Friday, January 17, 2020

गन्दगी और दूषित पानी से विषाक्त हुई किलकिला नदी

  •   नदी के जहरीले पानी से उगाई जा रही हैं सब्जियां
  •   सब्जियों के साथ घर-घर पहुँच रहे बीमारियों के जीवाणु
  •   नदी में पहुँचता है शहर की गन्दी नालियों और सीवर का दूषित पानी


गन्दे नाले में तब्दील हो चुकी किलकिला नदी।

अरुण सिंह,पन्ना। पवित्र नगरी पन्ना के निकट से प्रवाहित होने वाली किलकिला नदी का पानी बुरी तरह से दूषित और विषैला हो चुका है। पूरे पन्ना शहर की नालियों और सीवर का गन्दा एवं दूषित पानी इस नदी में पहुँचता है। इतना ही नहीं आस-पास के लोग नदी में कूड़ा-कचरा भी फेंकते हैं जिससे यह नदी जिसे किसी समय प्रणामी धर्मावलंबियों की गंगा कहा जाता था वह अब गन्दे नाले में तब्दील हो चुकी है। नदी के इसी दूषित व जहरीले पानी का उपयोग बड़े पैमाने पर सब्जियां उठाने में किया जा रहा है। जिसका सेवन कर नगर के लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बड़ी देवी मन्दिर पुल से लेकर रानीबाग तक किलकिला नदी के दोनों तरफ स्थित भूमि में सब्जियों का उत्पादन होता है। इन खेतों की सब्जियां प्रतिदिन पन्ना शहर में घर-घर पहुँचती हैं, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खतरनाक व हानिकारक हैं। नदी के गन्दे पानी से सींचकर उमाई जा रही सब्जी अपने साथ अनेकों बीमारियों के जीवाणु लोगों तक पहुँचा रही है। अच्छी सेहत के लिये हरी सब्जियों का सेवन बेहतर माना जाता है, लेकिन किलकिला नदी के विषैले पानी से उगाई जा रही हरी सब्जियां सेहत के लिये फायदेमंद होने के बजाय बीमारियां परोसने में मददगार साबित हो रही हैं।
मालुम हो कि एनजीटी के स्पष्ट आदेश हैं कि सीवर के पानी से सिंचाई कर सब्जियां न उगाई जायें। इस संबंध में प्रदेश सरकार को एनजीटी ने बीते साल आदेशित करते हुये कहा था कि प्रदेश में कहां-कहां सीवर के पानी से सब्जियों का उत्पादन किया जाता है, इसका पता लगाया जाये, क्योंकि सीवर के गन्दे पानी से उगाई जाने वाली साब्जियां लोगों के स्वास्थ्य के लिये खतरनाक हैं। एनजीटी ने सीवर के पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों पर रोक लगाने के आदेश दिये हैं। लेकिन एनजीटी के इस अहम व जन स्वास्थ्य से जुड़े आदेश का पन्ना जिले में पालन नहीं किया गया। नतीजतन शहर के आस-पास ही लगभग 2सौ एकड़ भूमि में नदी के दूषित और विषाक्त हो चुके पानी को सींचकर तरह-तरह की सब्जियां उगाई जा रही हैं। इन खेतों में उगने वाली पूरी सब्जियों की खपत पन्ना शहर में ही हो रही है।

नदी के पानी में हैं खतरनाक बैक्टीरिया


 नाले के द्वारा किलकिला नदी में आ रहे गन्दे पानी का दृश्य।

किलकिला नदी में भरा पानी पन्ना शहर की नालियों व सीवर का है, जिसमें बीमारी फैलाने वाले खतरनाक बैक्टीरिया हैं। यह बैक्टीरिया पानी के साथ खेत में पहुँचते हैं। सब्जियां तैयार होने पर पानी के साथ पौधे में पहुँचे बैक्टीरिया किसी न किसी रूप में सब्जियों में भी मौजूद रहते हैं, जिसका सेवन करने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। मौजूदा समय किलकिला नदी के दोनों तरफ स्थित खेतों में आलू, टमाटर, मिर्च, मूली, बैगन, गोभी, पत्तागोभी, पालक, मैथी, लाल भाजी, जैसी सब्जियां लहलहा रही हैं। देखने में हरे भरे और सुन्दर दिखने वाली ये सब्जियां सेहत की दृष्टि से बेहद खतरनाक हैं।

सूँघने पर सब्जियों से आती है दुर्गन्ध


नदी किनारे खेत में लगी पत्तागोभी की फसल।
नदी का पानी इस कदर दूषित और दुर्गन्धयुक्त है कि नदी के किनारे कुछ देर तक खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। इस पानी को सींचकर उगाई जा रही सब्जियों को सूंघने पर दुर्गन्ध स्पष्ट रूप से महशूस की जा सकती है। हरी सब्जियों विशेषकर पालक, मैंथी, धनिया, मूली व पत्तागोभी को संूघकर ही पता लगाया जा सकता है कि इन्हें किलकिला नदी के पानी से उगाया गया है। सब्जी उगाने वाले कृषक यहां की सब्जी लेकर जब बाजार पहुँचते हैं तो वे इस बात को छिपाने का प्रयास करते हुये यही बताते हैं कि सब्जी दूसरी जगह से लाई गई है। कृषि वैज्ञानिकों का भी यह कहना है कि सीवर के गन्दे पानी में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया होते हैं, इस पानी का उपयोग कर उगाई जाने वाली सब्जियां स्वास्थ्य के लिये हानिप्रद साबित हो सकती हैं।
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