- आगामी 10 वर्षों की पेयजल आवश्यकता को ध्यान में रखकर बनेगी योजना
- पेयजल की आपूर्ति करने वाले तीन तालाबों का कलेक्टर ने किया निरीक्षण
- किलकिला फीडर नहर का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराने अधिकारियों को दिये निर्देश
।। अरुण सिंह ।।
पन्ना। शहर को पेयजल उपलब्ध कराने वाले प्राचीन जलाशयों धरम सागर, निरपत सागर एवं लोकपाल सागर को अतिक्रमण से मुक्त कर उनके संरक्षण और सौंदर्यीकरण की पहल शुरू की गई है। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर गुरुवार को निरीक्षण किया गया। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ किलकिला फीडर का सबसे पहले जायजा लिया। उन्होंने किलकिला फीडर की नहर का निरीक्षण करने के उपरान्त निर्देश दिये कि नहर का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाये।
नहर का जितना भी खुला भाग है उसका निर्माण कार्य प्रथम चरण में कर लिया जाये। उन्होंने इस अवसर पर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन बी.एल. दादौरिया, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं तकनीकी अधिकारियों को निर्देश दिये कि नगर को आगामी 10 वर्षो की पेयजल आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये तालाबों के जल भण्डारण की कार्ययोजना बनाई जाये। इसके अलावा ग्रीष्मकाल में तालाबों के जल स्तर के नीचे जाने पर तालाबों में जल भण्डारण किये जाने की कार्ययोजना बनायें।
धरम सागर तालाब का निरीक्षण करने के उपरान्त कलेक्टर ने निर्देश दिये कि तालाब में दूषित पानी न आये इसके लिये जरूरी कार्यवाही की जाये। तालाब में जल भण्डारण क्षमता बढ़ाये जाने एवं जल संरक्षण क्षेत्र से पर्याप्त जल आ सके इसके संबंध में कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी जाये। उन्होंने धरम सागर तालाब के पीछे स्थित मुक्ति धाम को विकसित करने के साथ आकर्षक बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि मुक्तिधाम में सुविधाओं का विकास किया जाये।
धरम सागर तालाब का निरीक्षण करने के उपरान्त कलेक्टर ने निर्देश दिये कि तालाब में दूषित पानी न आये इसके लिये जरूरी कार्यवाही की जाये। तालाब में जल भण्डारण क्षमता बढ़ाये जाने एवं जल संरक्षण क्षेत्र से पर्याप्त जल आ सके इसके संबंध में कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी जाये। उन्होंने धरम सागर तालाब के पीछे स्थित मुक्ति धाम को विकसित करने के साथ आकर्षक बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि मुक्तिधाम में सुविधाओं का विकास किया जाये।
उन्होंने निरपत सागर तालाब का निरीक्षण करते हुये कहा कि तालाब से कृषि की सिंचाई के लिये पानी का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाये। तालाब की भण्डारण क्षमता को बढ़ाया जाये। जिससे नगर को लम्बे समय तक जल की आपूर्ति की जा सके। तालाब पर जलशोधन यंत्र स्थापित करने की कार्ययोजना बनाई जाये। ग्रीष्मकाल में इस तालाब के खाली होने पर इसमें जल के पुनर्भण्डारण के लिये कार्ययोजना बनाई जाये। तालाब की भूमि एवं जल संग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण चिन्हित कर हटाने की कार्यवाही की जाये।
उन्होंने लोकपाल सागर तालाब का निरीक्षण करते हुये कहा कि तालाब में अधिक से अधिक पानी आ सके इसके लिये किलकिला फीडर नहर के अलावा अन्य उपायों पर भी विचार किया जाये। यदि वर्तमान क्षमता से अधिक जल भण्डारण के लिये मिल सकता है तो इस तालाब की भी जल भण्डारण क्षमता को बढ़ाये जाने की कार्ययोजना तैयार की जाये।
कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा किलकिला फीडर की नहर एवं तालाबों के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये गये कि तालाबों के जल संग्रहण क्षेत्रों एवं भण्डारण क्षेत्रों में अतिक्रमण हो तो उसे हटाने की कार्यवाही की जाये। जिससे तालाबों में वर्षा के मौसम में सम्पूर्ण क्षमता के साथ तालाबों को भरा जा सके। आगामी एक सप्ताह के अन्दर कार्ययोजनायें तैयार कर प्रस्तुत की जायें। जिससे शासन को स्वीकृति एवं बजट आबंटन के लिये लिखा जा सके।
जीवन का आधार हैं प्राचीन तालाब
राजाशाही जमाने में निॢमत पन्ना शहर के तीनों प्रमुख तालाब नगरवासियों के जीवन का आधार हैं। इन्हीं तालाबों से नगर में पेयजल की आपूॢत होती है। लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते अतिक्रमण का जाल फैलने से इन उपयोगी तालाबों का मूल स्वरूप तहस-नहस हो गया है। शहर के निकट सॢकट हाऊस वाली पहाड़ी की तलहटी में स्थित प्राचीन धरमसागर तालाब भी बुरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। इस तालाब के सौन्दर्यीकरण व इसे अतिक्रमण मुक्त करने के लिये अनेकों बार प्रयास हुये लेकिन दृढ़़ इच्छा शक्ति के अभाव में कामयाब नहीं हुये।कुछ दशकों पूर्व तक जिस तालाब में अथाह कंचन जल भरा रहता था और इस पानी से नगरवासियों की प्यास बुझती थी वह उपयोगी धरमसागर तालाब न सिर्फ अतिक्रमण से ग्रसित है अपितु उसमें गन्दगी भी पहुँच रही है। कमोवेश यही स्थिति लोकपाल सागर व निरपत सागर तालाब की भी है। जिले के प्रशासनिक मुखिया ने इन प्राचीन धरोहरों के संरक्षण व उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने के लिये शुरू की गई पहल निश्चित ही सराहनीय है। लेकिन यह पहल अंजाम तक पहुँचे नगरवासी इसकी कामना करते हैं ताकि शहर को पेयजल संकट से निजात मिल सके।
मिली स्मार्ट सिटी योजना के तहत पन्ना शहर के प्रमुख मन्दिरों का सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा। नगर के 5 मन्दिरों में होने वाले सौन्दर्यीकरण एवं सुविधा विकास के कार्यो के संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा श्री जुगल किशोर मन्दिर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि मन्दिर के सामने स्थापित दुकानों को हटाया जाये। जिससे मन्दिर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत मन्दिरों का होगा सौन्दर्यीकरण
मिली स्मार्ट सिटी योजना के तहत पन्ना शहर के प्रमुख मन्दिरों का सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा। नगर के 5 मन्दिरों में होने वाले सौन्दर्यीकरण एवं सुविधा विकास के कार्यो के संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा श्री जुगल किशोर मन्दिर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि मन्दिर के सामने स्थापित दुकानों को हटाया जाये। जिससे मन्दिर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मन्दिर के सामने की ओर मुख्य मार्ग का अतिक्रमण हटाकर दुपहिया वाहन पाॄकग व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि मन्दिर की दीवारों को जिस कलर से पोता जाये उसी कलर से मन्दिर के चारों ओर के मकानों को पोता जाये। जिससे मन्दिरों के आस-पास और मन्दिर को आकर्षक बनाया जा सके। मन्दिर के बाउण्ड्रीवाल पर भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से संबंधित चित्रों का चित्रांकन किया जाये। मन्दिर परिसर में जो भी निर्माण कार्य किया जाये। वह पूरी तरह से व्यवस्थित एवं भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये कराया जाये। उन्होंने मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तकनीकी अधिकारियों को निर्देश दिये कि मन्दिर सौन्दर्यीकरण से संबंधित कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।
जिले में मौजूद हैं पर्यटन विकास की अपार संभावनायें: कलेक्टर
भव्य विशाल मन्दिरों, खूबसूरत जंगल और खनिज सम्पदा से समृद्ध पन्ना जिले में पर्यटन विकास की अपार संभावनायें मौजूद हैं। इन संभावनाओं को साकार रूप देने तथा पन्ना को पर्यटक जिला बनाने के लिये लोगों को आगे आना चाहिये। यह बात पर्यटन एवं इतिहास की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों की आयोजित बैठक में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कही। बैठक में चर्चा के दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि जिले में विशाल एवं भव्य मन्दिर हैं इसके अलावा ऐतिहासिक इमारतें, प्राकृतिक स्थल एवं हीरा उत्खनन, रॉक पेन्टिंग आदि के क्षेत्र पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये पर्याप्त हैं। इन सब की जानकारी एकत्र कर पर्यटकों को पहुँचाने की आवश्यकता है। इस सबके लिये जिले के प्रबुद्धजनों को आगे आना चाहिये।मेरे द्वारा प्रशासनिक स्तर पर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के साथ भी बैठक आयोजित कर चर्चा की गई है। उनके द्वारा इसके लिये आवश्यक सहयोग प्रदान किया जायेगा। जानकारियां एकत्र कर एक सचित्र पुस्तक तैयार की जानी है। जिससे इसे प्रदेश के पर्यटन स्थलों तक पहुंचाया जाये। इस पुस्तक से जानकारी प्राप्त कर पर्यटक धीरे-धीरे पन्ना जिले में आना प्रारंभ हो जायेंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से जिले में व्यवसाय बढ़ेगा। आगे चलकर लोग यहां पर व्यवसाय के रूप में पर्यटन को अपनायेंगे। जिससे जिले का नाम ही नही विकास भी होगा।
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