Wednesday, July 17, 2019

अन्यत्र तबादला होते ही बीमार पड़े कई वन कर्मचारी


  •   उत्तर वन मण्डल से पन्ना टाईगर रिजर्व के लिये  हुआ है तबादला
  •   अजूबा यह कि सभी कर्मचारियों का एक ही चिकित्सक ने बनाया मेडिकल





। अरुण सिंह 

पन्ना। तबादला के इस मौसम में इन दिनों हर विभाग में सरगर्मी मची हुई है। वर्षों से एक ही जगह पर अंगद की पाँव की तरह जमे अधिकारी व कर्मचारी येन केन प्रकारेण यथावत अपनी जगह पर बने रहने के लिये हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों का तबादला हो गया है वे अपने सम्पर्क सूत्रों व अन्य साधनों के जरिये तबादला रुकवाने की जुगत में लगे हुये हैं। 

आश्चर्य की बात तो यह है कि जिन कर्मचारियों का कहीं अन्यत्र स्थानांतरण हो गया है, अचानक उनमें से अधिकांश बीमार हो गये हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन बीमार कर्मचारियों के बीमार पडऩे का मेडिकल सार्टिफिकेट भी एक ही चिकित्सक ने बनाया है। यह अजीब संयोग देखकर आला अधिकारी भी हैरान हैं।

नरेश सिंह यादव डिएफओ  
यहां हम सिर्फ एक ही विभाग उत्तर वन मण्डल पन्ना पर यदि नजर डालें तो पता चलता है कि पैठ बना चुके कर्मचारी अपनी आराम वाली जगह नहीं छोडऩा चाहते। मालुम हो कि उत्तर वन मण्डल पन्ना से कई कर्मचारियों का स्थानांतरण पन्ना टाईगर रिजर्व के लिये हुआ है। यह सर्व विदित है कि पन्ना टाईगर रिजर्व में कर्मचारियों को फील्ड में जाकर पसीना बहाना पड़ता है। यहां दायित्वों के निर्वहन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाती, सीधे कार्यवाही होती है। जबकि सामान्य वन क्षेत्रों में पदस्थ वन कर्मी अपनी मनमर्जी के हिसाब से काम करते हैं तथा लाभ अर्जित  करने के अवसर भी होते हैं। ऐसी स्थिति में कोई भी वन कर्मी सामान्य वन क्षेत्र से टाईगर रिजर्व में नहीं जाना चाहता। तबादला से बचने के लिये स्थानांतरित वन कर्मचारियों ने डाक से बीमार होने का मेडिकल सार्टिफिकेट  उत्तर वन मण्डल कार्यालय भेजा है ताकि उन्हें कुछ दिनों तक रिलीव न किया जाये और इस बीच वे अपनी सेटिंग  जमा लें।

वन मण्डलाधिकारी उत्तर पन्ना नरेश सिंह यादव ने बताया कि उत्तर पन्ना से प्रदीप कुमार गर्ग, ओम प्रकाश कुरेले, अजीज कुरैशी, पवन शौर तथा राजीव द्विवेदी का स्थानांतरण पीटीआर के लिये हुआ है। उन्होंने इन पाँचों कर्मचारियों के बीमार पडऩे तथा एक ही चिकित्सक डॉ. आर.सी. केशरी द्वारा उनका मेडिकल सार्टिफिकेट बनाये जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया। 

मजे की बात तो यह है कि अचानक एक साथ बीमार हुये इन वनकर्मियों  की बीमारियां भी अजीबो गरीब हैं, जिनका मेडिकल सार्टिफिकेट में जिक्र कर डॉक्टर साहब ने उन्हें आराम करने की सख्त हिदायत दी है। यह मामला अकेले सिर्फ उत्तर वन मण्डल पन्ना का है लेकिन कमोवेश यही स्थिति अन्य विभागों की भी है। जाहिर है कि जिन चिकित्सकों के पास भूले-भटके भी मरीज नहीं पहुँचते उनकी तबादला के इस मौसम में व्यस्तता बढ़ गई है और वे धड़ाधड़ मेडिकल बनाने में जुटे हुये हैं।

भार मुक्त नहीं हुये स्थानांतरित पटवारी

मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी की गई स्थानांतरण नीति अनुसार पन्ना जिले में जिला अंतर्गत प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से 31 पटवारियों के ताबदला आदेश जारी किये गये हैं, परन्तु स्थानांतरण के बाद लगभग 10 दिन से भी अधिक का समय हो जाने के बावजूद अधिकांश स्थानांतरित पटवारियों को उनकी नवीन पदस्थापना स्थल के लिये भारमुक्त किये जाने की कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा स्थानांंतरित सभी पटवारियों के स्थानांतरण आदेश जारी करते हुये जिन कार्यालयों-तहसीलों में पटवारियों की पदस्थापना है उन कार्यालय प्रमुखों को स्थानांतरित कर्मचारियों को तत्काल ही भारमुक्त किये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। 

गौरतलब हो कि जिले में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जो स्थानांतरण किये गये हैं। उनमें से अधिकांश प्रशासनिक आधार पर किये गये स्थानांतरण हैं और जो जानकारियां सामने आ रही हैं  स्थानांतरित कई पटवारी भारमुक्त न होकर अपना स्थानांतरण निरस्त करवाने के प्रयास में लगे हैं। अभी कार्यालय भू-अभिलेख में स्थानांतरित पटवारियों में से किसी भी पटवारी के नवीन पदस्थापना स्थल के लिये भारमुक्त किये जाने संबंधी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर 

                                                                          

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