Tuesday, April 16, 2019

पन्ना में बाघ पुनर्स्थापना की वर्षगांठ पर निकली जागरूकता रैली



  •   हर साल धूमधाम से मनाया जाता है पहले शावक का जन्म दिन
  •   बाघ व पर्यावरण  संरक्षण को लेकर स्कूली बच्चों में दिखा उत्साह 



छत्रसाल पार्क से  निकाली गई रैली को हरी झण्डी दिखाते उप संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व ।   
 
अरुण सिंह,पन्ना। पूरी दुनिया के लिए एक मिशाल बन चुकी पन्ना टाईगर रिजर्व की बाघ पुनर्स्थापना योजना की 9 वीं  वर्षगांठ पर आज छत्रसाल पार्क से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूलों के नन्हे मुन्ने बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। बाघ और पर्यावरण संरक्षण के नारे लिखी तख्तियां हाँथ में लेकर बच्चे जब शहर की सड़कों से निकले तो इस अदभुत नज़ारे ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया। हम बच्चों की यही तमन्ना, करना है बाघों की रक्षा जैसे नारों से सड़कें गूंज रही थीं। सुबह लगभग 7 बजे छत्रसाल पार्क के सामने स्कूली बच्चों का जमावड़ा लग्न शुरू हो गया था। पन्ना में जन्मे बाघों के चित्रों वाली तख्तियां लेकर बच्चे कतार में खड़े थे, पीछे पार्क का मैदानी अमला और कर्मचारी नजर आ रहे थे। ठीक साढ़े सात बजे पन्ना टाइगर रिज़र्व के उप संचालक जरांडे ईश्वर रामहरि ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया।
     

उल्लेखनीय है कि प्रदेश का पन्ना टाईगर रिजर्व प्रबंधकीय कुव्यवस्था और अवैध शिकार के चलते वर्ष 2009 में बाघ विहीन हो  गया था। बाघों का यहाँ  से पूरी तरह खात्मा हो  जाने पर राष्ट्रीय स्तर पर पन्ना टाईगर रिजर्व की खासी किरकिरी हुई  थी। बाघों के उजड़ चुके संसार को यहां  पर फिर से आबाद करने के लिए बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत कान्हा  व बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से बाघिन व पेंच टाईगर रिजर्व से एक नर बाघ लाया गया। बाघिन टी-1 ने पन्ना आकर 16 अप्रैल 2010 को अपनी पहली संतान को जन्म दिया। इस ऐतिहासिक व अविस्मरणीय सफलता को यादगार बनाने के लिए 16 अप्रैल को हर साल प्रथम बाघ शावक का जन्म धूमधाम से मनाये जाने की परम्परा शुरू हुई ताकि जनभागीदारी से बाघों के संरक्षण को बल मिले। इसके बड़े ही  उत्साहजनक परिणाम भी देखने को मिले, जो लोग पन्ना टाईगर रिजर्व की आलोचना करते थे वे भी पर्यावरण संरक्षण व बाघों के वजूद को बचाये रखने की बात करने लगे। वन्यजीव प्रेमी व पर्यावरण से जुड़े लोगों का भी यह मानना है  कि सिर्फ सरकारी प्रयासों से न तो जंगल की सुरक्षा हो  सकती है  और न ही  वन्य प्राणियों का संरक्षण किया जा सकता है । इसके लिए जनता की भागीदारी बेहद जरूरी है । इस बात को ध्यान में रखकर आम जनता की भागीदारी बाघ संरक्षण में सुनिश्चित करने के लिए पन्ना टाईगर रिजर्व के पूर्व क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति जिनके अथक प्रयासों से बाघ पुनर्स्थापना योजना को चमत्कारित सफलता प्राप्त हुई । उन्होंने  16 अप्रैल को प्रथम बाघ शावक का जन्म दिन उत्सव की तरह मनाने की परम्परा शुरू की। इससे यहां  पर जन समर्थन से बाघ संरक्षण के नारे को जहां  प्रोत्साहन मिला वहीँ  सैकड़ों लोग इस अभियान से जुडऩे लगे। बाघ का जन्म दिन मनाने की श्री मूर्ति द्वारा शुरू की गई यह अनूठी परंपरा अनवरत जारी है। हर साल 16 अप्रैल को पन्ना में जन्मे प्रथम बाघ शावक का जन्म दिन बड़े ही धूमधाम के साथ केक काटकर उत्सव की तरह मनाया जाता है।

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