकर भाग निकले । टार्च की रोशनी से देखने पर तीन आरोपी  रजऊ राजा पिता कृष्णपाल सिंह  के अरहर के खेत से भागते हुये नजर आये ।   खेत के एक किनारे से दूसरे किनारे तक चार सौ मीटर जीआईतार सत्ताईस नग बांस की खूटियां के सहारे इलेवन केबी विद्युत लाईन तक बिछाया गया था। बिछी हुई तर में कोठी विद्युत लाईन से करेन्ट प्रवाहित होते हुये पाया गया जिसकी चपेट में आकर एक गाय सहित जंगली बिल्ली एवं एक कबरबिज्जू  तार में फैले करंट से झुलसे हुये मृत पाये गये। जिन्हे वन अमले  द्वारा अभिरक्षा में लेते हुये पोस्ट मार्टम कराने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।

कार में मिला बिस्फोटकों का जखीरा 



आरोपियों की कार जिसे छोड़कर वे मौके से फरार हुए 
अपराधियों की इण्डिगों कार क्र. एमपी-20टी-7654 की जब तलाशी हुई तो वन अमला बिस्फोटक का जखीरा देख दंग रह गया। इंडिगो कार के अंदर व खेत में मिलीं चार पेटियों से 687 नग एक्सप्लोसिव डायनामाईट जप्त हुए। दक्षिण वन मंडल पवई के एसडीओ आर.के. अवधिया ने बताया की खेत में 2 नग  कार्टून पैक पाए गये जिसमें प्रत्येक कार्टून में 200 - 200 नग डायनामाईट भरे हुए थे। इसके अलावा कार की डिग्गी के अंदर एक नग  डायनामाईट का सील पैक कार्टून जिसमे 200 नग डायनामाईट थे  , एक नग खुला डायनामाईट का कार्टून जिसमें 80 नग एक्सप्लोसिव डायनामाईट पाये गये। कार की सर्चिंग  के दौरान डिग्गी में एक नग सांभर का सींग, एक नग कुल्हाड़ी, लगभग 1 किग्रा जीआई तार, एक नग एयरगन, छ: नग सागौन का चिरान पाया गया। जिनकी मौके से वाहन सहित जब्ती की गई। गौरतलब है कि पवई वन परिक्षेत्र के जिस इलाके में विस्फोटकों का जखीरा बरामद हुआ है तथा करंट से शिकार की घटनायें सामने आई हैं उसी इलाके में पिछले कई महीनों से एक बाघ विचरण कर रहा है। गनीमत यह रही कि बिछाई गई विद्युत तार की चपेट में इलाके में विचरण कर रहा वनराज नहीं आया अन्यथा बहुत बड़ी क्षति हो जाती।

तेंदुए और भालू का यहाँ हो चुका है शिकार 


पूर्व में तेंदुए का हुए शिकार मामले में घटना स्थल का जायजा लेतीं डीएफओ  दक्षिण 

वन्य प्राणियों के शिकार को लेकर बदनाम हो चुके पवई वन परिक्षेत्र में शिकार की घटनायें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिम्मेदार वन अधिकारी जंगल व वन्यप्राणियों की सुरक्षा में ध्यान देने के बजाय अन्य दूसरी गतिविधियों में ज्यादा रूचि लेते हैं जिसका फायदा शिकारी उठा रहे हैं। इसी वर्ष पवई वन परिक्षेत्र में तेंदुआ और भालू सहित अन्य वन्यप्राणियों के शिकार की घटनायें हो चुकी हैं फिर भी वन अधिकारीयों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है जो निश्चित ही चिंतनीय है। मौजूदा समय पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में जहाँ तीन दर्जन से भी अधिक बाघ विचरण कर रहे हैं,वहीँ कई बाघ बफर व आस पास के जंगलों में भी देखे जा रहे हैं। चाक चौबंद सुरक्षा के अभाव में इन बाघों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। समय रहते यदि बफर व सामान्य वन क्षेत्रों में विचरण कर रहे बाघों की सुरक्षा के माकूल प्रबन्ध नहीं किये गये तो शातिर शिकारी एक बार फिर पन्ना के बाघों को अपने निशाने पर ले सकते हैं  बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
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