Sunday, May 3, 2020

कोरोना संक्रमित के मिलते ही पन्ना ग्रीन जोन से हुआ ऑरेंज

  •  पहला संक्रमित मरीज मिलते ही मचा हड़कंप, सतर्कता बढ़ी 
  •  यह मजदूर 30 अप्रैल को  महाराष्ट्र धरावी से आया था पन्ना 

 पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद क्वारेंटाइन सेंटर में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक  तथा सीएमएचओ चर्चा करते हुये। 

अरुण सिंह,पन्ना। बुन्देलखण्ड क्षेत्र का पन्ना जिला 2 मई की शाम तक ग्रीन जोन में शामिल था, लेकिन कोरोना संक्रमित पहले मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद यह ऑरेंज जोन में शामिल हो गया है। दूसरे प्रान्तों के हॉट स्पॉट इलाकों से बड़ी संख्या में प्रतिदिन आ रहे मजदूरों को देखते हुये यह आशंका बनी हुई थी कि पन्ना ज्यादा दिनों तक ग्रीन जोन में नहीं रह पायेगा, जो सच साबित हुआ। विगत 30 अप्रैल को अपने अन्य साथियों के साथ जो मजदूर महाराष्ट धरावी से आया था वह कोरोना संक्रमित पाया गया है। यह खबर शनिवार की शाम जैसे ही प्रकाश में आई समूचे जिले में हड़कंप मच गया। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी तथा सीएमएचओ डॉ एल. के. तिवारी सहित स्वास्थ अमला की टीम आनन फानन रात्रि में ही बनौली गांव स्थित क्वारेंटाइन सेंटर पहुंची जहाँ इस मरीज को आइसोलेशन में रखा गया था। क्वारेंटाइन सेंटर के चारो तरफ फोर्स लगाकर इलाके को सील कर दिया गया है।
मामले के सम्बन्ध में देर रात्रि जिला प्रशासन से मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक पन्ना में एक केस पॉजिटिव प्राप्त हुआ है जो अजयगढ़ तहसील के ग्राम हरदी का रहने वाला है। यह 30 तारीख को मुंबई से सिमरिया बॉर्डर पर आया था। इसको तथा इसके अन्य साथियों को सिमरिया बॉर्डर पर ही रोक लिया गया था तथा इन्हें समीप हॉस्टल में आइसोलेट कर दिया गया था। सीएमएचओ डॉ एल. के. तिवारी ने बताया कि ग्रुप के 10 सदस्यों मे से 9 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव और एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आपने बताया कि पॉजिटिव मरीज भी अभी बीमारी के प्रत्यक्ष लक्षण से मुक्त है तथा इसका प्रारंभिक उपचार बनौली कोविड सेंटर मे शुरू किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज 30 अप्रैल को अपने अन्य साथियों के साथ जब पन्ना जिले में प्रवेश किया था तो उसे सिमरिया चेकपोस्ट से सीधा हॉस्टल (क्वारेंटाइन सेंटर) ले जाया गया था।  इनका संपर्क किसी रहवासी क्षेत्रों में नहीं हुआ है अतः पन्ना जिले के सभी नागरिक सुरक्षित हैं किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन द्वारा जारी प्रेस नोट में लेख किया गया है कि इनकी फर्स्ट कांटेक्ट पर्सन की हिस्ट्री निकाल ली गई है जिसमें 8 लोग प्राप्त हुए हैं। इन आठों लोगों के सैंपल ले लिये गये हैं तथा सभी डॉक्टर की निगरानी में कोविड सेन्टर में हैं। इनके सेकंड कांटेक्ट पर्सन को भी आईडेंटिफाई किया जा चुका है तथा उन्हें भी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन एवं पुलिस  की निगरानी में आइसोलेशन में रखा गया है। प्रशासन द्वारा जिले के लोगों को आश्वस्त किया गया है कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, सभी लोग ट्रेस हो चुके हैं तथा वे किसी भी रहवासी क्षेत्र के संपर्क में नहीं आये हैं।

 जिले में अब तक लिये गये  214 नमूने  

लॉकडाउन के बाद पन्ना जिले में अब तक कुल 214 नमूने ही लिये गये हैं जो जिले की आबादी व लॉकडाउन के दौरान यहाँ पहुंचे प्रवासी मजदूरों की संख्या को द्रष्टिगत रखते हुये बहुत कम है। जाँच की धीमी गति चिंता की बड़ी वजह बनी हुई है। अधिकृत जानकारी के मुताबिक अब तक जिले में बाहर से कुल 15345 लोग आये हैं जिनकी स्क्रीनिंग की जा चुकी है लेकिन जाँच हेतु नमूने नहीं लिये गये। जब यह तथ्य सभी के संज्ञान में है कि बिना लक्षण वाले व्यक्तियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही है ऐसी स्थिति में संभावित मरीजों को आईडेंटिफाई करने के लिये क्या जाँच की रफ़्तार बढ़ाना जरुरी नहीं है? मालुम हो कि शनिवार को जिस प्रवासी युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है उसमें भी बीमारी के प्रत्यक्ष लक्षण नहीं पाये गये थे।
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