- पूरी सावधानी एवं ईमानदारी के साथ कार्य करने कलेक्टर ने दिये निर्देश
- प्रत्येक तहसील क्षेत्र में आबादी से बाहर बनाये जायेंगे कोबिड केयर सेंटर
सर्वे के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा देते हुये कलेक्टर कर्मवीर शर्मा। |
अरुण सिंह,पन्ना। कोरोना वायरस से सम्बंधित लक्षणों सहित अन्य दूसरी बीमारियों से पीड़ित सभी व्यक्तियों का सर्वे होगा। तृतीय चरण के इस सर्वे के संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा जिले के विकासखण्ड मुख्यालयों का भ्रमण कर राजस्व, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, पुलिस आदि विभाग के खण्ड स्तरीय एवं मैदानी कर्मचारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे में शत प्रतिशत व्यक्तियों का सर्वे किया जाना है। इनमें कोरोना वायरस से संबंधित लक्षण सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सांस फूलना आदि के अलावा अन्य बीमारियों से पीडित व्यक्तियों की जानकारी एवं उम्र का सर्वे किया जायेगा। अन्य बीमारियों में हृदय रोग, शुगर, ब्लड प्रेसर, केंसर, किडनी, लीवर आदि की बीमारी से पीडित व्यक्तियों का भी पूर्ण विवरण तैयार किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे द्वारा जिले में अन्य राज्यों एवं जिलों से आये हुए व्यक्तियों को क्वारेन्टाइन किया गया था। इन सब का स्वास्थ्य सामान्य पाये जाने पर इन्हें अपने अपने घरों पर भेज दिया गया है। इस स्थिति में हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि जिन व्यक्तियों को क्वारेन्टाइन से बाहर घरों पर भेजा गया है उनमें कोई भी व्यक्ति ऐसा हो सकता है जिसे कोरोना वायरस का संक्रमण रहा हो और वह रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण बीमार नहीं हुआ हो और स्वस्थ स्थिति में घर चला गया। ऐसा व्यक्ति कोरोना वायरस का केरियर हो सकता है, जो अपने घर परिवार में बुजुर्ग एवं बीमार कम रोग प्रतिरोधक वाले व्यक्तियों के सम्पर्क में आने पर उससे कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ऐसे संक्रमित बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्तियों पर कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत तेजी से होगा। इसलिए हमें शत प्रतिशत लोगों का घर - घर जाकर सर्वे करना है। यदि एक बार जाने पर संबंधित परिवार के सभी सदस्य नही मिलते तो एक से अधिक बार मिलने का समय पता कर उस परिवार के शत प्रतिशत लोगों का सर्वे कर जानकारी तैयार की जानी है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि तृतीय चरण का होने वाला सर्वे अतिआवश्यक एवं महत्वपूर्ण हैै, इसमें सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी आदि के अलावा अन्य जटिल बीमारियों से पीडित बुजुर्ग व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखनी होगी। जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में चलित चिकित्सा दल इकाई प्रतिदिन सर्वे की सूची प्राप्त कर चिन्हित व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के साथ घर पर ही उपचार उपलब्ध करायें। जिससे हमारे पास जिले के प्रत्येक बीमार एवं कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना वाले व्यक्तियों की सूची कार्य में लगे सभी अधिकारियों के पास उपलब्ध रहे। सभी अधिकारी, कर्मचारियों को पूर्व में ही प्रशिक्षण एवं आवश्यक दिशानिर्देश दिये जा चुके हैं। कही भी कोई भी संदेहास्पद कोरोना पीडित व्यक्ति मिलता है तो बगैर किसी निर्देश की प्रतिक्षा किये त्वरित कार्यवाही प्रत्येक स्तर से की जाये। इसमें जरा सी भी लापरवाही बहुत बडी संकट की स्थिति निर्मित कर सकती है।
उन्होंने बताया कि यदि कही पर भी कोरोना वायरस का संभावित पॉजीटिव रोगी मिलता है तो तहसील स्तर पर गठित किये गये त्रिस्तरीय चलित चिकित्सा दल में से प्रथम दल उस व्यक्ति के घर पहुंचेगा और संबंधित परिवार को आवश्यक समझाईश देने के साथ पीडित व्यक्ति के सम्पर्क में आये व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करेगा। इसी दौरान उस परिवार के आवास की 3 किलो मीटर की परिधि को सील कर दिया जायेगा। इस परिधि के अन्दर स्वतः ही कर्फ़्यू प्रभावशील हो जायेगा। यह कार्य पुलिस, राजस्व एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। इसके उपरांत संभावित रोगी के घर से एक किलो मीटर की परिधि को पूरी तरह सील किया जायेगा। इसी दौरान रोगी के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों से चिकित्सा दल की चलित इकाई क्रमांक 2 रोगी के प्रथम सम्पर्क में आये व्यक्तियों के घर घर जाकर उनके सम्पर्क में आये व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करेगा। इसके उपरांत चलित चिकित्सा इकाई दल क्रमांक 3 द्वितीय सम्पर्क मेें आये व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनकी सम्पूर्ण जानकारी एकत्र करेगा। प्रथम दल द्वारा संभावित रोगी को क्वारेंटाईन के लिये ले जायेगा। इसके उपरांत उसका नमूना लेने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क स्थापित करेगा। रोगी का नमूना जांच के लिये आने के उपरांत यदि रोगी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो संबंधित रोगी को जिला चिकित्सालय की चिकित्सा इकाई उपचार के लिये जिला मुख्यालय ले आयेगी। तहसील स्तर के दलों द्वारा तुरंत प्रथम सम्पर्क वाले लोगों को कोबिड सेंटर एक में लाकर रखेगी। वहीं द्वितीय सम्पर्क वाले व्यक्तियों को कोबिड सेंटर दो में रखा जायेगा।
प्रत्येक राजस्व अधिकारी अपने अपने तहसील मुख्यालय क्षेत्र की आबादी से बाहर शासकीय भवनों में कोबिड केयर सेंटर स्थापित करें। इन कोबिड केयर सेंटरों में दो तरह के कोबिड केयर सेंटर होंगे। जिनमें प्रथम सम्पर्क वाले व्यक्ति रखे जायेंगे। उसे कोबिड केयर सेंटर एक तथा द्वितीय सम्पर्क वाले व्यक्तियों को रखने के लिए कोबिड केयर सेंटर दो का नाम दिया जायेगा। इन सेंटरों में सेंटर क्रमांक एक में एक कमरे में एक व्यक्ति के रखने की व्यवस्था की जायेगी। कोबिड क्रमांक दो में यदि कमरे बडे बडे हैं तो अधिकतम दो व्यक्तियों को रखा जा सकेगा। प्रत्येक सेंटर में रखे जाने वाले व्यक्तियों के लिए बिस्तर पृथक - पृथक तैयार रखे जायें । पेयजल के पात्र भी अलग - अलग रखे जाये। प्रत्येक सेंटर में शौचालय की व्यवस्था के साथ सफाई कर्मचारी रखे जायें। इन सेंटरों को अभी से सेनेटाइज करने के साथ यदि व्यक्तियों को रखा जाता है तो प्रतिदिन सेनेटाईजर एवं साफ सफाई की व्यवस्था की जाये। आपने बताया कि प्रत्येक सेंटर में पुलिस बल तैनात रहेगा। जिससे केयर सेंटर में रखा गया व्यक्ति सेंटर से बाहर निकलकर किसी भी व्यक्ति से न मिल सके। इसके अलावा सेंटर में कोई भी बाहरी व्यक्ति आकर किसी भी व्यक्ति से मिल नहीं सकेगा। सेंटरों में निर्धारित व्यक्तियों द्वारा भोजन के पैकेट सेंटर में रह रहे लोगों को उपलब्ध कराये जायेंगे। इस भ्रमण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एल. के. तिवारी द्वारा बैठक में उपस्थितों को हाईरिस्क संभावित एवं लोरिस्क संभावित व्यक्तियों की जानकारी देने के साथ तहसील स्तर पर गठित चलित चिकित्सक दल के सदस्यों को रोगियों की पहचान सुनिश्चित करने तथा किस रोगी का नमूना लिया जाना है, कैसे लिया जाना है इस संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया गया। आपने कहा कि नमूना लेने के लिए चयनित व्यक्तियों को एक स्थान पर लाने के उपरांत जिला चिकित्सालय की टीम के साथ पूर्ण सुरक्षात्मक तैयारियां एवं पीपीई किट पहनकर ही नमूने लिये जा सकेंगे।
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