Sunday, March 17, 2019

बाघिन पी-222 को सफलतापूर्वक किया गया रेडियो कॉलर

  •   बाघिन टी-2 के दूसरे लिटर की दूसरी संतान है पी-222
  •   वर्ष 2014 में बाघिन को  पहनाया गया था  रेडियो कॉलर



अरुण सिंह,पन्ना। पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघिन टी-2 के दूसरे लिटर की दूसरी संतान पी-222 का सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर बदला गया है।  इस बाघिन को वर्ष 2014 में रेडियो कॉलर पहनाया गया था एवं रेडियो कॉलर के द्वारा निरन्तर बाघिन की मॉनिटरिंग भी की जा रही थी परन्तु रेडियो कॉलर की अवधि पूर्ण होने के कारण विगत दो वर्षो से कॉलर के सिग्नल काफी कमजोर हो गये थे जिसके कारण बाघिन की मॉनिटरिंग में कठिनाई आ रही थी। पी-222 को रेडियो कॉलर पहनाने हेतु कई बार प्रयास किया गया किन्तु उसके दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में विचरण करने के कारण संभव नहीं हो सका था। प्रबन्धन द्वारा काफी समय से उचित लोकेशन की तलाश की जा रही थी।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया ने जानकारी देते हुये बताया कि परिक्षेत्र चन्द्रनगर में पी-222 के उचित स्थान पर होने की जानकारी प्राप्त होते ही तत्काल रेडियो कालर पहनाने हेतु निर्धारित टीम को रवाना किया गया। पी-222 के रेडियो कॉलरिंग की कार्यवाही शुक्रवार 15 मार्च को निर्विघ्न दोपहर 1 बजे पूर्ण की गई। कार्यवाही के उपरान्त पी-222 की गतिविधियां सामान्य हैं एवं नये कॉलर के साथ सुचारु मानीटरिंग हो रही है। यह सम्पूर्ण कार्यवाही क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व के नेतृत्व में की गई। सम्पूर्ण तकनीकी कार्य डॉ. संजीव कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया। इस कार्य में जरांडे ईश्वर रामहरी उप संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व ने प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने का कार्य किया। रेडियो कॉलरिंग का कार्य नवीन कुमार शर्मा एवं तकनीकी सहयोग तफसील खां द्वारा किया गया। इस सम्पूर्ण कार्यवाही में श्रीमती प्रतिभा शुक्ला सहायक संचालक मड़ला एवं भुवनेश कुमार योगी परिक्षेत्र अधिकारी चन्द्रनगर ने मौके पर उल्लेखनीय प्रशासनिक एवं व्यवस्थागत सहयोग प्रदान किया। पी-222 की सर्चिंग में हाथी महावतों का विशेष योगदान रहा।
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