Tuesday, September 24, 2019

मन्दिरों के शहर पन्ना की सड़कें गड्ढों में हुईं तब्दील

  •   बस स्टैण्ड जाने वाले मार्ग की हालत सबसे ज्यादा खराब
  •   इन हालातों के चलते पन्ना कैसे बनेगी पर्यटन नगरी ?



 गड्ढों में तब्दील बस स्टैण्ड का मुख्य मार्ग।

अरुण सिंह, पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना को पर्यटन के नक्शे में लाने के लिये जिले के प्रशासनिक मुखिया कर्मवीर शर्मा प्रयासरत हैं, इसके लिये उनके द्वारा विभिन्न मंचों पर यह बात प्रमुखता के साथ कही जा रही है। लेकिन शहर के जो मौजूदा हालात हैं उसे देखते हुये यह सवाल किया जा रहा है कि गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कों में हिचकोले खाने के लिये पर्यटक भला क्यों आयेंगे? बस स्टैण्ड किसी भी शहर का सबसे महत्वपूर्ण स्थल होता है, यहीं से यात्रियों का आना-जाना रहता है। जाहिर है कि बस स्टैण्ड की व्यवस्थाओं तथा वहां सड़कों की हालत को देखकर ही लोग शहर के बारे में अपनी धारणा बनाते हैं। इस लिहाज से पन्ना शहर के बारे में यात्री क्या सोचकर जाते होंगे, इसकी कल्पना बस स्टैण्ड की अव्यवस्था, गन्दगी और गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क को देखकर लगाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि बस स्टैण्ड जाने वाले मार्ग के अलावा भी शहर के अन्य प्रमुख मार्गों की हालत बेहतर नहीं कही जा सकती। नगर पालिका के पास, बल्देव जी मन्दिर के सामने सडक इतनी ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गई है कि लोगों का यहां से निकल पाना मुश्किल हो रहा है। हल्की सी बारिश में इन गड्ढों में पानी भर जाने से लोगों को गढ्ढों का अनुमान नहीं लग पाता और निकलने वाले बडे वाहन के भारी पहिये जब इन गड्ढों में गिरते हैं तो गड्ढों में भरा पानी आस-पास से निकलने वाले राहगीरों के ऊपर जा गिरता है। जिससे उनके कपडे खराब होते हैं साथ ही विवाद उत्पन्न होता है। यही हाल गोविन्द जी मन्दिर से बडा बाजार जाने वाले मुख्य मार्ग का भी हो गया है। इस मार्ग में भी कई जगह बडे-बडे गड्ढे हो गये हैं व सडक उखड गई है। जिसके चलते आवागमन बाधित होता है। बताया जाता है कि पिछले वर्ष ही लोक निर्माण विभाग द्वारा इस पूरे मार्ग का जीर्णोद्धार कराया गया था किन्तु एक वर्ष के अन्दर ही यह मार्ग क्षतिग्रस्त और गड्ढों में तब्दील हो गया है।
स्थानीय प्राणनाथ बस स्टैण्ड जहां मुख्य रूप से दो तरफ  से यात्री बसों का निकलना होता है। जिसको यातायात पुलिस द्वारा वन-वे भी किया गया है। जिसमें एक तरफ  से यात्री बसें आती हैं और दूसरे मार्ग से जातीं हैं। किन्तु वर्तमान समय में यह दोनों मार्ग ही दयनीय स्थिति में हैं। महाविद्यालय तरफ  से आने वाला मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जहां बस स्टैण्ड के अंदर जैसे ही वाहन प्रवेश करते हैं वैसे ही क्षतिग्रस्त सडक व बडे-बडे गड्ढों से होकर निकलना पडता है। इसके अलावा बस स्टैण्ड के अंदर की सडक भी कई जगह गड्ढों में तब्दील हो गई है। जिसके चलते यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पडता है। क्योंकि बरसात के दिनों में गड्ढों में भरे पानी से निकलने वाले वाहनों के टायरों से उछलने वाले कीचड से यात्रियों के कपडे व सामान खराब होता है। इसके अलावा बस स्टैण्ड परिसर में ऑटो स्टैण्ड के पास गंदगी का अंबार लगा रहता है जहां पर अवारा मवेशी धमाचौकडी मचाये रहते हैं।

शहर के अन्य मार्गों की स्थिति भी दयनीय


शहर के अन्य दूसरे मार्गों व गलियों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर को डस्टबिन रहित जरूर घोषित करा दिया गया है लेकिन सड़कों पर जहां-तहां कचड़े का अम्बार लगा रहता है। जहां आवारा मवेशी और सुअरों की फौज का जमावड़ा रहता है। बारिश के इस मौसम में नियमित रूप से साफ-सफाई न होने के कारण पानी बरसने पर पूरा कचड़ा और गन्दगी सड़कों में फैल जाती है। शहर के सबसे व्यस्त मार्ग बड़ा बाजार में सड़क के संकीर्ण होने के कारण दिन में कई बार जैम की स्थिति निर्मित रहती है जिससे लोगों को भारी असुविधा और परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा नगर की कई गलियां अभी भी नाली विहीन होने के कारण बरसात के पानी के साथ कचडा भी सडकों में जमा हो रहा है जो अव्यवस्था का सबव बना हुआ है।
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