Thursday, September 19, 2019

प्राकृतिक पर्यटन के साथ सांस्कृतिक पर्यटन को मिले बढ़ावा: आयुक्त

  •   अजयगढ़ किला सहित बफर व टेरीटोरियल क्षेत्र में शुरू होगा पर्यटन
  •   पर्यटन को बढ़ावा मिलने से वनों व वन्य प्राणियों की होगी सुरक्षा: कलेक्टर
  •   मड़ला में आयोजित हुई पन्ना टाईगर रिजर्व के सलाहकार मण्डल की बैठक




अरुण सिंह,पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना में पर्यटन की विपुल संभावनाओं को देखते हुये शहर के आस-पास स्थित प्राकृतिक मनोरम स्थलों का विकास कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। इस योजना में सांस्कृतिक व मानसून पर्यटन को भी जोड़ा जायेगा। अजयगढ़ स्थित प्राचीन किला व बफर क्षेत्र सहित इस क्षेत्र में टेरीटोरियल के जंगल में भी पर्यटन गतिविधियां शुरू की जायेंगी। पर्यटन विकास से जुड़े इन अहम मुद्दों तथा वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिये गुरूवार को मड़ला स्थित कर्णावती में पन्ना टाईगर रिजर्व के स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इस बैठक में आयुक्त सागर सम्भाग आनन्द कुमार शर्मा के साथ राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से लगे हुये जिलों के कलेक्टर, जनप्रतिनिधिगण एवं सलाहकार मण्डल समिति के शासकीय एवं अशासकीय सदस्यगण उपस्थित रहे।
बैठक के प्रारंभ में पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया द्वारा पिछले वर्षो में राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों की जानकारी दी गई और बताया कि पन्ना से अमानगंज मार्ग पर पडऩे वाले अकोला गाँव में नाईट सफारी प्रारंभ है। आगामी आने वाले समय में अजयगढ़ क्षेत्र में भी नाईट सफारी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लगे होटलों की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं उनके लिये पन्ना टाईगर रिजर्व से अनुमति लेना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संचालित होटलों से वर्तमान तक कोई समस्या नहीं आई है। बैठक में कलेक्टर पन्ना कर्मवीर शर्मा द्वारा कहा गया कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पन्ना के नगरीय एवं सांस्कृतिक व ऐतिहासिक क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों को पन्ना नगर में भी लाया जाये, जिससे वे पन्ना जिले के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व की इमारतों को देख सकें। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा पन्ना जिले के मन्दिरों एवं अन्य ऐतिहासिक इमारतों के संबंध में सचित्र पुस्तिका तैयार की जा रही है। इसे आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भेजा जायेगा, जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग पर्यटकों को पन्ना लायें। उन्होंने कहा कि यदि जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है तो जिले के विकास के साथ-साथ जंगलों का संरक्षण होगा। पर्यटन से राष्ट्रीय उद्यान को भी आय बढ़ाने के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि किलकिला नदी के जल को शुद्ध करने के लिये मिनी स्मार्ट सिटी अन्तर्गत प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है।

पर्यटन से मिलेंगे रोजगार के नये अवसर


आयुक्त श्री शर्मा ने कहा कि कलेक्टर पन्ना का पन्ना जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक अच्छा प्रयास है। मैं चाहूँगा कि पन्ना जिले में प्राकृतिक पर्यटन के अलावा सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले जिससे जिले के लोगों रोजगार के अवसर प्राप्त हों। जिले के लोगों को रोजगार प्राप्त होने से वनों के प्रति लोगों का रूझान होगा, जिससे लोग वनों को खुद ही संरक्षित करेंगे। बैठक में राजनगर विधायक कु. वीर विक्रम ङ्क्षसह, विधायक छतरपुर आलोक चतुर्वेदी द्वारा सुझाव देते हुये कहा गया कि वन क्षेत्र में बसे लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिये। किसानों के खेतों में जंगली जानवर नुकसान न करें जिसके लिये राष्ट्रीय उद्यान एवं वन विभाग को खेतों की बाउण्ड्रीबाल तैयार कराई जानी चाहिये। बैठक में वरिष्ठ पत्रकार अरूण सिंह  द्वारा सुझाव दिया गया कि पन्ना जिले के जंगलों से पर्यावरण को जो लाभ हो रहा है उसके बदले शासन से राशि प्राप्त होनी चाहिये, ताकि इस राशि से वन क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों की मदद की जा सके। लाभ मिलने पर ही ग्रामीण वन व वन्य प्राणियों की सुरक्षा के प्रति प्रेरित हो सकेंगे। बैठक में यह भी सुझाव दिये गये कि किसानों को सहायता राशि देने के साथ उन्हें खेतों में सामान्य फसलों की खेती न करके वृक्षों की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जाये जिससे लोगों का वनों के प्रति अच्छा भाव बना रहे। बैठक में श्यामेन्द्र सिंह (बिन्नीराजा), डॉ. रघु चुण्डावत वरिष्ठ वैज्ञानिक, हनुमन्त सिंह  (रजऊ राजा) आदि द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये।

डायमण्ड टूरिज्म पर भी हो रहा कार्य


बेशकीमती हीरों की उपलब्धता के लिये भी पन्ना जाना जाता है। यहां एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड हीरा खदान के अलावा उथली खदानों से भी हीरा निकलता है। इसे दृष्टिगत रखते हुये पन्ना में डायमण्ड पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास भी शुरू किये गये हैं। बैठक में टाईगर कॉरिडोर को संरक्षित करने तथा वन क्षेत्र के ग्रामों तक बारिश के मौसम में आवागमन सुचारू रूप से कायम रखने के लिये नालों में पुल व पुलिया का निर्माण कराये जाने पर भी जोर दिया गया। राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया द्वारा कहा गया कि इस बैठक में प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्ययोजना तैयार कर शासन की ओर भेजी जायेगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ क्षेत्र का विकास सुनिश्चित हो सके। बैठक में सम्भागीय एवं जिला स्तर के पुलिस अधिकारी, सीसीएफ छतरपुर आर.पी. राय, कलेक्टर छतरपुर मोहित बुंदस, कलेक्टर दमोह तरूण राठी, वनमण्डलाधिकारी छतरपुर, गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी, जिला समन्वयक दि. लास्ट वाइल्डरनेस फाउण्डेशन पन्ना इन्द्रभान सिंह बुन्देला, प्रो. गिरिटो जंगल कैम्प पन्ना अभिनव पाण्डेय, ग्राम पंचायत सरपंच हिनौता के साथ समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।
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