- उदयपुर की बन्द पड़ी खदान से भी निकाली जा रही है रेत
- माफियाओं ने रेत की निकासी हेतु जेसीबी से बनवाया मार्ग
अजयगढ़/पन्ना। जिले के अजयगढ़ क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर फिर शुरू हो गया है। बन्द पड़ी रेत खदानों से बिना अनुमति और मंजूरी के धड़ल्ले के साथ रेत निकाली जा रही है। उदयपुर रेत खदान वैधानिक रूप से दो वर्ष पूर्व शिवा कारपोरेशन होशंगाबाद ने सरेंडर कर दिया था और इसकी रॉयलटी जमा करना बन्द कर दिया था। दो वर्षों से यह रेत खदान वैधानिक रूप से बन्द थी इसके बावजूद इस बन्द पड़ी रेत खदान से रेत निकलती रही है। इस खदान से चोरी करके अवैध रूप से रेत निकालने का सिलसिला पिछले वर्ष भी पूरे वर्ष चलता रहा। परंतु इस बार दबंग रेत माफियाओं ने नियम कानून को तांक में रखकर यहां वैधानिक खदान की तर्ज पर रेत निकालना शुरू कर दिया है। अवैध कारोबार में लिप्त लोगों द्वारा बकायदे गांव से लेकर नदी तक के रास्ते की मरम्मत कराकर जेसीबी मशीनों के उपयोग से बारिश में खराब हुये रास्ते को दुरुस्त किया गया है।
दीपावली के समय यह सारा काम रेत माफिया करते रहे और दोज के मूहर्त में यहां से पाँच छ: ट्रक रेत की बिक्री भी की, जिसके अवशेष मौके पर हैं। रात दिन नदी से ट्रैक्टरों के माध्यम से यह रेत निकालते हंै और ट्रक के पहुँच मार्ग पर एकत्रित करते हैं। रात होते ही ट्रक व डम्फरो में यह भरकर बेंचने के लिये गंतव्य स्थान की ओर रवाना हो जाते हैं। इतना सब होने के बाद भी पुलिस व राजस्व तथा खनिज विभाग अंजान बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि उदयपुर खदान से रेत चोरी की शिकायतें नहीं आई, शिकायतों पर कई बार कार्यवाही भी की गई है। परंतु इस बार जिस दबंगई से इन रेत माफियाओं ने काम करना शुरू किया है, उससे ऐसा लगता है कि इन्हें शासन और प्रशासन का कोई भय नहीं है। जबरदस्ती किसानों के खेतों पर ट्रेक्टरों द्वारा रेत डाल देते है। किसानों के मना करने पर यह लड़ाई झगड़ा करने पर आमादा हो जाते हैं। रात होते ही रेत के काले कारोबार का खेल शुरू होता है। रात को 9-10 बजे के बाद से सुबह 5 बजे तक यह रेत माफिया जगह-जगह से रेत चोरी कर ट्रको में भरवाकर बेंचते हैं।
ऐसा उदयपुर भर में नहीं हो रहा है, यह तुरकातरी, बरकोला, मुहाना व उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुये बिहरपुरवा, चाँदीपाठी, भीना, खरौनी, रामनयी, सभी स्थानों से प्रतिदिन सैकड़ो की तादाद में ट्रक भरकर पन्ना, देवेंद्रनगर,नागौद, सतना एवं उत्तर प्रदेश को जाते हंै। अभी उदयपुर में ही देवी मन्दिर के समीप एवं नदी के रास्ते के खेतों पर कई ट्रक रेत एकत्रित कर ली है। यहां से विक्रय भी की जा रही है। जिनके निजी खेतों से होकर नदी तक का रास्ता बनाया गया है, उनके खिलाफ प्रशासन क्यों सख्त कार्यवाही नहीं करता।
निजी खेत वाले स्वयं रेत की चोरी करते हैं व दूसरे ट्रेक्टर वालों से प्रति चक्कर के हिसाब से पैसा भी वसूल करते हैं। अगर इन निजी खेत मालिकों के खिलाफ कार्यवाही हो तो वे अपने खेतों से रास्ता बनाने के लिये सहमत न हों परिणामस्वरूप उदयपुर की रेत चोरी रोकी जा सकती है।
इनका कहना...
0 आपके द्वारा मुझे अवगत कराया गया है। मैं राजस्व अमले को भेजकर इसकी तस्दीक करवाऊँगा। सही पाये जाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी व अवैध उत्खनन परिवहन कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। रेत का कारोबार वैधानिक रूप से शासन की मंशा मुताबिक ही होगा।
एस.के. गुप्ता, एसडीएम अजयगढ़
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