- खेतों में प्रदर्शित धान की 200 प्रकार की किस्में रहेंगी आकर्षण का केन्द्र
- पर्यावरण संरक्षण में देसी अनाजो की भूमिका विषय पर होगी परिचर्चा
खेत में प्रदर्शित देशी धान की विविध किस्में। |
जिला मुख्यालय सतना से 20 किलो मीटर दूर स्थित पिथौराबाद में आगामी 12 अक्टूबर को वहां की जैव बिबिधता प्रवंधन समिति व समाज सेवी संस्था सर्जना सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच के संयुक्त तत्वावधान में सामुदायिक बीज बैंक परिसर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन होगा। समिति के अध्यक्ष बाबूलाल दाहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस आयोजन में संस्था द्वारा संरक्षित तथा खेतो में प्रदर्षित 200 प्रकार की धान जहाँ आकर्षण का केंद्र होगी वहीं देशी गेंहू, सब्जियों ,मोटे अनाजो, दलहन, तिलहन एवं औषधीय पौधों की भी प्रदर्शिनी लगेगी।
श्री दाहिया ने बताया कि जिस प्रकार आज सारा विश्व ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के संभावित खतरे से भयभीत है ,यह परम्परागत फसलें ही उससे मुक्ति दिला सकती हैं। आपने बताया कि हजारों वर्षो से यहां की जलवायु में उगते - उगते देशी अनाज की इन किस्मों ने उस परिस्थितकी मे अपने को ढाल लिया है। यही वजह है कि कम पानी, कम वर्षा और ओस में भी ये किस्में पक जाती हैं। जिससे प्रकृति के ऊपर उनका कोई बिपरीत असर नहीं पड़ता। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के जाने माने कृषक, कृषि बैज्ञानिक, वन अधिकारी और पर्यावरण विद तो सामिल होंगे ही ,जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर के भी कार्यक्रम में शामिल होने की पूरी सम्भावना है। इस कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण में देसी अनाजो की भूमिका और प्रकृति के साथ उनका अंतर सम्बन्ध विषय पर एक परिचर्चा भी आयोजित होगी जिसमें विद्वतजन अपने - अपने बिचार प्रस्तुत करेंगे। आयोजन समिति ने प्रगलिशील कृषकों एवं पर्यावरण प्रेमियों से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया है।
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