Friday, March 1, 2019

संगमरमर का सोफा जिसमें बैठते थे पन्ना नरेश

  • डेढ़ सौ वर्ष पूर्व मकराना राजस्थान से आया था पन्ना 
  • महाराजा रूद्रप्रताप सिंह ने बनवाया था यह सोफा 


संगमरमर का आलीशान सोफा जिस पर बैठते थे पन्ना नरेश 
                                                     

 - अरुण सिंह -

पन्ना। बेशकीमती हीरों व अकूत संपत्ति के लिए प्रसिद्ध  पन्ना राजघराने  के  राज मन्दिर पैलेस  में मौजूद एक - एक चीज ऐतिहासिक महत्व और एन्टिक वैल्यू वाली है, लेकिन उनकी हिफाजत करने और सहेजकर रखने में किसी की रूचि नहीं है. पन्ना का आलीशान राजमहल भी समुचित देखरेख न हो पाने के कारण धीरे - धीरे अपनी शान खोता जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि राजाशाही खत्म हो जाने के बाद भी लम्बे समय तक राज मन्दिर पैलेस पन्ना सत्ता और शक्ति का केन्द्र रहा है. महाराजा नरेन्द्र सिंह जू देव के समय तक राजमहल की भव्यता और रौनक देखते ही बनती थी. दशहरे के अवसर पर महाराजा की मौजूदगी में महल के दरबार हाल में दशहरा मिलन समारोह आयोजित होता था. लेकिन अब यह दरबार हाल सूना पड़ा रहता है, यहां की ऊंची और कलात्मक दीवारों में मकड़ी के जाले नजर आ रहे हैं.  राजमंदिर पैलेस  में दुधिया संगमरमर का बेहद खूबसूरत एक आलीशान सोफा मौजूद  है जिसकी कारीगरी लाजवाब है. ऐतिहासिक महत्व के इस आलीशान सोफे में अब धूल जमी रहती है. राजाशाही जमाने में संगमरमर के जिस सोफे में बैठकर पन्ना नरेश आराम फरमाया करते थे, वह पैलेस  में पड़े धूल खा रहा है.
राजमहल के इस शानदार संगमरमरी सोफे की ऐतिहासिक महत्ता कम नहीं है. राजपरिवार के सदस्य पूर्व सांसद महाराज लोकेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि  जो संगमरमर का सोफा रखा है, उसे डेढ़ सौ वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा रूद्रप्रताप सिंह ने बनवाया था. इस सोफे का निर्माण मकराना राजस्थान के कारीगरों ने किया था, वहीं से तैयार होकर यह राज मन्दिर पैलेस पन्ना में लाया गया था. लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि इसका संगमरमर उच्च क्वालिटी का है तथा नक्काशी लाजवाब है.  पूरे शानोशौकत के साथ हीरा खान बादशाह जब इस संगमरमरी सोफे पर बैठते रहे होंगे, तब इसकी शान देखते ही बनती रही होगी लेकिन अब उसमें धूल की परत जम रही है. इस सोफे के पुराने दिन फिर लौटेंगे या यह इसी तरह एकांत में पड़े धूल खाता रहेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता.

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