Sunday, May 3, 2020

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ की हुई संदिग्ध मौत

  • वन कर्मियों को गश्ती के दौरान  कोनी नाला में मिला क्षत-विक्षत शव
  • टाइगर रिज़र्व के वन परिक्षेत्र गहरीघाट अंतर्गत बीट कोनी का मामला 


पन्ना टाइगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र गहरीघाट अंतर्गत कोनी नाले में पड़ा बाघ का शव। 

अरुण सिंह,पन्ना।
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक युवा बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की जानकारी मिली है। बताया गया है कि मृत बाघ की उम्र लगभग 15 माह है, जो बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत पन्ना टाइगर रिजर्व में जन्मी बाघिन पी- 213 (32) का शावक है। वन कर्मियों को गश्ती के दौरान रविवार को आज कोनी नाला में क्षत-विक्षत हालत में बाघ का जो शव मिला है, वह  7- 8 दिन पुराना प्रतीत होता है। बाघ की मौत कैसे व किन परिस्थितियों में हुई इसकी वजह व कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। मृत बाघ के शव से सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजा जा रहा है।
क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन पी- 213 (32) के चार शावक थे जो 15 माह की उम्र के हो चुके थे। इन्हीं शावकों में से किसी एक की संदिग्ध मौत हुई है। बताया गया है कि कोनी नाला जहां बाघ का शव सड़ी - गली हालत में मिला है वह गहरी घाट वन परिक्षेत्र के बीट कोनी व कक्ष क्रमांक 510 में आता है। पूर्व में भी इस इलाके में दो रेडियो कॉलर वाली बाघिनों की मौत हो चुकी है। जिससे इस वन परिक्षेत्र में बाघों की सुरक्षा व निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुये हैं। गश्ती दल को रविवार 3 मई की दोपहर जैसे ही बाघ का शव नाले में पड़ा मिला तत्काल इसकी सूचना पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया, उपसंचालक जरांडे ईश्वर राम हरि, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ संजीव कुमार गुप्ता व संबंधित वन अमला मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाकर सर्चिंग करवाई गई लेकिन अवैध गतिविधि के कोई चिन्ह नहीं पाये गये। शव के नाम पर मौके में बाघ की हड्डियां व सड़ - गल चुका अवशेष मिला, जिससे जांच के लिए सैंपल लिया गया है। मृत बाघ नर है या मादा अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

बाघ का किया गया दाह संस्कार 

कोनी नाले में बीचो बीच पत्थरों के ऊपर पड़े मिले बाघ के कंकाल का वन्य प्राणी चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम किये जाने के उपरांत सेम्पल एकत्रित किया गया। इसके बाद क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिज़र्व, उप संचालक, वन्य प्राणी चिकित्सक, प्रतिनिधि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण इन्द्रभान सिंह बुन्देला एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में बाघ का दाह संस्कार किया गया।

बीते एक माह में हुई 10 बाघों की मौत 

उल्लेखनीय है कि गर्मी के इस मौसम में कोरोना संकट के बीच जब लॉकडाउन चल रहा है, उस समय टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में बाघों की हो रही लगातार मौतों से वन्यजीव प्रेमी चिंतित हैं। लॉकडाउन के दौरान बीते 1 माह में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तकरीबन 10 बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें पन्ना टाइगर रिजर्व का यह बाघ भी शामिल है। गौरतलब बात तो यह है कि असमय काल कवलित हुए सभी बाघों की उम्र 10 वर्ष से कम है, जो निश्चित ही टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति है।
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