Wednesday, December 19, 2018

ठिठुरन बढऩे से लोगों की बदल गई दिनचर्या

कड़ाके की ठंड के चलते सुबह धूप निकलने पर मॉर्निंग वॉक।  फोटो - अरुण सिंह 

  •  सुबह की सैर पर निकलने वालों ने भी बदला समय
  •   पन्ना में तापमान का पारा 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुँचा


अरुण सिंह,पन्ना । बर्फीली सर्द हवाओं से ठिठुरन इस कदर बढ़ गई है कि ठण्ड के प्रकोप से बचने के लिये लोगों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने के लिये विवश होना पड़ रहा है। जो लोग सुबह की सैर में प्रतिदिन 5 बजे अपने घरों से निकल पड़ते थे, वे अब इस कड़ाके की ठण्ड में 6 बजे तक रजाई में ही दुबके रहते हैं। माॄनग वाक के शौकीन ज्यादातर लोग मौसम के बदले हुये मिजाज को देखते हुये अब धूप निकलने पर सुबह 7 बजे टहलने के लिये घर से निकलते हैं। कड़ाके की ठण्ड ने हर किसी की दिनचर्या को प्रभावित किया है। मालुम हो कि मन्दिरों के शहर पन्ना में तापमान का पारा पिछले 3-4 दिनों से 5 डिग्री सेल्सियस के नीचे बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत में हुई बर्फबारी का असर पन्ना जिले में भी पड़ रहा है। बर्फबारी होने से बर्फीली हवायें तापमान के पारा को लगातार नीचे की ओर खिसका रही हैं। आलम यह है कि दिन ढलने के साथ ही लोग अपने घरों में दुबकने के लिये मजबूर हो रहे हैं। इस भीषण ठण्ड में सबसे ज्यादा मुसीबत रोज कमाने वाले मजदूरों की है। ठण्ड से बचने के लिये इनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े भी नहीं रहते, ऐसी स्थिति में ठिठुरन और बर्फीली हवाओं के प्रकोप से बचने के लिये इनके पास अलाव ही एक मात्र सहारा है। आग जलाकर ही गरीब परिवारों के लोग इस भीषण ठण्ड से अपना बचाव कर रहे हैं। सोमवार से आसमान में बादल भी नजर आने लगे हैं जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ठण्ड के साथ-साथ कोहरे का भी प्रकोप शुरू हो सकता है।

अलाव की नहीं हुई व्यवस्था

भीषण ठण्ड को देखते हुये शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों विशेषकर बस स्टैण्ड व जिला चिकित्सालय परिसर में नगर पालिका प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था कराई जानी चाहिये, जो अभी तक नहीं हुई। अलाव न जलने से बस स्टैण्ड में यात्रियों के साथ-साथ आटो-रिक्शा चालकों को ठण्ड में ठिठुरना पड़ता है। बस स्टैण्ड में रात गुजारने वाले गरीब कूड़ा-कचरा जलाकर किसी तरह ठण्ड के प्रकोप से अपने को बचा रहे हैं। यही हाल जिला अस्पताल में गरीब मरीजों के परिजनों के हैं, गर्म कपड़ों के अभाव में इन्हें भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में अविलम्ब अभाव की व्यवस्था कराया जाना बेहद जरूरी है।
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