Sunday, July 21, 2019

दक्षिण वन मण्डल में साढ़े सात लाख पौधों का हुआ रोपण

  •  मानसून सीजन में इस वर्ष 10 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य
  •   मिट्टी और जलवायु के अनुरूप किया जा रहा पौधों का चयन
  •   गत वर्ष रोपित 80 फीसदी से अधिक पौधे जीवित, ग्रोथ भी अच्छी


वन मंडल अंतर्गत विगत वर्ष हुए पौधरोपण का द्रश्य। 

। अरुण सिंह 

पन्ना। दक्षिण वन मण्डल पन्ना के अन्तर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों में इस वर्ष बारिश के मौसम में लगभग 10 लाख पौधे रोपित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक विभिन्न वन परिक्षेत्रों में तकरीबन साढ़े सात लाख पौधों का रोपण हो चुका है जो निर्धारित लक्ष्य का 75 प्रतिशत है। 

पौधरोपण के लिये पूर्व में ही पवई, रैपुरा, सलेहा, कल्दा, मोहन्द्रा व शाहनगर वन परिक्षेत्रों में स्थलों का चयन कर पौधरोपण हेतु पूरी तैयारियां कर ली गई थीं। इन सभी स्थलों पर मिट्टी व जलवायु को ध्यान में रखकर रोपण हेतु पौधों का चयन किया गया है। विशेष गौरतलब बात यह है कि बीते साल दक्षिण वन मण्डल पन्ना के अन्तर्गत विभिन्न वन परिक्षेत्रों में लगभग साढ़े बारह लाख पौधों का रोपण किया गया था। इन रोपित पौधों में 80 से लेकर 90 फीसदी तक पौधे न सिर्फ जीवित हैं अपितु उनकी ग्रोथ भी बेहतर ढंग से हुई है।

इस वर्ष रोपित पौधा 
वन मण्डलाधिकारी दक्षिण पन्ना श्रीमति मीना मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि पौधरोपण हेतु सागौन, आँवला, शीशम, बांस, महुआ सहित मिश्रित प्रजाति के पौधों का चयन किया गया है। आपने बताया कि बारिश के मौसम में हर साल बड़ी संख्या में पौधरोपण तो कर दिया जाता है, लेकिन पौधे जीवित रहें तथा उनकी ग्रोथ अच्छी हो इस दिशा में जरूरी पहल व प्रयास आमतौर पर नहीं होते। जिससे अधिकांश रोपित पौधे सूख जाते हैं। 

हमने पौधरोपण के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि रोपित किये गये 80 से 90 फीसदी पौधे न सिर्फ जीवित रहें बल्कि बढ़कर वे वृक्ष भी बनें। वन मण्डलाधिकारी ने कहा कि हमारे प्रयास फलीभूत हो रहे हैं। बीते साल जो पौधे रोपित किये गये थे, उनमें अधिकांश जीवित हैं और उनकी ग्रोथ भी बेहतर ढंग से हो रही है। 

आपने बताया कि पवई वन परिक्षेत्र में 1 लाख 16 हजार, रैपुरा में 1 लाख 49 हजार, सलेहा में 57 हजार, कल्दा में 79 हजार 6 सौ, मोहन्द्रा में 1 लाख 81 हजार तथा शाहनगर वन परिक्षेत्र में 1 लाख 66 हजार 750 पौधों का रोपण किया जा चुका है। इस तरह से अब तक 7 लाख 50 हजार से भी अधिक पौधरोपण हुआ है जो निर्धारित लक्ष्य का 75 फीसदी है।

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