Tuesday, January 21, 2020

विलुप्त हो चुकी है अब यह चिड़िया


हम अपने इर्द-गिर्द मौजूद चिड़ियों के संगीत को तो अनसुना करते रहते हैं लेकिन यही संगीत की आवाज जब थम जाती है तो हमे सन्नाटा सुनाई देने लगता है। 2019 की समाप्ति ने कई प्रजातियों की समाप्ति की घोषणा भी की। इन्हीं में शामिल है बहमास की बहामा नटहैच चिड़िया। 2019 में पहली बार जैव-विविधता और पारिस्थितिकी सेवाओं के अंतरराज्यीय विज्ञान नीति मंच (आईपीबीईएस) ने विस्तृत रिपोर्ट में कहा था कि हम 6वीं बार सामूहिक प्रजातियों की विलुप्ति के कगार पर पहुंच रहे हैं। अब तक धरती पर डायनासोर समेत अन्य पांच प्रजातियों की सामूहिक विलुप्ति हो चुकी है।
बहामास में बहामा नटहैच चिड़िया (सिट्टा पुसिल्ला इंसुलरिस) संभवतः विलुप्त हो चुकी है। डोरियन तूफान से पहले सितंबर में सिर्फ दो बहामा नटहैच चिड़िया बची थी। डोरियन तूफान पांचवी श्रेणी का था जिसने स्थानीय जीव-जंतुओं को भी नुकसान पहुंचाया है। 2019 में हुई सभी विलुप्तियों के बारे में एक आम बात ज्ञात हुई कि विलुप्ति द्वीप पर ज्यादा हैं। वहीं, द्वीपों पर लगातार खतरा बढ़ रहा है। एक बड़ा तूफान, कोई हलचल और प्राकृतिक आपदा का इनपर बड़ा नुकसान हो सकता है। मिसाल के तौर ऑस्ट्रेलियाई स्तनधारी चूहों के घर अत्यधिक पानी के चलते बर्बाद हो गए।
एक दिलचस्प बात यह है कि 2019 में एक भी वनस्पति विलुप्त नहीं हुई है। इस पर शोध जारी है। रॉयल बोटानिकल गार्डेन, कीव के निक लुघाडा का कहना है कि यह बहुत ही जटिल है कि वनस्पतियों की विलुप्ति के बारे में कोई फैसला ले लिया जाए। सबसे पहली मुश्किल विविधता में मौजूद ऐसे प्लांट की खोज की जाए। वहीं, कुछ प्लांट के बीज जमीन में पड़े रहते हैं जो बाद में स्फुटित हो जाते हैं। 1753 में स्पीशिज प्लांट्रम में आधे से ज्याद प्रजातियों को दोबारा खोज लिया गया था। इसलिए हमें बड़ा सावधान रहना पड़ता है। 571 प्लांट ऐसे हैं जिनपर विलुप्ति का खतरा है लेकिन इस वर्ष प्लांट की विलुप्ति का कोई मामला नहीं आया है। आईपीबीईएस में यह चेताया गया है कि यदि भूमि संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की गंभीरता को समझ कर उचित कदम न उठाए गए तो पारिस्थितिकी को यह हानि मानवजाति के लिए खतरा पैदा कर देगी।
डाउन टू अर्थ से साभार 

No comments:

Post a Comment