Thursday, May 7, 2020

प्रवासी मजदूरों के जिले में प्रवेश पर स्क्रीनिंग की त्रिस्तरीय व्यवस्था

  • आने वाले हर श्रमिक को भोजन एवं गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था जारी
  • विभिन्न प्रांतों से अब तक अपने घर पहुंच चुके हैं 5 हजार से अधिक श्रमिक 


पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा

अरुण सिंह,पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों के स्क्रीनिंग की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि कोबिड-19 विश्व महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने एवं प्रदेश को संक्रमित राज्य घोषित होने के उपरांत जिला प्रशासन द्वारा मुस्तैदी के साथ कार्यवाही की जा रही है। देश के 29 प्रांतों में जिले के लगभग 9 हजार प्रवासी श्रमिक हैं। इन श्रमिकों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक राज्य एवं उन राज्यों के जिला कलेक्टरों एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा दूरभाष, ईमेल तथा संचार के अन्य माध्यमों के द्वारा सम्पर्क स्थापित कर इनकी हरसंभव सहायता की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इन श्रमिकों को अपने जिले और ग्राम मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जा रही है। अभी तक देश के विभिन्न प्रांतों से 5 हजार से अधिक श्रमिक अपने घरों तक पहुंच चुके हैं। प्रवासी श्रमिकों के उनके घरों की वापसी के लिए ट्रेनें चलाई गयी हैं। ट्रेनों की रवानगी दिनांक प्रदेश के प्रत्येक जिला कलेक्टर को दी जाती है। जिला प्रशासन द्वारा अपने जिले के श्रमिकों की जानकारी ट्रेन रवाना होने वाले प्रदेश के अधिकारियों एवं संबंधित जिले के अधिकारियों को दी जाती है जिससे श्रमिक अपने जिला मुख्यालय के स्टेशन अथवा जिला मुख्यालय के निकटतम रेल्वे स्टेशन तक पहुंच सकें। जिला प्रशासन द्वारा संबंधित रेल्वे स्टेशन से श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है।
जिला मुख्यालय पर प्रवासी श्रमिकों के लाने संबंधी व्यवस्था का नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर  जे.पी. धुर्वे को बनाया गया है। उनके मार्गदर्शन में राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा पूरी कार्यवाही का सम्पादन किया जा रहा है। जिले के श्रमिकों को निकटतम रेल्वे स्टेशन झांसी, हरपालपुर, खजुराहो, सतना, रीवा आदि से ट्रेन से आये हुए श्रमिकों को लाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाती है। जिला मुख्यालय पर जब श्रमिक पहुंचता है तो उसकी चिकित्सक दल द्वारा स्क्रीनिंग करने के साथ उसकी पूरी जानकारी पंजीबद्ध करने के साथ गूगल सीट पर दर्ज की जाती है। आने वाले हर श्रमिक को जिला मुख्यालय पर भोजन उपलब्ध कराने के साथ उन्हें वाहन से तहसील मुख्यालय भेजा जाता है। तहसील मुख्यालय पर पुनः श्रमिक की स्क्रीनिंग की जाती है। यहां पर भी श्रमिक की सम्पूर्ण जानकारी को पंजीबद्ध करने की व्यवस्था की गई है। इसके उपरांत श्रमिक को संबंधित ग्राम पंचायत या उसके ग्राम पहुंचने पर उसकी स्क्रीनिंग करने के साथ - साथ उसे होम क्वारेंटाइन किया जाता है। उसके मकान पर श्रमिक के क्वारेंटाइन किये जाने की जानकारी चस्पा करने के साथ ग्राम स्तर पर गठित अभ्युदय दल के कर्मचारियों एवं आशा व आगंनवाडी कार्यकर्ता को जानकारी दी जाती है कि इस गांव में इस इस व्यक्ति को होम क्वारेंटाइन किया गया है। जिससे उस व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सके। क्वारेंटाइन किए गये प्रवासी श्रमिक के स्वास्थ्य की जानकारी समय - समय पर चलित इकाई के चिकित्सा दल द्वारा ली जाती है। आवश्यकता होने पर आवश्यक उपचार एवं लक्षण दिखाई देने पर उसके नमूने लेने की व्यवस्था की जाती है।

प्रवासी श्रमिक कोरोना नियंत्रण कक्ष में दें अपनी जानकारी

जिले के नागरिकों एवं प्रवासी व्यक्तियों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए ई-नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इस नियंत्रण कक्ष में जिले की सीमाओं के अन्दर के निवासी एवं जिले से बाहर प्रवास पर रहने वाले व्यक्तियों की समस्याओं के संबंध में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा जिले के आम नागरिकों एवं जो जिले से बाहर प्रवास पर हैं उनसे अपेक्षा की है कि जिला मुख्यालय पर जिला कोरोना कन्ट्रोल रूम में स्थापित दूरभाष क्रमांक 07732-253262 तथा मोबाइल नम्बर 9425962024 पर वाट्सअप मैसेज प्राप्त करने के साथ 9425383782 मोबाइल नम्बर पर अपनी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद की जायेगी। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 104 और 181 पर दर्ज ऑनलाईन समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा बताया गया कि आम आदमी की समस्याओं के निराकरण के लिए जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों तथा समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी प्रवासी व्यक्ति अपने मूल निवास के तहसील मुख्यालय पर पदस्थ अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित कर सकता है।
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