Saturday, September 14, 2019

पन्ना के बृजेश उपाध्याय को मिला 29 कैरेट 46 सेंट का नायाब हीरा

  •  गरीब मजदूर मोतीलाल को 8 माह पूर्व मिल चुका है 42. 59 कैरेट का बेशकीमती हीरा 
  •   44 कैरेट वजन का सबसे बड़ा हीरा 58 वर्ष पूर्व 1961 में रसूल मोहम्मद को मिला था 
  •  रत्नगर्भा पन्ना की धरती ने अब तक अनेकों लोगों बनाया है रंक  राजा 


उथली खदान से मिला नायाब हीरा तथा हीरा धारक बृजेश उपाध्याय को जमा करने  रशीद प्रदान करते हुए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा  

 अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के  पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती में  फिर एक 29.46 कैरेट वजन का बेशकीमती हीरा पन्ना शहर के बड़ा बाजार निवासी बृजेश उपाध्याय को मिला है।  इसके पूर्व 8 माह पहले पन्ना के ही गरीब मजदूर  मोती लाल को 42 कैरेट 59 सेंट वजन का बेशकीमती नायाब हीरा मिला था। यह 42.59 कैरेट वजन वाला नायाब हीरा खुली नीलामी में  6 लाख रू. प्रति कैरेट की दर से 2 करोड़ 55 लाख रू. में बिका था, जिसे झांसी उ.प्र. के निवासी राहुल अग्रवाल ने खरीदा था। शुक्रवार 13 सितम्बर को जमा हुये  नायाब हीरे की अनुमानित कीमत अधिकृत रूप से अभी नहीं बताई गई लेकिन जानकार इसकी कीमत करोड़ों रू. बता रहे हैं। मालुम हो कि इस माह बीते 15 दिनों में जिला मुख्यालय स्थित हीरा कार्यालय में उज्जवल किस्म के चार  हीरे जमा हो चुके हैं लेकिन बीते 8 माह के दौरान उथली
 खदानों से दो बड़े और नायाब हीरे मिले हैं, जिससे उथली हीरा खदानों के प्रति तुआदारों का जबरजस्त आकर्षण बढ़ा है। मालूम हो कि  जिले की उथली हीरा खदानों से हीरा मिलने का सिलसिला लगातार जारी है जिससे हीरों की तलाश करने वाले लोगों में जहां भारी उत्साह है वहीं हीरा कार्यालय में भी खुशी का माहौल है।
 हीरा अधिकारी कार्यालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार पन्ना  कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के मार्गदर्शन में अवैध खनिज उत्खनन एवं परिवहन पर कडाई से निगरानी रखी जा रही है। जिससे जिले की उथली खदानों से लगातार प्राप्त होने वाले हीरे कार्यालय में जमा हो रहे हैं। जिले के कृष्णाकल्याणपुर (पटी) क्षेत्र में  बृजेश कुमार उपाध्याय निवासी बडा बाजार पन्ना को हीरा कार्यालय द्वारा उत्खनन पट्टा जारी किया गया था। फलस्वरूप उसे यहाँ  29.46 कैरेट का उज्जवल हीरा प्राप्त हुआ है। प्राप्त हीरे को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की उपस्थिति में हीरा कार्यालय में जमा कराने की कार्यवाही की गयी। कलेक्टर द्वारा हीरा प्राप्त करने वाले व्यक्ति को हीरा कार्यालय में पावती रसीद दी गयी। जिले की उथली खदानों से प्राप्त होने वाले हीरे पिछले कुछ समय से बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं जिससे शासन की राजस्व आय में इजाफा हो रहा है।  उथली खदानों से लगातार मिल रहे बेशकीमती हीरों को देखते हुये हीरों की तलाश में जुटे लोग उत्साहित हैं, उन्हें उम्मीद है कि किसी दिन उनका भाग्य भी चमकेगा।

गौरतलब है कि पलक झपकते ही रंक से राजा बनने का चमत्कार यदि कहीं घटित होता है तो वह रत्नगर्भा पन्ना जिले की धरती है। इस धरती की यह खूबी है कि अचानक ही यहां पर कब किसकी किस्मत चमक जाये कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसा ही कुछ 13 सितम्बर शुक्रवार की सुबह पन्ना शहर के बड़ा बाजार   निवासी बृजेश उपाध्याय की जिन्दगी में घटित हुआ। बृजेश उपाध्याय को 29  कैरेट 46 सेंट वजन का बेशकीमती नायाब हीरा मिला है, जेम क्वालिटी(उज्जवल)  वाले इस हीरे की कीमत करोड़ों रू. बताई जा रही है। हीरा कार्यालय पन्ना के अधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार इसके पूर्व 15 अक्टूबर 1961 में पन्ना के ही रसूल मोहम्मद को महुआटोला की उथली खदान में 44 कैरेट 55 सेंट का सबसे बड़ा हीरा मिला था। कृष्णा कल्याणपुर की पटी उथली हीरा खदान से बीते 9 माह के दौरान 42 कैरेट 59 सेंट एवं 29  कैरेट 46 सेंट वजन के दो बड़े व बेशकीमती हीरे मिल चुके हैं जिससे उथली हीरा खदान क्षेत्र के प्रति हीरों की तलाश करने वाले तुआदारों का आकर्षण बढ़ा है।

 नीलामी में रखा जायेगा यह नायाब हीरा


जिला मुख्यालय पन्ना स्थित हीरा कार्यालय के हीरा पारखी अनुपम सिंह  के अनुसार बृजेश उपाध्याय को मिला हीरा वजन और क्वालिटी के लिहाज से  बहुमूल्य हीरा है, जिसे सरकारी खजाने में जमा कर लिया गया  है।  हीरा पारखी  ने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात आगामी माह में आयोजित होने वाली हीरों की शासकीय नीलामी में  इस हीरे को भी बिक्री के लिये रखा जायेगा। बहुमूल्य हीरा मिलने की खबर फैलने के बाद से बृजेश उपाध्याय के घर पर उत्सव जैसा माहौल है। उनके घर पर परिचितों और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा है।
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