Tuesday, September 24, 2019

जब गुस्साये हांथी ने अपने ही महावत पर किया हमला

  •   हांथियो के रिजुवनेशन कैम्प के आयोजन में पड़ा खलल
  •   पन्ना टाईगर रिजर्व के हिनौता हांथी कैम्प की घटना
  •   हांथियों को तरोताजा करने के लिये आयोजित हो रही यह गतिविधि



 पन्ना टाईगर रिजर्व में चल रहे हांथियों के रिजुवनेशन कैम्प का दृश्य।

अरुण सिंह,पन्ना। बारिश के मौसम में बेहद प्रतिकूल और कठिन परिस्थतियों में जंगल की रखवाली व वन्य प्राणियों की सुरक्षा के कार्य में तैनात रहने वाले हांथियों की थकान मिटाने तथा उन्हें फिर से तरोताजा करने के लिये प्रतिवर्ष एक सप्ताह के लिये हांथियों के रिजुवनेशन कैम्प का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी यह आयोजन पन्ना टाईगर रिजर्व के हिनौता हांथी कैम्प में 22 से 28 अक्टूबर तक के लिये किया गया है। लेकिन इस महत्वपूर्ण आयोजन के शुरूआत में ही उस समय खलल पैदा हो गया, जब प्रहलाद नाम का एक हांथी अचानक भड़क उठा और अपने ही महावत के ऊपर हमला बोल दिया। इस गुस्साये हांथी ने महावत को अपनी सूंड़ में लपेट कर न सिर्फ पटक दिया अपितु सूंड़ से उसको दबाने का प्रयास भी किया। गनीमत यह थी कि वहां मौजूद दूसरे महावतों ने तत्काल हांथी को रोका और घायल हो चुके महावत को वहां से पृथक किया।

हांथी के हमले से घायल महावत।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार हांथी के हमले से घायल हुये महावत विष्णु को तत्काल जिला चिकित्सालय पन्ना लाया गया, जहां से उसे रीवा मेडिकल कॉलिज के लिये रेफर कर दिया गया है। बताया गया है कि घायल महावत को अंदरूनी चोट है। मालुम हो कि पन्ना टाईगर रिजर्व में 14 हांथियों का कुनबा है, जिसमें दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी वत्सला सहित यहीं जन्मा हांथी प्रहलाद भी शामिल है। शरारती स्वभाव वाला कम उम्र का यह हांथी आखिर क्यों और किन परिस्थितियों में अचानक भड़क उठा, इस बात की गहराई से छानबीन होनी चाहिये ताकि ऐसे अप्रिय हालात फिर कभी निर्मित न हों। पन्ना टाईगर रिजर्व से जुड़ेे लोगों व महावतों का यह कहना है कि इस तरह की यह पहली घटना है, इसके पूर्व यहां के हांथियों ने कभी भी महावतों के साथ ऐसा आक्रामक बर्ताव नहीं किया।

आयोजन के तौर तरीकों पर हो पुनर्विचार 


वर्ष में एक बार हांथियों को तरोताजा बनाने के लिये इस तरह का आयोजन अच्छी पहल है, लेकिन आयोजन के तौर-तरीकों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये। इस सप्ताहिक आयोजन के दौरान हांथियों को उनके रूचि का भोजन दिया जाता है इतना ही नहीं उन्हें सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिये सजाया और सँवारा भी जाता है। हांथियों को सजाने के लिये किस तरह के कलर उपयोग में लाये जाते हैं, यह विचारणीय है। चूँकि सजाने के दौरान ही यह हादसा हुआ है इसलिये इस पर गौर किया जाना लाजमी होगा कि कहीं कलर केमिकल युक्त तो नहीं था। जिसके रियेक्शन से हांथी भड़क गया हो और अपना गुस्सा बेचारे महावत पर उतारा हो। वजह जो भी हो लेकिन इस घटना के बाद से हांथियों के महावत चिंतित और डरे सहमे हैं।
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