Sunday, December 1, 2019

जबलपुर में आयोजित हो रहा तीन दिवसीय ओशो महोत्सव

  • राज्य शासन के आध्यात्म विभाग द्वारा हो रहा यह अनूठा समारोह 
  • महोत्सव में देश-विदेश के हजारों ओशो प्रेमी होंगे शामिल 



प्रदेश ही नहीं देश में  यह पहला अवसर है जब शासन स्तर पर तीन दिवसीय ओशो महोत्सव के आयोजन की अभिनव पहल हुई है, निश्चित ही इसके लिए प्रदेश सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री कमलनाथ साधुवाद के पात्र हैं। जिन्होंने ओशो जैसे बुद्धपुरुष की देशनाओं को न सिर्फ समझा अपितु उसे जीवन में उतारने का साहस भी किया है। जबलपुर से ओशो का गहरा नाता रहा है, इसलिए यहाँ पर ओशो महोत्सव के आयोजन का निर्णय सराहनीय और स्वागत योग्य है।
मालुम हो कि ओशो एक ऐसे अनूठे रहस्यदर्शी हैं जो अपने समय से बहुत पहले भारत में जन्मे और खूब तेजी से पूरे विश्व के मनस-पटल पर छा गए। प्रारंभ में, इसका मुख्य कारण था ओशो के वे वक्तव्य जो हर किसी को विवादास्पद लगते थे, जिन्हें पढ़-सुन कर देश का बुद्धिजीवी वर्ग तिलमिला उठता था, बौखला उठता था । लोग जितना तिलमिलाते या बौखलाते उतना ही ओशो द्वारा उन्हें उकसाना और भड़काना तीव्र हो जाता था। ओशो का उद्देश्य किसी को सांत्वना देना नहीं था, वह कार्य तो इस देश के परंपरावादी,ढोंगी-पाखंडी महात्मा, पादरी-पुरोहित तथा समाज-सेवक सदा से करते आ रहे थे। ओशो का उद्देश्य था देश की और अंतत: पूरे विश्व की चेतना को जाग्रत करना, झकझोरना, बासी और अवरुद्ध हो गयी चिंतन की धाराओं को पुनः प्रवाहमान करना-यह कार्य ओशो ने जीवन के सभी तलों पर किया, सभी आयामों में किया। ओशो के प्रारंभिक प्रवचनों में भारत के जलते प्रश्न,  भारत गांधी और मैं, अस्वीकृति में उठा हाथ, समाजवाद से सावधान, ऐसी प्रवचनमालाएं देश की सोई हुई चेतना में क्रांति की लहर पैदा कर रही थीं, इनका उद्देश्य था कि सबसे पहले देश की आर्थिक समृद्धि में गति आए, उसके लिए सदियों से चले आ रहे दरिद्रनारायण और बाद में आए गांधीवादी चिंतन से मुक्त करके वैज्ञानिक बुद्धि को विकसित करना आवश्यक हो गया था। तत्कालीन युवा वर्ग में ओशो के ऐसे प्रवचनों का अभूतपूर्व प्रभाव हुआ, यद्यपि पुरानी सोच वाले परएंगावादी नेता और महात्मा काफी बौखलाए और सक्रिय रूप से ओशो के कार्य-विस्तार में बाधाएं खड़ी करने लगे। लेकिन, ओशो का जीवन-दर्शन युग की आवश्यकता थी, इसलिए ओशो के विरोधी कोई बहुत सफल नहीं हुए, ओशो की विचारधारा द्रुत गति से फैलती गयी।

 ओशो महोत्सव की तैयारियों को लेकर कलेक्टर ने ली बैठक



ओशो रजनीश की कर्मस्थली रहे जबलपुर में उनके जन्म दिवस पर 11 दिसंबर से तीन दिवसीय ओशो महोत्सव के आयोजन की तैयारियों को लेकर  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रशासन के अधिकारियों एवं ओशो के अनुयायियों की बैठक संपन्न हुई । कलेक्टर श्री भरत यादव ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए जबलपुर की ख्याति के अनुरूप ओशो महोत्सव के भव्य और गरिमामय आयोजन के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं ।
        बैठक में बताया गया कि आचार्य रजनीश के जन्म दिवस पर 11, 12 और 13 दिसंबर को ओशो महोत्सव का आयोजन राज्य शासन के आध्यात्म विभाग द्वारा जिला प्रशासन एवं जबलपुर टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल के सहयोग से तरंग आडिटोरियम में किया जायेगा ।  राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम में देश-विदेश से बड़ी संख्या में ओशो भक्त शामिल होंगे ।  इसके साथ ही ख्यातिलब्ध साहित्यकार, कथाकार, संगीतकार, पटकथा लेखक, फिल्म निर्माता एवं निर्देशक तथा कविगण भी ओशो महोत्सव में शामिल होंगे तथा ओशो के विचारों पर आधारित गोष्ठियों में भाग लेंगे ।  ओशो महोत्सव के दौरान तरंग आडिटोरियम के समीप एमपीईबी के पाण्डुताल मैदान पर प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे ।  महोत्सव के दौरान ओशो ट्रेल का आयोजन भी होगा ।
        कलेक्टर श्री यादव ने बैठक में ओशो महोत्सव में शामिल होने जबलपुर आने वाले सभी अतिथियों के लिए ठहरने, भोजन एवं आवागमन की समुचित व्यवस्थायें करने के निर्देश दिये । उन्होंने ओशो महोत्सव को जबलपुर एवं इसके आसपास के ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों से भी जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया । ताकि आचार्य रजनीश से जुड़े स्थलों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले ओशो भक्त जबलपुर के ऐतिहासिक स्थलों एवं प्राकृतिक सौंदर्य का भी अवलोकन कर सकें और जबलपुर की अच्छी छवि लेकर यहां से वापस    जायें । श्री यादव ने बैठक में आयोजन स्थल के आसपास साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश एवं सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये ।  उन्होंने जबलपुर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में ओशो महोत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की बात भी कही ।  श्री यादव ने बैठक में मौजूद ओशो भक्तों से महोत्सव के सफल आयोजन के लिए प्रशासन के अधिकारियो से निरंतर संपर्क में रहने तथा व्यवस्थाओं में सहयोग करने का आग्रह किया ।  उन्होंने कहा कि ओशो महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले ओशो भक्तों, ख्यातिलब्ध कलाकारों एवं विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन की सूचना समय रहते प्रशासन को दे दी जाये ताकि उनकी गरिमा के अनुरूप आवागमन एवं ठहरने की व्यवस्थायें की जा सकें ।  कलेक्टर ने ओशो महोत्सव के सफल आयोजन के लिए जबलपुर के ओशो अनुयायियों से स्वागत, परिवहन, आवास, भोजन व्यवस्था के लिए अलग-अलग समितियां गठित करने की बात भी कही ।  बैठक में जिला पंचायत के सीईओ प्रियंक मिश्रा, अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश त्रिपाठी, नगर निगम के अपर आयुक्त रोहित कौशल, जेटीपीसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत सिंह एवं जबलपुर होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद थे ।
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