- अजयगढ़ किला सहित बफर व टेरीटोरियल क्षेत्र में शुरू होगा पर्यटन
- पर्यटन को बढ़ावा मिलने से वनों व वन्य प्राणियों की होगी सुरक्षा: कलेक्टर
- मड़ला में आयोजित हुई पन्ना टाईगर रिजर्व के सलाहकार मण्डल की बैठक
अरुण सिंह,पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना में पर्यटन की विपुल संभावनाओं को देखते हुये शहर के आस-पास स्थित प्राकृतिक मनोरम स्थलों का विकास कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। इस योजना में सांस्कृतिक व मानसून पर्यटन को भी जोड़ा जायेगा। अजयगढ़ स्थित प्राचीन किला व बफर क्षेत्र सहित इस क्षेत्र में टेरीटोरियल के जंगल में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू की जायेंगी। पर्यटन विकास से जुड़े इन अहम मुद्दों तथा वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिये गुरूवार को मड़ला स्थित कर्णावती में पन्ना टाईगर रिजर्व के स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इस बैठक में आयुक्त सागर सम्भाग आनन्द कुमार शर्मा के साथ राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से लगे हुये जिलों के कलेक्टर, जनप्रतिनिधिगण एवं सलाहकार मण्डल समिति के शासकीय एवं अशासकीय सदस्यगण उपस्थित रहे।
बैठक के प्रारंभ में पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया द्वारा पिछले वर्षो में राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों की जानकारी दी गई और बताया कि पन्ना से अमानगंज मार्ग पर पडऩे वाले अकोला गाँव में नाईट सफारी प्रारंभ है। आगामी आने वाले समय में अजयगढ़ क्षेत्र में भी नाईट सफारी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लगे होटलों की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं उनके लिये पन्ना टाईगर रिजर्व से अनुमति लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संचालित होटलों से वर्तमान तक कोई समस्या नहीं आई है। बैठक में कलेक्टर पन्ना कर्मवीर शर्मा द्वारा कहा गया कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पन्ना के नगरीय एवं सांस्कृतिक व ऐतिहासिक क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को पन्ना नगर में भी लाया जाये, जिससे वे पन्ना जिले के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व की इमारतों को देख सकें। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा पन्ना जिले के मन्दिरों एवं अन्य ऐतिहासिक इमारतों के संबंध में सचित्र पुस्तिका तैयार की जा रही है। इसे आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भेजा जायेगा, जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग पर्यटकों को पन्ना लायें। उन्होंने कहा कि यदि जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है तो जिले के विकास के साथ-साथ जंगलों का संरक्षण होगा। पर्यटन से राष्ट्रीय उद्यान को भी आय बढ़ाने के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि किलकिला नदी के जल को शुद्ध करने के लिये मिनी स्मार्ट सिटी अन्तर्गत प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है।
पर्यटन से मिलेंगे रोजगार के नये अवसर
डायमण्ड टूरिज्म पर भी हो रहा कार्य
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