- हांथी का संतुलन बिगड़ने से वन्य प्राणी चिकित्सक नीचे गिरे
- पन्ना जिले के अमानगंज रेस्ट हाउस में तेंदुआ ने गुरूवार की सुबह जमाया था डेरा
- आबादी क्षेत्र में तेंदुआ की मौजूदगी से कस्बा सहित अंचल में मचा है हड़कम्प
- रेस्ट हाउस के आस-पास सुबह से हजारों की संख्या में लोगों लगा रहा जमावड़ा
- पन्ना टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम, पुलिस बल व वन अधिकारी मौके पर मौजूद
अमानगंज के रेस्ट हाउस परिसर में तैनात वनकर्मी। |
अरुण सिंह,पन्ना। जंगलों की बड़े पैमाने पर हो रही अवैध कटाई व अनियंत्रित उत्खनन के चलते तेजी से सिमटते जंगल, प्रवास स्थल व भोजन की कमी और जंगलों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप के चलते म.प्र. के पन्ना जिले में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की स्थितियां निर्मित हो रही हैं। वन्य प्राणियों के आबादी क्षेत्र में घुसने की घटनाओं में जिस तरह से इजाफा हुआ है उससे हालात चिन्ताजनक बन गये हैं। गुरूवार 22 अगस्त की सुबह जंगल से निकलकर एक तेंदुआ पन्ना जिले के अमानगंज कस्बा स्थित रेस्ट हाउस में डेरा जमा दिया है जिससे पूरे कस्बे में हड़कम्प मचा है। रेस्ट हाउस में तेंदुये की मौजूदगी का पता आज सुबह तब चला जब कुछ लोग वहां फू ल तोडऩे के लिये पहुँचे। उनके शोर-शराबा मचाने पर तेंदुआ हमलावर हो गया, फलस्वरूप दो लोगों ऊपर हमला करने से उनको मामूली चोटें आई हैं जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अमानगंज में इलाज के लिये भर्ती कराया गया है। वहीँ रेस्क्यू टीम के मौके पर पहुंचने पर दोपहर बाद जब इस बेकाबू हो चुके तेंदुए को ट्रैंक्युलाइज कर बेहोश करने का प्रयास किया गया तो तेंदुआ आक्रामक होकर हांथी के ऊपर ही हमला बोल दिया, जिससे हांथी का संतुलन बिगड़ने पर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता नीचे तेंदुआ के निकट जा गिरे और उसके हमले बाल - बाल बचे।
रेस्ट हॉउस जिसके परिसर में पूरे दिन डेरा डाले रहा तेंदुआ। |
पड़ा। भीड़ बढऩे तथा अत्यधिक शोर होने से रेस्ट हाउस परिसर में मौजूद तेंदुआ विचलित दिखा और इधर से उधर भागता नजर आया। तेंदुये की भाग-दौड़ करने का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें तेंदुये के दौडऩे का दृश्य व भारी शोर-शराबा सुनाई दे रहा है। मामले की जानकारी मिलते ही पन्ना से टाइगर रिजर्व का रेस्क्यू दल व उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व ईश्वर रामहरि जरांडे सहित वन अधिकारी और वन अमला मौके पर पहुँच गया। टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षित हाथियों को भी रेस्ट हाउस में बुलाया गया ताकि सुरक्षित तरीके से इस तेंदुये को यहां से वन क्षेत्र की ओर भगाया जा सके। मौके पर पन्ना टाइगर रिजर्व के चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे ताकि आवश्यकता पडऩे पर इस तेंदुये को ट्रंक्यूलाइज कर बेहोश किया जा सके। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने दोपहर लगभग 1:30 बजे बताया कि रेस्ट हाउस परिसर में तेंदुआ कहीं छिपा बैठा है जो फिलहाल नजर नहीं आ रहा। दो हाथी पहुँच चुके हैं जबकि दो हाथी और बुलाये गये हैं, उनके पहुँचने पर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जायेगा। रेस्ट हाउस के मुख्य प्रवेश द्वार को पूरी तरह बन्द कर दिया गया है ताकि भीड़ अन्दर प्रवेश न करे। मौके पर मौजूद वन अमले ने रेस्ट हाउस की घेराबन्दी की हुई है।
और तेंदुआ ने हांथी के ऊपर कर दिया हमला
जंगल का खतरनाक वन्य प्राणी तेंदुआ। ( फाइल फोटो ) |
पन्ना टाईगर रिजर्व के प्रशिक्षित चार हांथी रेस्ट हाऊस परिसर में घुसे तेंदुये को खदेडऩे के लिये दोपहर में जब वहां पहुँचे तो यह तेंदुआ रेस्ट हाऊस की बाउण्ड्री फांदकर बगल के खेत में घुस गया। चारों हांथियों को लेकर टाईगर रिजर्व का रेस्क्यू दल जब खेत में पहुँचकर इस हमलावर हो चुके तेंदुये की घेराबन्दी करके उसे ट्रंक्यूलाइज करने का प्रयास किया गया तो तेंदुआ भड़क उठा और तेज गुर्राहट के साथ बिजली की भांति हांथी के ऊपर कूदकर माथे पर पंजा मारा, जिससे हांथी भी विचलित हो गया। हांथी के माथे में तेंदुआ का पंजा लगने से वहां जख्म होने के कारण खून भी निकलने लगा। इस खतरनाक घटनाक्रम के दौरान हांथी का संतुलन बिगड़ गया, जिससे हांथी के ऊपर सवार पन्ना टाईगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता नीचे गिर गये।
तेंदुआ से बाल-बाल बचे वन्य प्राणी चिकित्सक
रेस्ट हॉउस बाहर उमड़ी भीड़ का नजारा। |
तेंदुये द्वारा हांथी के ऊपर जैसे ही हमला किया गया, उसी समय संतुलन बिगडऩे से वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. गुप्ता नीचे गिर गये। वहीं निकट ही गुस्से से तमतमाया तेंदुआ भी था, लेकिन डॉ. गुप्ता ने यहां सूझबूझ दिखाते हुये किसी तरह अपने को बचा लिया। उनकी ट्रक्यूलाइज गन, बैग व अन्य सामान भी नीचे गिर गया था, जिसे नहीं उठाया जा सका। वहां पर तेंदुआ कब्जा जमाकर बैठ गया था। डॉ. गुप्ता को किसी तरह बचाकर रेस्ट हाऊस लाया गया, जिन्हें गाड़ी से पन्ना भेज दिया गया है। उनके पसली व शरीर के अन्य कई हिस्सों में चोट आई है। मालुम हो कि वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. गुप्ता के नाम सर्वाधिक बाघों को ट्रक्यूलाइज करने का रिकार्ड है। बाघों से आज तक इन्हें इस तरह की असहज स्थित का सामना नहीं करना पड़ा। जबकि तेंदुआ का रेस्क्यू खतरनाक साबित हुआ है। इसके पूर्व बीते माह पगरा गाँव में रेस्क्यू के दौरान एक तेंदुआ ने डॉ. गुप्ता के ऊपर हमला कर घायल कर दिया था, यह दूसरी घटना है जिसमें डॉक्टर साहब बाल-बाल बचे हैं।
हांथियों का भी तेंदुआ नहीं कर रहा लिहाज
काबू में करने के लिये खेत में बांधा गया बकरा
00000
No comments:
Post a Comment