- खदान क्षेत्र में फायरिंग होने से इलाके में भय और दहशत का माहौल
- भाजपा नेता के हाइवा में रेत की लोडिंग को लेकर हुआ था विवाद
- मामले पर दोनों पक्षों द्वारा अजयगढ़ थाना में की गई रिपोर्ट
- घटना के बाद से रेत खदान क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील
केन नदी की सुनहरा रेत खदान क्षेत्र जहां हुआ था विवाद। |
अरुण सिंह
पन्ना। म.प्र. के पन्ना जिले में खनन माफिया इस कदर बेलगाम और बेखौफ हो गये हैं कि उन्हें शासन और प्रशासन का भी भय नहीं है। सक्रिय माफियाओं ने रेत की लूट के लिये अजयगढ़ विकासखण्ड की रेत खदानों को खूनी संघर्ष का मैदान बना दिया है। परिणामस्वरूप खदान क्षेत्रों में गोलीबारी, लूटपाट और मारपीट जैसी संगीन वारदातें आम हो चुकीं हैं।
यहां तेजी से बेकाबू होते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेत खदानों में माफि याओं की मर्जी के बगैर आम आदमी तो क्या प्रशासनिक अधिकारी तक वहां नहीं जा सकते हैं। अजयगढ़ में केन नदी पर संचालित वैध और अवैध रेत खदानों के चलते कई किमी का इलाका अघोषित तौर पर प्रवेश से प्रतिबंधित क्षेत्र में तब्दील हो चुका है। शनिवार 5 जनवरी को देर रात यहां शिवा कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित सुनहरा रेत खदान में दो पक्षों के बीच जमकर विवाद होने की खबर है। जिसमें फायरिंग, लूटपाट, मारपीट, तोड़-फोड़ होने की बात सामने आई है। रेत की खुलेआम लूट के लिये बदनाम अजयगढ़ की खदानें इस घमासान के बाद एक बार फि र सुर्खियों में हैं।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी पन्ना के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकश चतुर्वेदी के हाइवा क्र. एमपी-35एचए-0385 को लेकर चालक भूरा यादव निवासी पन्ना और क्लीनर अंगद कोंदर निवासी विश्रामगंज रेत लेने के लिये सुनहरा खदान के कैम्प गये थे। कैम्प में कई वाहन पूर्व से टोकन के लिये नम्बर लगाये हुये खड़े थे, चालक भूरा यादव के कहने पर रेत खदान के कर्मचारी भजन ने उसे नवाब खां उर्फ प्यारे पहले टोकन दे दिया, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी पन्ना के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकश चतुर्वेदी के हाइवा क्र. एमपी-35एचए-0385 को लेकर चालक भूरा यादव निवासी पन्ना और क्लीनर अंगद कोंदर निवासी विश्रामगंज रेत लेने के लिये सुनहरा खदान के कैम्प गये थे। कैम्प में कई वाहन पूर्व से टोकन के लिये नम्बर लगाये हुये खड़े थे, चालक भूरा यादव के कहने पर रेत खदान के कर्मचारी भजन ने उसे नवाब खां उर्फ प्यारे पहले टोकन दे दिया, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई।
इस बीच चालक भूरा यादव हाइवा को लेकर रेत लोड करने के लिये रात 11 बजे सुनहरा खदान पर पहुँचा जहाँ एलएनटी मशीन रेत भरने लगी, तभी वहां आये सल्लू पाण्डेय, उज्जवल पाण्डेय, महेन्द्र मिश्रा, नवीन मिश्रा व चार-पाँच लोगों द्वारा चालक भूरा यादव के साथ गालीं-गलौज करते हुये मारपीट करने लगे। अपनी जान बचाने के लिये भूरा यादव ने नदी में छलांग लगा दी और क्लीनर अंगद कोंदर भागकर कैम्प की ओर चला गया।
उधर, सुनहरा रेत खदान के मैनेजर सरदार जसपाल सिंह राणा मौके पर पहुंचे तो नवाब खां सहित अन्य वाहनों के चालकों द्वारा हाइवा को बगैर नम्बर लगाये टोकन दिये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई गई। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढऩे पर मैनेजर जससपाल सिंह और उसके सुरक्षा गार्ड अशोक सिंह द्वारा नवाब खां व उसके साथी चालक नीरज पाठक के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें वे दोनों बाल-बाल बच गये। इस घटना से नाराज अन्य वाहनों के चालक इकठ्ठा होने लगे जिसे देख जसपाल सिंह राणा, सुरक्षा गार्ड अशोक सिंह व उनके अन्य साथी मौके से भाग निकले।
कैम्प में तोड-फोड़ कर की गई लूटपाट
रेत खदान क्षेत्र में तैनात पुलिस बल। |
सुनहरा रेत खदान के कैशियर भजन लाल शर्मा का आरोप है कि रात्रि में उनके कैम्प में गाड़ी लेकर आये उज्जवल पाण्डेय, सल्लू पाण्डेय, महेन्द्र मिश्रा, नवीन मिश्रा व साथियों द्वारा उनकी बोलेरो जीप, सोलर लाईट में तोड़-फोड़ की गई। साथ ही उनके व सत्येन्द्र तोमर के साथ मारपीट करते हुये उक्त सभी लोग 2 लाख 26 हजार 250 रूपये लूटकर ले गये। इस विवाद की सूचना मिलने पर देर रात दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे अजयगढ़ एसडीओपी इसरार मंसूरी, थाना प्रभारी बी.एस. परमार, चौकी प्रभारी बीरा बालेश ङ्क्षसह ने नदी के अंदर से रेत के खनन व लोडिंग के लिये खडी एक एलएनटी, एक जेसीबी मशीन व एक डम्फर को जब्त किया है।
घटना स्थल से चले हुये कारतूस के खाली खोखे भी मिले हैं। सुरक्षा की दृष्टि से देर रात से ही सुनहरा खदान व कैम्प में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस मामले में अजयगढ़ थाना पुलिस ने चालक नवाब खां निवासी ग्राम ङ्क्षसहपुर की रिपोर्ट पर वीरेन्द्र सिंह रावत, भजन, सरदार जसपाल सिंह राणा, सुरक्षा गार्ड अशोक ङ्क्षसह के विरूद्ध धारा 336, 294, 34 आईपीसी के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध किया है। जबकि सुनहरा रेत खदान के कैशियर भजन लाल शर्मा द्वारा लूटपाट व मारपीट किये जाने के संबंध में थाने में दिये गये आवेदन पत्र को पुलिस ने जांच में लिया है।
भारतीय जनता पार्टी पन्ना के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकश चतुर्वेदी के हाइवा के क्लीनर अंगद कोंदर द्वारा रविवार को पुलिस थाना अजयगढ़ में एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई। जिसमें यह कहा गया है कि शनिवार 5 जनवरी की रात्रि सुनहरा रेत खदान में हुई मारपीट की घटना के दौरान केन नदी में छलांग लगाने वाले हाइवा चालक भूरा यादव निवासी पन्ना का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है।
लापता है हाइवा का चालक
उसके घर में परिजनों से बात करने पर पता चला कि वह अब तक अपने घर भी नहीं पहुंचा है। क्लीनर के इस खुलासे के बाद से हाइवा चालक भूरा यादव के नदी में डूबने की आशंका जताई जा रही है। फि लहाल अजयगढ़ थाना पुलिस द्वारा अंगद की रिपोर्ट पर 5-6 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध धारा 147, 294, 323, 506 आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। वहीं पुलिस द्वारा लापता हाइवा चालक की खोजबीन की जा रही है।
पन्ना जिले की जीवनदायिनी केन नदी पर रेत माफियाओं की ही हुकूमत चल रही है। रेत खनन नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुये खनन कारोबार में लिप्त लोग केन नदी की धार से भारी भरकम मशीनों द्वारा रेत निकाली जा रही है, जिससे केन का सीना छलनी हो रहा है। सुनहरा रेत खदान जहां बीती रात विवाद के चलते गोली चली है, वहां पर काफी समय पूर्व ही रेत समाप्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में खदान संचालक स्थानीय अधिकारियों व पुलिस की मिलीभगत से स्वीकृत क्षेत्र के बाहर केन नदी की धार से रेत निकाली जा रही है जो गैरकानूनी और अवैध है। मौके पर दो एलएनटी मशीनें बरामद भी हुई हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि रेत के उत्खनन में किस तरह से मशीनों का उपयोग हो रहा है।
अजयगढ़ की रेत खदानों में पहले भी कई संगीन वारदातें हो चुकीं है। कुछ समय पूर्व मोहाना रेत खदान का कवरेज करने गये पन्ना के पत्रकारों ने जब वहां नदी में चल रही एलएनटी मशीन को अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश की तो मौके पर तैनात अपराधिक तत्वों ने उनका मोबाईल छीन लिया था। इसके पूर्व मोहाना खदान में ही तत्कालीन अजयगढ़ तहसीलदार को बंधक बनाकर सतना निवासी रूचिर जैन और उनके साथियों द्वारा मारपीट की गई थी।
मशीनों द्वारा नदी की धार से निकाली जा रही रेत
केन की धार से रेत निकालने वाली जब्तशुदा एलएनटी मशीन। |
पन्ना जिले की जीवनदायिनी केन नदी पर रेत माफियाओं की ही हुकूमत चल रही है। रेत खनन नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुये खनन कारोबार में लिप्त लोग केन नदी की धार से भारी भरकम मशीनों द्वारा रेत निकाली जा रही है, जिससे केन का सीना छलनी हो रहा है। सुनहरा रेत खदान जहां बीती रात विवाद के चलते गोली चली है, वहां पर काफी समय पूर्व ही रेत समाप्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में खदान संचालक स्थानीय अधिकारियों व पुलिस की मिलीभगत से स्वीकृत क्षेत्र के बाहर केन नदी की धार से रेत निकाली जा रही है जो गैरकानूनी और अवैध है। मौके पर दो एलएनटी मशीनें बरामद भी हुई हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि रेत के उत्खनन में किस तरह से मशीनों का उपयोग हो रहा है।
पहले भी हुई हैं कई घटनायें
बीरा पुलिस चौकी जिसके निकट स्थित है सुनहरा रेत खदान। |
अजयगढ़ की रेत खदानों में पहले भी कई संगीन वारदातें हो चुकीं है। कुछ समय पूर्व मोहाना रेत खदान का कवरेज करने गये पन्ना के पत्रकारों ने जब वहां नदी में चल रही एलएनटी मशीन को अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश की तो मौके पर तैनात अपराधिक तत्वों ने उनका मोबाईल छीन लिया था। इसके पूर्व मोहाना खदान में ही तत्कालीन अजयगढ़ तहसीलदार को बंधक बनाकर सतना निवासी रूचिर जैन और उनके साथियों द्वारा मारपीट की गई थी।
म.प्र.-उत्तर प्रदेश की अंतर्राज्जीय सीमा के समीप स्थित चांदीपाठी रेत खदान क्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व केन नदी पर बनाये गये अवैध पुल को तोडऩे की कार्यवाही के दौरान तत्कालीन एसडीएम नाथूराम गौंड़ और एसडीओपी जगन्नाथ सिंह मरकाम के ऊपर रेत माफियाओं द्वारा फायरिंग की गई थी। वहीं अवैध रेत परिवहन करते हुये पकड़े गये ट्रकों को रेत माफिया चंदौरा चौकी पुलिस की अभिरक्षा से लेकर उत्तर प्रदेश भाग निकले थे।
विवेक सिंह, पुलिस अधीक्षक पन्ना
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इनका कहना है...
सुनहरा रेत खदान व कैम्प में हुये विवाद पर पुलिस थाना अजयगढ़ मेें नवाब खां एवं अंगद कोंदर की रिपोर्ट पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, जबकि खदान के कैशियर भजनलाल शर्मा के आवेदन पत्र की जांच की जा रही है। सुनहरा खदान में रेत खनन के लिये नदी में उतारी गई एक जेसीबी, एक एलएनटी व एक डम्फर को जब्त किया गया है।विवेक सिंह, पुलिस अधीक्षक पन्ना
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