Tuesday, October 22, 2019

पन्ना में बाघ पुनर्स्थापना की 10वीं वर्षगांठ पर मनेगा जश्न

  •   कामयाबी के इस भव्य समारोह में पन्नावासियों की भी हो भागीदारी
  •   पार्क प्रबन्धन को राजमाता दिलहर कुमारी ने सौंपा पत्र
  •   हर साल 5 नवम्बर को मनाई जाती है बाघ पुनर्स्थापना की वर्षगांठ




अरुण सिंह,पन्ना। पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना के एक दशक पूरे होने पर कामयाबी का जश्न मनाने और भव्य कार्यक्रम आयोजित किये जाने को लेकर पन्नावासी उत्साहित हैं। मालुम हो कि हर साल 5 नवम्बर को बाघ पुनर्स्थापना योजना की वर्षगांठ मनाई जाती है। इस यादगार दिन को मनाये जाने की खास वजह यह है कि 5 नवम्बर को ही पेंच टाईगर रिजर्व से उस नर बाघ को पन्ना लाया गया था, जिसने बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाईगर रिजर्व को फिर से गुलजार कर दिया है। मौजूदा समय पन्ना टाईगर रिजर्व में आधा सैकड़ा से भी अधिक बाघ हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश इसी नर बाघ टी-3 की ही सन्तान हैं। बाघ पुनर्स्थापना योजना की कामयाबी में किसी न किसी रूप में अपना योगदान देने वाले लोगों की यह मंशा है कि पन्ना को फिर से आबाद कर उसे गौरव प्रदान करने वाले बाघ टी-3 के सम्मान में 5 नवम्बर को बृहद व भव्य कार्यक्रम आयोजित हो, जिसमें पन्नावासी भी शामिल हों।
इस संबंध में राजमाता दिलहर कुमारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के कार्यालय में जाकर पार्क प्रबन्धन का ध्यान आकृष्ट कराते हुये पत्र सौंपा है। राजमाता का कहना है कि पन्ना में बाघ पुनर्स्थापना योजना को शानदार कामयाबी इसलिये मिली क्योंकि पन्नावासियों ने अपने खोये गौरव को पुन: हासिल करने के लिये हर तरह की कुर्बानी देने को तत्पर रहे। यही वजह है कि उस समय तत्कालीन क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति  द्वारा जन समर्थन से बाघ संरक्षण का नारा दिया गया जो कालान्तर में चरितार्थ हुआ। पन्ना टाईगर रिजर्व के संदर्भ में यह नारा आने वाले समय में भी अर्थपूर्ण और कारगर बना रहे, इसके लिये जनता की भागीदारी जरूरी है।
पत्र के माध्यम से क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के.एस. भदौरिया का ध्यान आकृष्ट कराते हुये 29 सितम्बर की बैठक का हवाला दिया गया है, जिसमें यह तय हुआ था कि 5 नवम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के संबंध में फ्रैंड्स ऑफ पन्ना के सदस्यों को जानकारी दी जायेगी। राजमाता ने अफसोस जताया कि पार्क प्रबन्धन की ओर से आज दिनांक तक इस संबंध में कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई। उन्होंने प्रबन्धन का ध्यान आकृष्ट कराते हुये याद दिलाया कि पन्ना में उजड़ चुका बाघों का संसार फिर से आबाद हो सका, इसके पीछे पन्ना के लोगों का सहयोग व सक्रिय सहभागिता मुख्य वजह है। जिसे दृष्टिगत रखते हुये कामयाबी के दशक का जश्न सबकी भागीदारी में भव्यता के साथ हो, ऐसी हमारी मंशा है। पत्र सौंपने वालों में राजमाता दिलहर कुमारी के साथ राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के पूर्व सदस्य हनमंत सिंह , पत्रकार अरूण सिंह  व समाजसेवी एवं अधिवक्ता अंकित शर्मा मुख्य रूप से शामिल रहे।
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