Tuesday, August 20, 2019

बंदर हीरा खनिज खण्ड में 34.20 मिलियन कैरेट हीरों का भण्डार

  •   इस खदान से प्राप्त हीरों का पन्ना के महेन्द्र भवन में हुआ डिस्प्ले
  •   अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की 6 बड़ी कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने हीरों का किया अवलोकन

खनिज सचिव नरेंद्र सिंह व कलेक्टर कर्मवीर शर्मा आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुये। 


अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर जिले में स्थित बंदर डायमण्ड ब्लाक से निकले हीरों का अवलोकन व निरीक्षण करने के लिये मंगलवार 20 अगस्त को जिला मुख्यालय पन्ना स्थित महेन्द्र भवन पैलेस में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की 6 बड़ी कम्पनियों के प्रतिनिधियों का जमावड़ा रहा। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच महेन्द्र भवन के सभाकक्ष में इन प्रतिनिधियों के अवलोकन हेतु बेशकीमती हीरों को प्रदर्शित किया गया था। मालुम हो कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में खनिज की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन द्वारा 13 खनिज खण्डों को चिह्नित कर एनआईटी जारी की गई है। जिसमें छतरपुर जिले के बकस्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर हीरा खण्ड भी शामिल है। इस खनिज खण्ड के नीलामी की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इस डायमण्ड ब्लाक में 34.20 मिलियन कैरेट हीरों का भण्डार है। परियोजना के मूर्तरूप लेने पर छतरपुर व पन्ना जिले के लिये विकास के नये द्वार खुलेंगे।


 विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधि प्रदर्शित  हीरों का अवलोकन करते हुये।

खनिज विभाग के सचिव नरेन्द्र सिंह  परमार ने आज सायं पत्रकारों को जानकारी देते हुये बताया कि बंदर डायमण्ड ब्लाक में 34.20 मिलियन कैरेट हीरों का भण्डार है, जिसका अनुमानित खनिज संसाधन मूल्य 55 से 60 हजार करोड़ रू. है। आपने बताया कि बंदर डायमण्ड ब्लाक में बहुराष्ट्रीय हीरा खनन कम्पनी रियो टिंटो को प्रास्पेक्टिंग  के दौरान 2700 कैरेट वजन के कच्चे हीरे मिले थे, जिन्हें पन्ना स्थित हीरा कार्यालय में जमा कराया गया था। खनिज सचिव श्री सिंह ने बताया हीरों का अवलोकन कराने के बाद भाग ले रही कम्पनियों के प्रतिनिधियों को 364 हेक्टेयर में फैले बंदर खनिज खण्ड क्षेत्र का अवलोकन कराया जायेगा। हीरों को प्रदर्शित  किये जाने के इस भव्य आयोजन में एंसल ग्रुप, रूंगटा, आडानी, फ्यूरा, वेदान्ता समूह तथा एनएमडीसी के प्रतिनिधि शामिल हुये। इन व्यापारिक समूहों द्वारा इस हीरा खण्ड में निवेश हेतु गहरी रुचि दिखाई गई है।

डिस्प्ले में रखे गये थे हीरों के 11 बॉक्स


महेन्द्र भवन पैलेस के सभाकक्ष में आयोजित हीरों के डिस्प्ले में सभी कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने आज पूरे दिन प्रदॢशत किये गये हीरों का तल्लीनता के साथ निरीक्षण किया। कलेक्टर पन्ना कर्मवीर शर्मा ने बताया कि प्रदर्शन में अवलोकन एवं अध्ययन हेतु हीरों के 11 बॉक्स रखे गये थे। जिसमें बॉक्स क्र. 1 से 8 तक 1604 नग हीरे वजन 832.84 कैरेट, बॉक्स क्र. 9 में पॉलिस किये हुये 59 नग हीरे वजन 9.01 कैरेट तथा बॉक्स क्र. 10 एवं 11 में कुल 1670 नग हीरे वजन 866.17 कैरेट थे। इस डिस्प्ले में पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से निकले 7 नग हीरे वजन 24.32 कैरेट भी प्रदर्शित  किये गये थे। कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि अवलोकन हेतु प्रदॢशत किये गये इन हीरों में 323 कैरेट वजन के जेम क्वालिटी वाले हीरे भी थे, जिनमें सबसे बड़ा हीरा 18 कैरेट वजन का था।

पन्ना के नाम पर होगी ब्रांडिंग : कलेक्टर 


सदियों से बेशकीमती हीरों की उपलब्धता के लिये प्रसिद्ध रहे पन्ना शहर को हीरे से पृथक नहीं किया जा सकता। पन्ना और हीरा एक तरह से पर्यायवाची हो चुका है, इसलिये इस क्षेत्र में हीरा चाहे जहां भी निकले, उसकी ब्रांडिंग पन्ना के नाम पर ही होगी। महेन्द्र भवन में आयोजित हुई प्रेसवार्ता में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पन्ना में इतने बृहद स्तर पर हीरों का प्रदर्शन होने से यहां पर डायमण्ड पार्क व हीरा कटिंग  और पॉलिसिंग  यूनिट स्थापित करने की भूमिका तैयार हो गई है। आपने कहा कि पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों को संस्थागत स्वरूप प्रदान करने के संबंध में भी विशेषज्ञों से चर्चा हुई है। ऐसा होने पर उथली खदानों को लेकर जो विसंगतियां और नकारात्मक बातें हैं वे दूर होंगी। इससे यहां पर्यटन के विकास को भी गति मिलेगी।

उथली खदानों के 70 फीसदी हीरे होते हैं चोरी


प्रदेश शासन के खनिज सचिव नरेन्द्र सिंह  परमार ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि मैं भी इसी क्षेत्र का हूँ और यहां की हकीकत से अवगत हूँ। आपने बताया कि पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से प्राप्त होने वाले 70 फीसदी हीरे चोरी होते हैं। फिर भी प्रतिमाह औसतन 500 कैरेट हीरे जमा होते हैं। आपने कहा कि आज के इस आयोजन से पूरा फोकस पन्ना पर ही केन्द्रित रहा, जिसका आने वाले समय में निश्चित ही पन्ना को लाभ मिलेगा। खनिज सचिव ने कहा कि यह मत भूलें कि हमारा इकलौता डायमण्ड आफिस पन्ना में ही है। बंदर डायमण्ड ब्लाक में परियोजना शुरू होने पर न केवल बुन्देलखण्ड अपितु समूचे देश के लिये गौरव की बात होगी।

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