Saturday, July 20, 2019

गंगऊ अभ्यारण्य के ग्रामों की समस्या जानने अधिकारी करेंगे प्रवास

  •   विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने अधिकारियों को दिये निर्देश
  •   वन क्षेत्र में बसे इन ग्रामों तक नहीं है सड़क मार्ग की सुविधा
  •   सदन में ध्यानाकर्षण लगाकर पन्ना विधायक ने उठाई ग्रामीणों की समस्या


हरसा मोड़ पर स्थित बैरियर जहां से अजयगढ़ के लिये मार्ग जाता है।


अरुण सिंह,पन्ना। म.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने राजस्व, वन व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे गंगऊ अभ्यारण्य के अन्तर्गत बसे ग्रामों तथा वहां निवासरत लोगों की समस्याओं को समझने व उनके निदान हेतु क्षेत्र में 15 दिन तक प्रवास करें। मालुम हो कि पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से लगे गंगऊ अभ्यारण्य के भीतर डेढ़ दर्जन से भी अधिक गाँव हैं। इन ग्रामों तक पक्का सड़क मार्ग न होने के कारण बारिश के मौसम में यहां के रहवासियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। बीते कई दशकों से समस्याओं और मुसीबतों से जूझ रहे यहां के लोगों की पीड़ा को पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह  ने ध्यानाकर्षण लगाकर सदन में प्रभावी तरीके से उठाया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुये समस्या के निराकरण हेतु कमेटी गठित करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि संबंधित क्षेत्र के डिप्टी कलेक्टर, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री व वन विभाग के उच्च अधिकारी समस्याग्रस्त क्षेत्र में जाकर 15 दिन रहें और कार्य योजना बनायें ताकि इस अंचल के रहवासियों को बुनियादी और मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हो सकें।
बृजेन्द्र प्रताप सिंह पन्ना विधायक 

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार 19 जुलाई को पन्ना विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह  ने ध्यानाकर्षण लगाकर सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुये बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित मड़ला गाँव से अजयगढ़ जाने वाले मार्ग पर वन विभाग के दो बैरियर लगे हैं। पहला बैरियर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ही हरसा मोड़ पर है, जहां से ग्रामीण सिर्फ दिन के समय ही आवागमन कर सकते हैं। सूर्यास्त के बाद यहां से आवागमन पूरी तरह बन्द कर दिया जाता है। पन्ना विधायक ने बताया कि हरसा मोड़ से अजयगढ़ के बीच तकरीबन 20 गाँव आते हैं, जहां निवास करने वाले लोगों को इस तरह की बंदिशें झेलनी पड़ रही हैं। सबसे विकट समस्या तो तब उत्पन्न होती है जब इन ग्रामों में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है। ऐसी स्थिति में भी बीमार पड़े व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिये ग्रामीणों को सुबह का इंतजार करना पड़ता है। विधायक श्री सिंह  ने सदन को अवगत कराया कि वन विभाग की आपत्तियों के चलते पक्का मार्ग नहीं बन पा रहा, जिससे डेढ़ दर्जन से भी अधिक ग्रामों के लोगों को बारिश के मौसम में भारी मुसीबत झेलनी पड़ती है।

हरसा मोड़ से सलैया तक 13 किमी. है कच्चा मार्ग

 बारिश होने पर मार्ग में इस तरह भर जाता है पानी।

पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित हरसा मोड़ फारेस्ट बैरियर से अजयगढ़ की दूरी तकरीबन 30 किमी है। यहां से सलैया गाँव तक लगभग 13 किमी कच्चा मार्ग है और सलैया से अजयगढ़ तक डामर रोड बना हुआ है। मुख्य समस्या हरसा मोड़ से सलैया तक है, जो बारिश के समय कीचडय़ुक्त हो जाता है, जिससे आवागमन में असुविधा होती है। इस मार्ग पर ग्रामीणों की सुविधा के लिये एक यात्री बस भी चलती है जो बारिश के मौसम में पहाड़ी नालों पर पानी आ जाने के कारण बन्द हो जाती है। मार्ग पर डेढ़ दर्जन से भी अधिक नाले हैं जो थोड़ी बारिश में ही मार्ग के ऊपर से बहने लगते हैं। यदि हरसा मोड़ से सलैया तक पक्का मार्ग बन जाये तो बारिश के मौसम में भी आवागमन सुगम हो सकता है और काफी हद तक ग्रामीणों को समस्या से निजात मिल सकती है। इस मार्ग पर आने वाले गाँव हरसा, बगौंहा, नहरी, सलैया, झिन्ना व बघा के लोगों को बारिश में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।

यहां के जंगल में बाघों का रहवास: वन मंत्री

पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह  द्वारा उठाई गई ग्रामीणों की इस समस्या के संबंध में प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने बताया कि मड़ला-अजयगढ़ मार्ग पर 13 किमी कच्चा मार्ग है। इसमें लगभग 2.2 किमी लम्बा एरिया बाघों का प्राकृतिक रहवास है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के परिपालन में कुछ बंदिशें लगाई गई हैं। वन मंत्री ने बताया कि यह एरिया वन्य प्राणियों की सुरक्षा, रेत के अवैध उत्खनन व शिकार की दृष्टि से अति संवेदनशील है। उन्होंने इन आरोपों को गलत और निराधार बताया है कि वन क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों से बैरियर में पैसा लिया जाता है। वन मंत्री ने कहा कि सिर्फ व्यवसायिक वाहनों से ही शुल्क लिया जाता है।
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दैनिक जागरण ग्वालियर में प्रकाशित खबर 
  

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