- जिले में नहीं थम रहा रफ्तार का कहर
- पन्ना-सतना मार्ग पर मोहनगढ़ी के पास की घटना
- 48 घण्टे के भीतर यह दूसरा बड़ा सड़क हादसा
पन्ना-सतना मार्ग पर मोहनगढी के पास घटना स्थल जहां पर यात्री बस पलटी। |
अरुण सिंह, पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पन्ना जिले में रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। 48 घण्टे के भीतर बुधवार को फिर बड़ा हादसा घटित हुआ है, जिसमें एक यात्री की जहां मौके पर ही दर्दनाक मौत हुई है, वहीं इस हादसे में दो दर्जन से भी अधिक यात्री घायल हुये हैं। यह भयावह हादसा सुबह तकरीबन 11 बजे पन्ना-सतना मार्ग पर मोहनगढ़ी के पास उस समय घटित हुआ, जब यात्रियों से खचाखच भरी बस अचानक अनियंत्रित हुई और हिचकोले खाते हुये पलट गई। बस के पलटने पर घटना स्थल में कोहराम मच गया। लहूलुहान यात्रियों को पुलिस तथा मौके पर पहुँचे स्थानीय लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुँचाया गया, जहां घायलों का इलाज चल रहा है।
लहूलुहान महिला यात्री। |
मालुम हो कि इस हादसे के बमुश्किल 48 घण्टे पूर्व ही सोमवार को पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर नवोदय विद्यालय के पास बस पलटी थी। इस हादसे में दो नाबालिग छात्रों की जहां मौत हो गई थी, वहीं डेढ़ दर्जन से भी अधिक यात्री व स्कूली बच्चे घायल हुये थे। आये दिन हो रहे सड़क हादसों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये जिस तरह के उपाय किये जाने चाहिये, वह नहीं किये जा रहे। जिले में खटारा हो चुकी बसें मनमाने तरीके से सवारियों को भरकर सड़कों में क्षमता से अधिक सवारियां भरकर तेज रफ्तार से लापरवाहीपूर्वक यात्री बसों को भगाने से इस तरह के हादसे होते हैं, जिस पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है।
कलेक्टर ने घायलों का जाना हाल
जिला चिकित्सालय में घायलों से बातचीत करते कलेक्टर श्री शर्मा। |
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा जिला चिकित्सालय पहुँचकर वहां इलाज करा रहे घायलों का हाल जाना। उन्होंने बस दुर्घटना में घायलों से मुलाकात कर कहा कि आप लोगों की हरसंभव सहायता की जायेगी। मौके पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि सभी घायलों का आवश्यकतानुसार नि:शुल्क उपचार करें। मौके पर उपस्थित राजस्व अधिकारी को निर्देश दिये कि इन सभी के नियमानुसार आर्थिक सहायता संबंधी प्रकरण तैयार कर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाये। कलेक्टर श्री शर्मा ने मौके पर उपस्थित चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मचारियों को निर्देश दिये कि घायलों को किसी तरह की परेशानी न हो। इस बात का ध्यान रखें। इन मरीजों की देखरेख के लिये रात्रि में भी डॉक्टर एवं चिकित्सा स्टाफ उपलब्ध रहे।
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