Tuesday, July 23, 2019

अवैध हीरा खदान माफियाओं ने किया वन कर्मियों पर हमला

  •   जानलेवा हमले में डिप्टी रेन्जर सहित 6 वन कर्मी हुये घायल
  •   विश्रामगंज वन परिक्षेत्र के रहुनिया बीट में चल रही थी खदान



घायल वन कर्मियों  के साथ उप वन मण्डलाधिकारी नरेन्द्र सिंह  परिहार।

अरुण सिंह,पन्ना। वन एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध पन्ना जिले में अवैध उत्खनन अब नासूर बन चुका है। खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलन्द हो चुके हैं कि उनकी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने का प्रयास करने वाले शासकीय अमले पर ही जानलेवा हमला करने लगे हैं। ताजा मामला उत्तर वन मण्डल पन्ना अन्तर्गत विश्रामगंज वन परिक्षेत्र के रहुनिया बीट का है, जहां वन क्षेत्र में अवैध हीरा खदान चल रही थी। अवैध उत्खनन को रोकने व अपराधियों को पकडऩे के लिये वन अमला जब मौके पर पहुँचा तो खनन माफियाओं ने वन कॢमयों पर ही हमला बोल दिया। मंगलवार की सुबह लगभग 11 बजे घटित इस घटनाक्रम में डिप्टी रेन्जर अजीत खरे सहित चार वन रक्षक व एक चौकीदार घायल हुये हैं। हमले में वन रक्षक संजय पटेल व अखिलेश सिंह चौहान के ज्यादा चोटें आई हैं। सभी घायलों को जिला चिकित्सालय पन्ना में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। मामले की रिपोर्ट वन कर्मियों  द्वारा बृजपुर थाने में दर्ज कराई गई है।
मामले की जानकारी देते हुये उप वन मण्डलाधिकारी विश्रामगंज नरेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि रहुनिया बीट अन्तर्गत कक्ष क्र. पी-367 में देवन सेहा की वन भूमि पर अवैध रूप से हीरा खदान संचालित होने की सूचना प्राप्त हुई थी। सूचना मिलने पर सॢकल प्रभारी इटवा अजीत खरे के नेतृत्व में चार वन रक्षक व एक चौकीदार मौके पर पहुँचे। अवैध रूप से संचालित हीरा खदान में कार्य कर रहे लल्लू अहिरवार व पप्पू अहिरवार निवासी छतैनी को वन कॢमयों ने पकड़ लिया। मौके पर मौजूद अन्य आरोपी भागने में सफल हो गये। पकड़े गये दोनों आरोपियों को लेकर वन कर्मी जब बाबूपुर वन चौकी आ रहे थे, उस दौरान सफेद रंग की स्काॢपयो व पिकअप गाड़ी में एक दर्जन से भी अधिक लोग पहुँचे और वन कर्मियों  के ऊपर लाठी-डण्डों से जानलेवा हमला बोल दिया। अचानक हुये इस हमले से वनकर्मी अपने बचाव में कुछ कर पाते, इसके पहले ही हमलावरों ने उन्हें मार-मारकर लहूलुहान कर दिया। हमलावर वन कर्मियों की गिरफ्त से दोनों आरोपियों को छुड़ाकर भाग गये।
जिला चिकित्सालय में गंभीर रूप से घायल वन रक्षक।

इस जानलेवा हमले में बुरी तरह से जख्मी और बदहाल वन कर्मियों ने डायल 100 को घटना से अवगत कराया, फलस्वरूप पुलिस घटना स्थल पर पहुँची। सभी वन कर्मियों को बृजपुर थाना लाया गया। हमले में वन कर्मियों की वर्दी तक फट गई थी तथा वे भयभीत और डरे सहमे नजर आ रहे थे। घायल वन कॢमयों ने बताया कि हमलावरों में वे कुछ लोगों को जानते हैं जबकि कुछ लोग अज्ञात हैं। रिपोर्ट में रज्जन महाराज निवासी माधौगंज, नत्थू खरे, पप्पू खरे, लल्लू अहिरवार, पप्पू अहिरवार व लाखन सिंह गौंड़ सहित अन्य 10-12 व्यक्तियों का जिक्र किया गया है। इन आरोपियों के खिलाफ बृजपुर थाना पुलिस में लाठी-डण्डों से मारपीट करने तथा शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। थाना पुलिस द्वारा अपराध घटना को लेकर फ रियादी की रिपोर्ट पर आईपीसी की धारा 341, 147, 148, 149, 353, 332, 186, 294, 506 के तहत छ: नामजद व दस से बारह अन्य के खिलाफ  मामला दर्ज करते हुये विवेचना में लिया है।

वन क्षेत्र में चल रही सैकड़ों अवैध हीरा खदानें

अवैध हीरा खदानों के लिये कुख्यात हो चुके बृजपुर थाना क्षेत्र में वन भूमि पर सैकडों हीरा की खदानें अवैध रूप से संचालित हो रहीं हैं। बृजपुर का यह क्षेत्र हीरा धारित पट्टी कहलाता है जहां अधिकांश जगह खुदाई करने पर हीरे का चाल निकलती है और उनमें बेशकीमती हीरे मिलते हैं। इस इलाके में हीरा धारित क्षेत्र अधिकांशत: वन भूमि में आता है यही वजह है कि खनन माफियाओं की नजर बेशकीमती हीरे निकालने के लिये वन भूमि पर रहती है। अवैध हीरा कारोबार में लिप्त लोग मौका पाकर वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन कर हीरा निकालते हैं और उन हीरों को वहां के सक्रिय दलालों के माध्यम से दिल्ली, मुम्बई और सूरत के व्यापारियों को बेंचा जाता है। हीरे की अधिक उपलब्धता के चतले हीरा खनन माफि या किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार रहते हैं और उनके अवैध कार्य पर बाधा डालने वालों पर हमला करने से भी नहीं चूकते। आज की वारदात इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि खनन माफिया किस कदर बेखौफ और बेलगाम हो चुके हैं।
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दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर 

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