Tuesday, June 4, 2019

विवादों के चलते अधर में लटका पन्ना का रूंज बांध

  •   270 करोड़ रू. की लागत वाले इस बांध से 39 ग्रामों को मिलना है लाभ
  •   डूब में आ रही कृषि भूमि का मुआवजा न मिलने से ग्रामीण कर रहे विरोध
  •   प्रभावित हो रहे ग्रामीणों के विरोध से बांध का निर्माण कार्य रुका




अरुण सिंह,पन्ना। जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 15 किमी दूर पन्ना-अजयगढ़ मार्ग पर रूंज नदी के प्रवाह
क्षेत्र में 269.79 करोड़ रू. की लागत वाली रूंज मध्यम ङ्क्षसचाई परियोजना का कार्य विवादों के चलते अधर में लटग गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही तथा मनमर्जीपूर्ण तरीके से कराये गये सर्वे तथा राजस्व विभाग के साथ बेहतर तालमेल व समन्वय के अभाव में डूब क्षेत्र में आने वाली कृषि भूमि का मुआवजा सभी प्रभावित किसानों को अभी तक प्रदान नहीं किया जा सका है। मुआवजा वितरण से पहले ही बांध के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिये जाने का ग्रामीणों द्वारा पुरजोर विरोध करने से अप्रिय स्थिति निॢमत हुई है, जिससे बांध के निर्माण का कार्य रोकना पड़ा है। इस बांध के निर्माण में अब तक 6762.90 लाख रू. खर्च किये जा चुके हैं। रूंज बांध के निर्माण का कार्य अधर में लटकने से जिम्मेदार अधिकारियों की नियत व मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन विभाग पन्ना द्वारा जिले में अब तक जितने भी बांधों का निर्माण कराया गया है, सभी किन्हीं न किन्हीं कारणों से विवादों के घेरे में आ रहे हैं। कहीं वन भूमि तो कहीं मुआवजा वितरण को लेकर विवाद है, कई जगह गुुणवत्ता विहीन कार्य को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। बीते 10 वर्षों के दौरान जल संसाधन विभाग द्वारा पन्ना जिले में आधा सैकड़ा से भी अधिक ङ्क्षसचाई जलाशयों व बांधों का निर्माण कराया गया है। पन्ना को पंजाब बनाने का नारा देकर यहां अरबों रू. की लागत से निर्मित सिंचाई परियोजनाओं में अधिकांश अनुपयोगी बनी हुई हैं। अपनी खामियों को छिपाने के लिये अनुपयोगी सिंचाई परियोजनाओं से कागजों पर सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि में फर्जी सिंचाई  दर्शाई जा रही है। मनमानी और लापरवाही का यह आलम है कि विगत 5 वर्ष पूर्व पहली बारिश में ही फूटा भितरी मुटमुरू बांध अभी तक नहीं सुधारा जा सका है। जिससे प्रभावित किसानों को ङ्क्षसचाई सुविधा मिलना तो दूर उनकी उपजाऊ कृषि भूमि डूब क्षेत्र में आने से खुशहाली बदहाली में तब्दील हो गई है। सिरस्वाहा, भिलसांय, पहाड़ीखेरा, सकरिया व जनकपुर सहित ऐसे अनेकों ङ्क्षसचाई जलाशय हैं, जिनसे अपेक्षित लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा।

शुरू से विवादों में घिरा था रूंज बांध





जिले के पन्ना विधानसभा क्षेत्र में अजयगढ़ विकासखण्ड अन्तर्गत विश्रामगंज में निर्माणाधीन रूंज मध्यम सिंचाई परियोजना शुरूआती चरण से ही विवादों में घिरी रही है। इस योजना की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग भोपाल के आदेश क्र. आर-993/2011/मध्यम/31/649/भोपाल दिनांक 22-7-2011 के द्वारा 269.79 करोड़ रू. एवं रूपांकित ङ्क्षसचाई क्षमता खरीफ 2750 तथा रबी 9800 हेक्टेयर कुल 12550 हेक्टेयर की विभागीय मद में प्रदान की गई है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर 39 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होना है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग पन्ना जे.के. ठाकुर ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत भू-अर्जन की राशि कलेक्टर पन्ना को 2974.00 लाख रू. जमा किया जा चुका है। श्री ठाकुर के मुताबिक राजस्व विभाग का मुआवजा वितरण सहित अन्य कार्यों में अपेक्षित सहयोग न मिलने से विवाद की स्थिति बनी हुई है, परिणाम स्वरूप बांध के निर्माण का कार्य बाधित हुआ है।

डूब क्षेत्र के आधे किसानों को नहीं मिला मुआवजा


रूंज बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले 7 ग्रामों के कुल 807 किसानों में लगभग 4 सौ किसानों को अभी तक मुआवजा की राशि नहीं मिली। डूब क्षेत्र में विश्रामगंज, पाण्डेपुरवा, मझपुरवा, बंगलन, लौकहापुरवा, बलरामपुर व छिरयाई गाँव आ रहे हैं। पाण्डेपुरवा निवासी सत्येन्द्र पाण्डे ने बताया कि चेन्नई की कम्पनी मे. एल. एण्ड टी. द्वारा बांध का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। पाण्डेपुरवा के चारों तरफ बांध का मलबा डाल दिया गया है तथा कैम्प बनाया गया है जिससे ग्रामीणों का जहां आवागमन बाधित हुआ है वहीं ब्लास्टिंग होने से धूल के गुबार उठने व घरों में पत्थर के टुकड़े गिरने से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया था। आपने बताया कि ग्राम को विस्थापित होना है अभी तक पैसा मिल नहीं। विस्थापन किये बिना ही बांध का काम शुरू कर दिया गया जो अनुचित है।

अब विस्थापन होने पर ही शुरू होगा काम


ग्रामवासियों का कहना है कि पूरा मुआवजा वितरित होने तथा विस्थापन के बाद ही अब बांध के निर्माण का कार्य शुरू हो पायेगा। कार्य स्थल में लगातार होने वाली ब्लास्टिंग  और डस्ट उडऩे से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही थी, जिसका पुरजोर विरोध होने पर निर्माता कम्पनी को काम रोकना पड़ा है। राजाराम कौंदर, हरिलाल कौंदर, दशरथ गौंड़ तथा लखनपाल ने जानकारी देते हुये बताया कि कम्पनी द्वारा बांध के निर्माण में गुणवत्ता को अनदेखा किया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक निर्माण कार्य में नदी की ही बलुई चट्टानों की गिट्टी उपयोग में लाई जा रही है, जबकि बांध में ग्रेनाइट की गिट्टी उपयोग में लानी चाहिये। ग्रामवासियों ने बताया कि निर्माता कम्पनी द्वारा नदी किनारे क्रेशर लगा दिया गया है, जहां नदी की ही बलुई चट्टानों से गिट्टी तैयार की जाती है। यह गिट्टी गुणवत्ता की दृष्टि से ग्रेनाइट के मुकाबले ठीक नहीं है। जल संसाधन विभाग के तकनीकी अधिकारी गुणवत्ता के निर्धारित मापदण्डों को क्यों अनदेखा कर रहे हैं, यह आश्चर्यजनक है।

इनका कहना है...

0  डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों को मुआवजा वितरित करने के लिये भू-अर्जन की राशि कलेक्टर पन्ना को 2974 लाख रू. जमा किया जा चुका है। मुआवजा वितरण में राजस्व विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा, जिससे विवाद की स्थिति बनी और बांध के निर्माण का कार्य बाधित हुआ।
जे.के. ठाकुर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पन्ना

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