- अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव में उमड़े हजारों श्रद्धालु
- पंचमी तक चलेंगी जागिनी रास की लीलायें
- देश-विदेश से पन्ना धाम पहुँचे हजारों तीर्थयात्री
बृह्म चबूतरे पर श्री बंगला जी मन्दिर से रासमण्डल के लिये जाती श्रीजी की सवारी। |
अरुण सिंह, पन्ना। प्रणामी सम्प्रदाय के प्रमुख तीर्थ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में आज अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। अखण्ड मुक्तिदाता निष्कलंक बुद्ध अवतार श्री प्राणनाथ जी 5 दिनों तक चलने वाले इस महारास में सुन्दरसाथ के साथ साक्षात उन्हें रासमण्डल में परमधाम के वास्तविक सुख व अध्यात्मिक द्रष्टिकोण से रत करते हुये उनका जीवन धन्य करेंगे।शरदपूर्णिमा के अवसर पर पचास हजार से अधिक सुन्दरसाथ व नगरवासियों ने श्री जी को निहारकर अपने नैनों को तृप्त किया। जैसे ही मध्य रात्रि में बंगला जी दरबार साहब से श्री जी की सवारी रासमण्डल के लिये निकली वैसे ही रास के रचइया की, श्री प्राणनाथ प्यारे के जयकारों से पन्ना नगरी गूंज उठी।
प्रणामी धर्म का सबसे पवित्र धाम श्री गुम्बट जी मन्दिर जिसका प्रांगण बृह्म चबूतरा (रास मण्डल) कहा जाता है। क्योंकि यहीं पर श्री प्राणनाथ जी ने अपने परम स्नेही सुन्दरसाथ जी को श्री राज जी-श्यामा जी की अलौकिक अखण्ड रासलीला, जागिनी रास का दर्शन कराया था। इसीलिये इसे जागिनी लीला भी कहा जाता है। उसी समय से अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा महोत्सव का यहां पर बड़े ही धूमधाम और भक्ति भाव के साथ आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु यहां विराजमान साक्षात अक्षरातीत पूर्णबृह्म के अलौकिक रास के आनंद में सराबोर होते हैं। रविवार पूनम की रात जैसे ही श्रीजी की भव्य सवारी बंगला जी दरबार साहब से रासमण्डल में आई तो वहां उपस्थित हजारों सुन्दरसाथ अपने पिया के साथ प्रेम रंग में डूब गये। यह अखण्ड रास का आयोजन पांच दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय शरदपूर्णिमा उत्सव के रूप में रात-दिन चलेगा।
बृह्म चबूतरे में रामत गाते सुन्दरसाथ व उपस्थित श्रद्धालुगण। |
इस महोत्सव में प्रणामी धर्म के सभी गादीपति, धर्मगुरू व संतगण उपस्थित रहकर कार्यक्रम में शामिल होते हैं। सर्वप्रथम श्री बंगला जी मन्दिर में सेवा, पूजा व आरती हुई। तत्पश्चात श्री राज जी महाराज के दिव्य सिंहासन को मन्दिर के पुजारियों द्वारा अपने कंधों पर लेकर श्री प्राणनाथ जी के जयघोष के साथ शोभयात्रा रात्रि ठीक 12 बजे निकली। शोभायात्रा निकलते ही उपस्थित हजारों की संख्या में प्रणामी धर्मावलम्बी सुन्दरसाथ की भावनायें व उत्साह कुछ ऐसा दिखा जैसे कि श्री प्राणनाथ जी स्वयं पालकी में विराजमान हों। शोभायात्रा बृह्म चबूतरे पर ही स्थित रासमण्डल में पधराई गई। श्री राज जी की शोभयात्रा की एक झलक पाने के लिये लगभग पचास हजार से अधिक सुन्दरसाथ क्षणिक दर्शन पाने के लिये बेताब दिखे जो कभी श्री प्राणनाथ जी ने साक्षात जागिनी लीला कर इसी बृह्म चबूतरे में सुन्दरसाथ को दिखाया था। देश के कोने-कोने से आये सुन्दरसाथ पारम्परिक वेशभूषा में सुसज्जित अपनी-अपनी बोलियों में भजन-कीर्तन करते नजर आये।
सफाई कार्य में जुटे रहे नपा के सफाई कर्मी
इस वर्ष इतनी अधिक भीड होने के बावजूद भी कहीं भी गन्दगी नजर नहीं आई। कारण यह था कि नगरपालिका के सफाई कर्मी रात-दिन सजग रहे जिस कारण से मन्दिर परिसर और उसके चारों ओर कहीं भी गन्दगी नाम की चीज नहीं दिखी। नगरपालिका अध्यक्ष मोहनलाल कुशवाहा व सीएमओ ओ.पी. दुबे की संवेदनशीलता के कारण इस वर्ष चहुँओर साफ - सफाई नजर आई। सफाई कर्मियों की इस महोत्सव में सफाई के प्रति लगनशीलता को देखते हुये स्थानीय लोगों सहित दूर-देश से आये हुये लोगों ने भी तहेदिल से आभार व्यक्त किया।श्री जुगल किशोर जी मन्दिर में भी रही शरद पूर्णिमा की धूम
पन्ना के सुप्रसिद्ध श्री जुगल किशोर जी मन्दिर में भी शरदपूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी रही। सुबह से ही नगर सहित आस-पास के ग्रामों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का पहुँचना शुरू हुआ जो रात 10 बजे तक जारी रहा। मन्दिर समिति के सदस्य जगदीश नामदेव ने बताया कि शरदपूर्णिमा के दिन महिलायें उपवास रखतीं हैं। जिसके अन्तर्गत भोग के रूप में 750 ग्राम खोवा के पेड़े बनाये जाते हैं जिसको 6 भागों में बाँटकर करके महिलायें श्री किशोर जी मन्दिर में राधिका रानी को सखी भाव से एक भाग अर्पित करतीं हैं। बताया जाता है की दोपहर से ही शुरू होता है। राधा रानी को एक भाग अर्पित करने के बाद एक भाग प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण कर उपवास पूरा करतीं हैं। इसके अलावा शेष बचे भाग में से एक भाग गाय, एक पति, एक गर्भवती महिला, एक तुलसी को अर्पित कर शरदपूर्णिमा का व्रत पूरा किया जाता है।
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