Monday, October 14, 2019

जागनी रास के उल्लास में रात भर झूमे सुन्दरसाथ

  •   अन्तर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में गरबा नृत्य की रही धूम
  •   सांस्कृतिक विविधता के साथ प्रेम और भक्ति का दिखा समागम


 जागिनी की रात के बाद ढोल-मंजीरा के साथ भजन-कीर्तन करते हुये श्रद्धालु।
         
अरुण सिंह,पन्ना। अन्तर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में सांस्कृतिक विविधता के साथ प्रेम और भक्ति का अनूठा समागम देखने को मिला। प्रणामी सम्प्रदाय के इस प्रमुख तीर्थ में देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालुओं ने शरद पूॢणमा की रात गरबा नृत्य में लीन होकर आनन्द रस का पान किया। आकर्षक परिधानों से सुसज्जित युवक व युवतियों द्वारा प्रस्तुत गरबा नृत्य समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहा। जागनी रास के उल्लास में सभी सुन्दरसाथ पूरी रात आनन्द मग्न होकर झूमते और नाचते रहे। इस दौरान ऐसा आभास होता रहा मानो साक्षात बृज के बाल-गोपाल श्रीकृष्ण अपनी अखण्ड शक्तियों के साथ प्राणनाथ जी के स्वरूप को पुन: भक्तों के दिलों में उसी तरह से प्रकाशित कर रहे हैं जैसे सैकड़ों वर्ष पहले हुआ था।
उल्लेखनीय है कि पन्ना धाम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा उत्सव में जहां धर्माचार्यों द्वारा धर्म का मार्ग बताया जा रहा है तो वहीं नन्हें-मुन्हें बच्चों द्वारा श्री कृष्ण की लीलाओं पर नृत्य किये जा रहे हैं तो महामति की वाणी पर आधारित गायन देश के ख्याति प्राप्त गायकों द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रणामी समाज के युवक व युवतियों द्वारा भी शानदार रास गरबे की प्रस्तुतियां दी जा रहीं हैं। विश्व प्रसिद्ध श्री प्राणनाथ जी मदिर पन्ना में रात-दिन धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है। विदित हो कि शरद पूर्णिमा की रात महामति की शोभायात्रा बंगला जी दरबार से रासमण्डल पहुंची उसके बाद शुरू हुआ अन्तर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया, उक्त कार्यक्रम पंचमी तक चलेगा। जिसमें रात-दिन धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ रास, गरबा के मुख्य कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जागिनी रात की सुबह ग्रामीण क्षेत्रों से आये सुन्दरसाथ अपने सुर-ताल व ढोलक-मंजीरों के साथ बृह्म चबूतरे के प्रांगण में भजन-कीर्तन में मस्त दिखे। इन मण्डलियों में नर-नारी व बच्चे सभी शामिल रहे और महामति श्री प्राणनाथ जी की वाणी पर आधारित भजन-कीर्तन सुर-ताल के साथ गाते दिखे। बीच-बीच में उनके साथी भाव-विभोर होकर नाचने और गरबा करने में मग्न दिखे।
00000

No comments:

Post a Comment