Tuesday, October 1, 2019

क्रीमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर एवं स्वाइन फ्लू से करें बचाव

  • मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने दी बचाव करने की सलाह 

डॉ. एल. के. तिवारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
अरुण सिंह,पन्ना। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया  कि वर्तमान में निकटवर्ती राज्यों में जेसे गुजरात एवं राजस्थान से क्रीमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर के कुछ प्रकरण प्रकाश में आये हैं गुजरात में सीसीएचएफ से मृत्यु के प्रकरण दर्ज किये गये हैं।
क्रीमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर (सीसीएचएफ) एक घातक वायरस से होने वाली बीमारी है जिसमें मृत्यु दर 9 से 50 प्रतिशत तक है। इस बीमारी का असर मनुष्यों, पशुओं जैसे मवेशी, ऊँठ, बकरी, भेड़, या चूहे में होता है। यह बीमारी का संक्रमित चिचड़ी (हार्ड टिक) के मनुष्यों को काटने, संक्रमित टिक को कुचलने या सीधे संक्रमित टिक के एवं संक्रमित जानवर के खून या टीसूश के संपर्क में आने से होती है अथवा संक्रमित मनुष्य के सीधे खून, शरीर के तरल पदार्थ, वेस्ट का शरीर के घाव या खरोंच के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इसके अतिरिक्त संक्रमित शव को ठीक से निस्तारण न करने से, स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा उपयोग किये जाने वाले उपकरणों, सुई, सिङ्क्षरज आदि से भी फैलता है। यह बीमारी का खतरा पशु संसाधन, एग्रीकल्चर वर्कर, बूचड़ खाना में काम करने वाले, पशु चिकित्सक एवं हेल्थ वर्कर, चिकित्सक को ज्यादा होता है। इस बीमारी का संक्रमण काल संक्रमित टीक के काटने पर 1 से 3 दिन तक अधिकतम 9 दिवस है तथा संक्रमित खून या टिश्यूस के संपर्क में आने पर 5 से 6 दिन अधिकतम 13 दिवस है।
इस बीमारी के प्रमुख लक्षण
अचानक बुखार आना, सिरदर्द, चक्कर आना, पीठ तथा जोड़ों में दर्द, प्रकाश के प्रति संवेदना बढऩा, आँखों में सूजन, गर्दन में दर्द एवं अकडऩ होना।
बीमारी से बचने के उपाय
जिन स्थानों पर टिक (चिचड़ी) पाई जाती है वहां जाने से बचे हल्के रंग के कपड़े पहनें, जिससे टिक (चिचड़ी) आसानी से दिख जाये। शरीर को पूरी तरह ढँकने वाले कपड़े पहनें (पूरी बांह के कपड़े, फुल पेंट) पेंट के निचले हिस्से को मोजों में दबा कर रखें जिससे टिक पेंट के अन्दर न जा सके। त्वचा पर रेपेलेंट (डीईईटी) का इस्तेमाल करें और कपड़ों पर पेर्मेथ्रिन का इस्तेमाल करें। यदि टिक काटले या त्वचा से चिपक जाये तो उसे चिमटी से सावधानी पूर्वक निकाले। उसे मरोड़े या मसले नहीं। इसके पश्चात हांथो को अच्छे से साबुन से रगड़कर धोयें तथा कटे स्थान पर एंटीसेप्टिक लेप लगायें।

स्वाइन फ्लू से बचाव की सलाह


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एल.के. तिवारी ने बताया स्वाइन फ्लू एच1एन1 चार वायरस के संयोजन के कारण होता है। उन्होंने पन्ना जिलेे के नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि स्वाइन फ्लू एक संक्रामक उत्परिवर्ती वायरस है, जिसका संक्रमण मनुष्यों में आरंभ हो गया है और इसने 21वीं सदी की महामारी का रूप ले लिया है। स्वाइन फ्लू  चार वायरस के संयोजन के कारण होता है। आम तौर पर इस वायरस के वाहक सूअर होते हैं। जब से इस विषाणु का उत्परिवर्तन हुआ है इस फ्लू ने महामारी का रूप धारण कर लिया है क्योकि यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में तेजी से फेल रहा है। जोखिम का विषय यह है की एक नया वायरस स्ट्रीम बन जाने के कारण कोई भी इससे अप्रभावित नहीं है लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति इस संक्रमण के प्रति संवेदनशील है, इसके लक्षण सामान्य फ्लू के सामान हैं मगर लापरवाही बरतने पर वे गंभीर हो सकते हैं। 

उन्होंने कहा है कि आम तौर पर इन लक्षणों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है जिसमें बुखार, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी और थकान मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल चिकित्सीय परामर्श लें, 24 घंटे में उपचार करना आवश्यक है, उपचार लेकर स्वस्थ व् सुरक्षित रहें, विलम्ब घातक हो सकता है समस्त शासकीय  एवं चिन्हित निजी चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू की जाँच एवं दवाइयों की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध है। खांसी अथवा छींक के समय अपने चेहरे पर टिश्यू पेपर या रुमाल रखें। टिश्यू पेपर को सही तरीके से फेंके अथवा नष्ट कर दें। अपने हांथो को साबुन या हैण्ड सेनिटाईजर द्वारा नियमित साफ करें। अपने आस पास हमेशा सफाई रखें, संक्रमण होने पर या संक्रमण से बचाव हेतु भीड़ भाड़ से दूर रहें, किसी वस्तु, व्यक्ति एवं स्वयं के चेहरे को छुने से पहले या बाद में साबुन से हाँथ धोएं एवं संक्रमित व्यक्ति से लगभग एक मीटर की दूरी बनायें, चेहरे को मास्क से ढककर कर रखें। यदि आपको फ्लू के लक्षण महसूस हो रहे हैं, भले ही आपने हाल ही में कोई यात्रा की हो या नहीं, तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ, विलम्ब न करें तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें। थोड़ी सी सावधानी आपको और आपके आस पास के लोगों को बचा सकती है।
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