Thursday, December 5, 2019

कटर्रा पंचायत की रेत खदान का माफिया कर रहे संचालन

  •   भारी भरकम मशीनों से रून्ज नदी को किया जा रहा खोखला
  •   नई रेत नीति व शासन की मंशा की उड़ रही हैं धज्जियां



अजयगढ़/पन्ना। प्रदेश शासन द्वारा जनता को आवश्यकता के अनुरूप सस्ती रेत सुलभ कराने की मंशा से पंचायतों को रेत खदानों का आबंटन किया गया था। लेकिन इन रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा न किया जाकर उन्हें रेत माफियाओं के हवाले कर दिया गया है। नतीजतन भारी भरकम मशीनों से नदियों को खोखला किया जा रहा है। 

जिले की अजयगढ़ तहसील अन्तर्गत रून्ज नदी में ग्राम पंचायत कटर्रा को स्वीकृत रेत खदान इसका जीता जागता उदाहरण है। यह खदान उ.प्र. के खनन माफिया बेखौफ होकर मनमाने ढंग से चला रहे हैं। भारी भरकम मशीनों द्वारा नदी के प्रवाह क्षेत्र से रेत निकालकर उ.प्र. भेजी जा रही है। नियम कानून व शासन द्वारा बनाई गई नीति का खुलेआम उलंघन कर माफियाओं द्वारा जिस तरह से बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है उसको लेकर अंचल के लोगों में भारी असंतोष और आक्रोश है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी रेत माफियाओं की मनमानी पर अंकुश लगाने के बजाय चुप्पी साधे हुये हैं। यह रेत खदान धरमपुर क्षेत्र में बहने वाली रून्ज नदी पर संचालित है।


उल्लेखनीय है कि कटर्रा की रेत खदान ग्राम पंचायत के नाम चालू की गई थी जिसे उत्तर प्रदेश के रेत माफियाओं के हवाले कर दिया गया है। इस रेत खदान में ग्राम पंचायत का कोई हस्तक्षेप नहीं है ऐसी स्थिति में पन्ना जिले की जनता को सरलता से रेत की उपलब्धता नहीं हो रही, नदी की रेत मनमानी कीमत पर उत्तर प्रदेश को बेंची जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 10 चके ट्रक के 14,000 रुपये, 12 चके ट्रक के 18,000 रुपये में बिना रोक-टोक बेंची जा रही है। जबकि पिट पास ग्राम पंचायत को जारी हो रहे हैं।

रेत माफिया स्थानीय प्रशासन से सांठगांठ कर भारी भरकम मशीनों से रून्ज नदी का सीना छलनी कर मनमाने तौर पर अवैध उत्खनन कर रहे हैं। पूरी नदी में कई मशीनें उत्खनन कर रही हैं। कटर्रा ग्राम पंचायत क्षेत्र में रून्ज नदी में जहां तक रेत नजर आती है, वहां मशीनों द्वाराअवैध उत्खनन कर सैकड़ों ट्रको में रेत भरने का कार्य किया जा रहा है। पंचायत की खदान की सीमाओं का निर्धारण किये बिना कई किमी में अवैध उत्खनन बिना किसी रोक-टोक के स्थानीय प्रशासन की मर्जी से जारी है।

मालुम हो कि शासन द्वारा ग्राम पंचायत को पिटपास जारी करने के लिये गोपनीय पासवर्ड प्रत्येक ग्राम पंचायत की रेत खदानों को जारी किये गये हैं। परन्तु यह गोपनीय पासवर्ड ग्राम पंचायत कटर्रा द्वारा उत्तर प्रदेश के रेत माफियाओं को दे दी गई हैं, जिसका उपयोग रेत माफिया कर रहे हैं। कटर्रा गाँव के पास बड़ेछा पुल के ऊपर उत्तर प्रदेश की सीमा पर अपना टेंट लगाकर कटर्रा रेत खदान संचालित कर रहे हंै जो पन्ना जिले की जनता के साथ  छलावा है। पन्ना की जनता को मिलने वाली सस्ती रेत उत्तर प्रदेश जा रही है जिससे शासन की मंशा के मुताबिक जिले वासियों को सस्ती रेत की उपलब्धता सपना बन कर रह गई है। 

बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के रेत माफिया कटर्रा ग्राम पंचायत की रेत खदान धरमपुर पुलिस, राजस्व एवं खनिज विभाग के अधिकारियों को अपने तरीके से विश्वास में लेकर यह अवैध कारोबार बेरोकटोक चला रहे हैं। रून्ज नदी में रेत खदान चला रहे माफिया ग्राम पंचायत को भी प्रति गाड़ी के हिसाब से हिस्सा देते हैं। जिससे पंचायत भी इन माफियाओं का सहयोग करती है।

ग्राम की जनता ने कलेक्टर पन्ना का ध्यान आकृष्ट कराते हुये ग्राम पंचायत कटर्रा की रेत खदान से मशीनों का उपयोग बन्द कर पंचायत की लेवर से रेत भरवा कर जनता को रोजगार उपलब्ध करवाये जाने की माँग की है। ग्रामीणों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के रेत माफियाओं की भूमिका समाप्त कर ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं रेत खदान संचालित कर जिले वासियो को रेत उपलब्ध कराई जाये।

इनका कहना है...

0  शासन द्वारा ग्राम पंचायत कटर्रा को रेत संचालन को रेत खदान दी गई है। अगर इसमें उत्तर प्रदेश के लोगो द्वारा संचालित की जा रही है तो इसकी जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार अजयगढ़
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