Friday, December 21, 2018

करंट से फिर हुआ मादा तेंदुये का शिकार

  •   दक्षिण वन मण्डल पन्ना के शाहनगर वन परिक्षेत्र का मामला
  •   इलाके में शिकारियों की सक्रियता से वन्य प्राणियों पर संकट


पन्ना जिले के शाहनगर वन परिक्षेत्र में मिला मादा तेंदुए का क्षत विक्षत शव 

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में वन्य प्राणियों के शिकार की घटनायें थमने का नाम नहीं ले रहीं। दक्षिण वन मण्डल पन्ना अंतर्गत शाहनगर वन परिक्षेत्र के टिकरिया बीट नंबर पी 975-976 में फिर एक मादा तेंदुआ मृत पाया गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस मादा तेंदुये की मौत विद्युत करंट से हुई है। घटना लगभग 7-8 दिन पूर्व की बताई जा रही है लेकिन इसकी जानकारी वन अमले को बुधवार को हुई फलस्वरूप डीएफओ सहित वन अधिकारी आज गुरूवार को मौके पर पहुँचकर घटना स्थल का जायजा लिया। मालुम हो कि  इसके पूर्व दक्षिण वन मण्डल के पवई वन परिक्षेत्र में वन अमले द्वारा भारी मात्रा में विस्फोटक, शिकार में उपयोग होने वाला जीआई तार, हथियार तथा मृत अवस्था में पड़े कई वन्य प्राणी बरामद किये गये थे। इस मामले के आरोपी अभी पकड़े भी नहीं गये कि दूसरे वन परिक्षेत्र में शिकार की वारदात घटित हो गई है जिसमें एक मादा तेंदुये की असमय मौत हो गई। जिले में शिकारियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुये पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र सहित बफर व सामान्य वन क्षेत्रों में विचरण कर रहे बाघों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
मामले के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार विगत  7- 8 दिन पहले कुछ शिकारियों के द्वारा 11000 केवी की लाइन से नंगा तार फं सा कर जंगल में जंगली जानवरों का शिकार करने के उद्देश्य से फैलाया गया था। शिकारियों द्वारा फैलाये गये विद्युत तार की चपेट में एक व्यक्ति भी आ चुका है जिसकी मौत हो गई है। मृतक का नाम सौखी चौधरी बताया जा रहा है। ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि जिस दिन सौखी चौधरी की विद्युत तार की चपेट में आकर मौत हुई है उसी दिन या आस-पास मादा तेंदुआ भी करंट की चपेट में आया और उसकी मौत हो गई। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि जंगल में बिछाये गये विद्युत तार की चपेट में आने से मादा तेंदुये की मौत हो जाती है और इसकी भनक मैदानी वन अमले को नहीं लग पाती। इसी से जाहिर होता है कि जंगल व जंगल में विचरण करने वाले वन्य प्राणियों की सुरक्षा  के प्रति वन अमला कितना सजग और चौकस है? मादा तेंदुये के शिकार की जानकारी होने पर दक्षिण वन मण्डल पन्ना की डीएफ ओ मीना मिश्रा, एसडीओ हेमंत यादव कल्दा रेंजर, आर. बी. खरे वन परिक्षेत्र अधिकारी शाहनगर, आर.पी अरजरिया डिप्टी रेंजर के साथ वन अमला मौके पर पहुँचा। घटना स्थल पर डॉग स्कॉट की मदद से भी छानबीन की गई। मौके पर नंगे तार की स्पार्किंग के निशान  मिले हैं जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि तेंदुआ की मौत विद्युत तार की चपेट में आने से हुई है। उपसंचालक पशु चिकित्सा अधिकारी डी.के. पटेल एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. जी.डी.एस. तिवारी द्वारा मौके पर पहुंचकर पीएम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के कारणों की असल वजह का खुलासा हो सकेगा। लेकिन इस घटना के बाद से वन्य प्राणियों की सुरक्षा व वन अमले की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ खड़े हुये हैं। यदि समय रहते इलाके में सक्रिय शिकारियों की गतिविधियों पर प्रभावी रोक नहीं लगाई गई तो उनके शिकारी पंजे बाघों तक भी पहुँच सकते हैं। ऐसी स्थिति में यदि पन्ना फिर वर्ष 2009 की ओर अग्रसर हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं है। मालुम हो कि वर्ष 2009 में पन्ना का जंगल बाघ विहीन हो गया था। तब प्रदेश के अन्य दूसरे टाईकर रिजर्वों से पर व मादा बाघ पन्ना लाया जाकर उन्हें यहां पर आबाद किया गया था। अथक परिश्रम और सुरक्षा व्यवस्था के बीच पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों का संसार आबाद हुआ जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन शिकारियों की मौजूदगी ने एक बार फिर बाघों की सुरक्षा को लेकर प्रश्र चिह्न खड़ा कर दिया है। जिसका निदान समय रहते बेहद जरूरी है।

शिकार की यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण ; डीएफओ 



घटना की जानकारी देते हुए डी एफ ओ मीना मिश्रा 
डीएफओ दक्षिण वन मण्डल पन्ना मीना मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि शाहनगर वन परिक्षेत्र के टिकरिया बीट में मादा तेंदुये के शिकार की यह घटना हुई है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। तेंदुए का जो  शव मिला है वह  8-10 दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। क्राइम सीन की जाँच में प्रथम द्रष्टया विद्युत करंट से मौत होने की आशंका है , वास्तविक स्थिति  पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर स्पष्ट होगी।  मामले की जाँच की जा रही है। शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा।

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