- मुंबई-हावड़ा ट्रेन रूट पर अलर्ट, ट्रेन चालकों को लगातार हॉर्न बजाने के निर्देश
अरुण सिंह, पन्ना। निकट भविष्य में नेशनल पार्क बनने जा रहे उत्तरप्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र में स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार में टिकरिया और चितहरा मझगवां के आसपास मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघ के आने के निशान वन विभाग को मिले हैं। मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन को लेकर अलर्ट जारी किया गया। अफसरों ने जंगल के बीच रेलमार्ग पर गुजरते समय ट्रेन चालकों को लगातार हॉर्न बजाने के निर्देश दिए गए हैं और आसपास के गांवों में भी सतर्कता बढ़ाई गई है।
मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर सतना मानिकपुर के बीच चितहरा मझगवां से सटे जंगल से गुजरे रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ बाघ की चहलकदमी के निशान मिलने पर वन विभाग ने रेलवे को सतर्क किया है। एक दिसंबर से लगातार बाघ के जंगल में घूमने व बार बार ट्रैक की तरफ आने की सूचना पर वन विभाग मध्य प्रदेश ने सोमवार को रेलवे के उच्चाधिकारियों को जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि मानिकपुर सतना रेलखंड में चितहरा मझगवां के बीच रेलवे ट्रैक पर बाघ घूम रहा है। इस पर रेल प्रशासन ने चितहरा, मझगवां टिकरिया, मारकुंडी व मानिकपुर के स्टेशन मास्टरों व कंट्रोलरों को पत्र भेजकर ट्रेनें 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धीमी गति से गुजारने व सतर्कता रखने को कहा है। रानीपुर वन्य जीव विहार के प्रति पालक जीडी मिश्रा ने बताया मझगवां रेंज में बाघ की चहलकदमी के निशान मिले हैं, इसलिए गश्त बढ़ाई गई है। आसपास गांवों के लोगों को जंगल नहीं जाने की हिदायत दी गई है। बताया कि कई और वन्य जीवों के पन्ना टाइगर रिजर्व से निकलकर चित्रकूट परिक्षेत्र में अक्सर घूमने व फिर लौटने की जानकारी मिली है।
उल्लेखनीय है कि म.प्र. के पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढऩे के कारण अनेकों बाघ अपने लिये नये ठिकाने की तलाश करने कोर क्षेत्र से बाहर निकल रहे हैं। अब तो आलम यह है कि पन्ना के बाघ लम्बी दूरी तय कर पड़ोसी राज्य उ.प्र. की सीमा में भी प्रवेश करने लगे हैं। अभी हाल ही में उ.प्र. में आने वाले बुन्देलखण्ड क्षेत्र के महोबा-हमीरपुर जिले की सीमा में एक बाघ देखा गया था। सूत्रों के मुताबिक हमीरपुर जिले के एक गाँव में खेत से गुजरते हुये ग्रामीणों ने बाघ को न सिर्फ देखा है अपितु दूर से उसकी तस्वीर भी ली थी। मालुम हो कि इस पूरे इलाके में बाघों का सोर्स पापुलेशन सिर्फ पन्ना टाईगर रिजर्व में है। चूँकि यहां पर बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिये बड़ी संख्या में बाघ कोर क्षेत्र से निकलकर बफर के जंगल में विचरण कर रहे हैं। बफर क्षेत्र से ही निकलकर कई बाघ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जंगलों में भी विचरण कर रहे हैं। पन्ना के बाघों ने समूचे बुन्देलखण्ड सहित विंध्य के जंगलों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज की है।
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