- पन्ना-अमानगंज रोड पर हो रही सर्वाधिक दुर्घटनायें
- तेज-रफ्तार वाहनों से सड़क पार करने वाले वन्य जीव होते हैं शिकार
अरुण सिंह,पन्ना। सड़क मार्गों पर तेज रफ्तार से जाने वाले वाहन वन्य प्राणियों के लिये यमराज साबित हो रहे हैं। पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर व बफर क्षेत्र से होकर गुजरने वाले मार्गों पर आये दिन दुर्घटनायें हो रही हैं, फलस्वरूप वन्य प्राणी असमय काल कवलित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा हादसे पन्ना टाईगर रिजर्व के कोर एवं बफर क्षेत्र के बीच से निकलने वाले राजमार्ग 47 पन्ना से अमानगंज के बीच होते हैं। इसके अलावा पन्ना-छतरपुर मार्ग में भी तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर वन्य प्राणी हादसे का शिकार होते हैं जिससे उनकी मौत तो होती ही है, वाहनों में सवार लोग भी जख्मी हो जाते हैं। आये दिन होने वाली इन सड़क दुर्घटनाओं के बावजूद वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिये कोई ठोस पहल नहीं की जा रही, परिणामस्वरूप हादसो का सिलसिला यथावत जारी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राजा बरिया कैम्प के पास एक नीलगाय तेज रफ्तार कार की चपेट में उस समय आ गई जब वह सड़क पार कररही थी। इस हादसे में नीलगाय की जहां मौत हो गई, वहीं कार भी दुर्घटनाग्रस्त हुई। इसी तरह गत 13 दिसम्बर को रमपुरा बैरियर के पास इसी मार्ग में किसी अज्ञात वाहन द्वारा पुन: एक नीलगाय को टक्कर मारी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस तरह से होने वाली वाहन दुर्घटना में जहां वन्य प्राणियों की मौतें हो रही हैं, वहीं हर समय जन हानि की भी संभावना बनी रहती है। मालुम हो कि पन्ना-अमानगंज मार्ग पर बाघों की मौजूदगी भी कई बार दर्ज हुई है। कोर क्षेत्र से लगे होने के कारण कई बार बाघ कोर से बफर क्षेत्र के जंगल में सड़क पार कर जाते हैं। ऐसी स्थिति में बाघों सहित वन्य प्राणियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये पार्क प्रबन्धन द्वारा वाहन चालकों को सावधानीपूर्वक धीमी गति से वाहन चलाने की न सिर्फ समझाईश दी जाती है अपितु सड़क मार्ग पर कई जगह इस बावत साईन बोर्ड भी लगाये गये हैं। वन्य प्राणियों की मौजूदगी वाले इस मार्ग पर अधिकतम 20 किमी प्रति घण्टे की रफ्तार से वाहन चलाना सुरक्षित है, जिसे सभी वाहन चालकों को अपनाना चाहिये। ताकि वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ-साथ वे भी सुरक्षित रहें।
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