Monday, February 3, 2020

प्राचीन तालाबों की भूमि पर कब्जाकर हो रही खेती

  •  सीमांकन की कार्यवाही होने पर बड़े क्षेत्र में मिला अतिक्रमण
  •   कलेक्टर पन्ना के निर्देशन पर तालाबों का हो रहा सीमांकन
  •   अतिक्रमणों को चिह्नित कर हटाने की होगी कार्यवाही


राजशाही ज़माने में निर्मित पन्ना का प्राचीन लोकपाल सागर तालाब।   
अरुण सिंह,पन्ना। मन्दिरों के शहर पन्ना को तालाबों और झीलों का शहर भी कहा जाता है। शहर के आस-पास अनेकों प्राचीन तालाब हैं जो पन्ना शहर के जीवन का आधार हैं। लेकिन प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही के चलते इन जीवनदायी तालाबों की जमीन में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करते हुये लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। अतिक्रमण की इस प्रवृत्ति के चलते तालाबों का वजूद संकट में पड़ गया है। शहर के इन जीवनदायी तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल व प्रयास नहीं हुये। देर से ही सही लेकिन अब पन्ना के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने इन तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन्हें सुरक्षित और संरक्षित करने की मुहिम शुरू की है। जिसकी नगरवासियों द्वारा भूरि-भूरि सराहना की जा रही है।

तालाब की भूमि का सीमांकन करते हुये राजस्व कर्मचारी।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार की पहल पर माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिये पन्ना जिले में भी  एंटी माफिया सेल का गठन किया गया है। जमीन, खनिज और शराब माफियाओं पर कार्यवाही के सख्त आदेश भी दिये गये हैं। मीडिया के लगातार ध्यान आकृष्ट कराने के बाद पन्ना शहर में एंटी मीडिया सेल सक्रिय हुआ है। नगर के ऐतिहासिक तालाबों का सीमांकन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के आदेश के बाद शुरू हो गया है। शुरू हुये सीमांकन में पहले दिन राजस्व निरीक्षक जमुना प्रसाद रावत के नेतृत्व में बनी एक टीम ने लोकपाल सागर में सीमांकन शुरू किया जिसमें बड़े पैमाने में अतिक्रमण पाया गया है। आरआई जे.पी. रावत ने बताया कि कलेक्टर के आदेशानुसार और तहसीलदार सुश्री दीपा चतुर्वेदी के नेतृत्व में यह सीमांकन शुरू किया गया है। लोकपाल सागर का क्षेत्रफल 140 हेक्टेयर है जिसमें कई कब्जा धारी पाये गये हैं। जे.पी. रावत ने बताया कि लोकपाल सागर के खसरा क्र. 224 में राम चरण पिता दिल्ली कुशवाहा ने 2 हेक्टेयर में अतिक्रमण कर रखा है। इसी तरह खसरा क्र. 230 में अब्दुल मजीद पिता अब्दुल सलाम निवासी रानीगंज ने 0.92 हेक्टेयर में फसल बोकर कब्जा किया है। खसरा क्र. 224 में अब्दुल हसीब पिता अब्दुल सलाम ने 0.10 हेक्टेयर में तथा अनीश बैग गन पति अब्दुल सलाम ने 224 खसरा क्र. में 0.80 हेक्टेयर में जोत कर फसल बो रखी है। श्री रावत ने बताया कि और भी बड़े कब्जा धारी हैं क्योंकि प्रथम दिन इतना ही सीमांकन हुआ है। सीमांकन पूर्ण न होने के कारण कल भी सीमांकन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले कब्जा धारियों को चिन्हित कर प्रतिवेदन तैयार किया जायेगा इसके बाद संपूर्ण तालाब क्षेत्र से कब्जा हटाने की कार्यवाही की जायेगी। लोकपाल सागर में खेत बना कर खेती कर रहे लोगों पर कार्यवाही की जानी है क्योंकि प्रशासन पहले भी कई अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर चुका है पर हमेशा वही अतिक्रमणकारी बाउंड्री बनाकर फिर खेती करने लगते हैं।

धरम सागर का भी हुआ सीमांकन, दो कब्जाधारी मिले

धरम सागर तालाब का सीमांकन कर रहे सदर पटवारी रामकरण बागरी ने बताया कि मेरी टीम ने धरम सागर तालाब का सीमांकन किया, जिसमें मोघा यानी उगाह के पास दो सेन परिवारों ने मकान बनाकर कब्जा कर रखा है। धरम सागर तालाब 29 हेक्टेयर का है यहां अन्य कब्जा धारी नहीं मिले। श्री बागरी ने कहा कि जो कब्जा धारी हैं उन्हें चिन्हित कर कब्जा हटाने की कार्यवाही की जायेगी। जब उनसे पूछा गया कि जो झुग्गी मकबरे के पास बनी है। उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है तब सदर पटवारी का कहना था कि अभी कलेक्टर का आदेश तालाब का सीमांकन करने का प्राप्त हुआ है और तालाब का ही सीमांकन किया गया है। शेष अतिक्रमण के लिये आगामी आदेश के बाद कार्यवाही की जायेगी।
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